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दिवाली की सफाई ने बढ़ा दी है डस्ट एलर्जी, तो ये 6 घरेलू नुस्खे दे सकते हैं आपको राहत

Published on:6 November 2023, 20:59pm IST

डस्ट एलर्जी में सबसे अधिक प्रभाव रेस्पिरेटरी सिस्टम पर पड़ता है। इसके अलावा सर्दी, खांसी, गले एवं नाक संबंधी संक्रमण लोगों को परेशान कर देते हैं। आप चाहे तो कुछ खास घरेलू नुस्खे आजमा कर इस समस्या को आसानी से अलविदा कह सकती हैं।

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दिवाली में बेहद आम हो जाती है डस्ट एलर्जी

इस फेस्टिव सीजन खासकर दिवाली को लेकर साफ सफाई करते हुए बहुत से लोग डस्ट एलर्जी का शिकार हो जाते हैं। डस्ट एलर्जी में सबसे अधिक प्रभाव रेस्पिरेटरी सिस्टम पर पड़ता है। इसके अलावा सर्दी, खांसी, गले एवं नाक संबंधी संक्रमण लोगों को परेशान कर देते हैं। हालांकि, इससे निपटने के लिए आपको दवाइयों की आवश्यकता नहीं होती, आप चाहे तो कुछ खास घरेलू नुस्खे आजमा कर इस समस्या को आसानी से अलविदा कह सकती हैं। तो चलिए जानते हैं ऐसे ही कुछ प्रभावी नुस्खों के बारे में।

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तुलसी

तुलसी में कूलिंग बायोएक्टिव कंपोनेंट और एंटीमाइक्रोबॉयल एलिमेंट पाए जाते हैं। तुलसी रेस्पिरेटरी समस्या जैसे की डस्ट और एलर्जी को ट्रीट करने के लिए इस्तेमाल होने वाला एक बेहद पुराना नुस्खा है। तुलसी की कुछ पत्तियों को क्रश करके पानी में अच्छी तरह उबाल लें, और उसे पिएं। यह इन्फ्लेमेशन और डस्ट एलर्जी को ट्रीट करने में आपकी मदद करेगा।

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कलौंजी

कलौंजी माइक्रोबॉयल एजेंट का सुपर हाउस है, यह रेस्पिरेट्री ट्रैक्ट के इन्फ्लेमेशन और इन्फेक्शन को ट्रीट करने में बेहद प्रभावी रूप से कार्य करता है। बेहतर परिणाम के लिए कलौंजी के तेल को नाक, गले एवं छाती पर अप्लाई करें। साथ ही साथ इससे छाती की मसाज करें। बेहतर परिणाम के लिए नियमित रूप से दो बार इस प्रतिक्रिया को दोहराएं।

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एप्पल साइडर विनेगर

एप्पल साइडर विनेगर में एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टी पाई जाती है। यह डस्ट एलर्जी और सर्दी- खांसी के संक्रमण के लक्षणों पर नियंत्रण पाने में आपकी मदद करेंगे। इसके साथ इसमें एंटीमाइक्रोबॉयल प्रॉपर्टी पाई जाती हैं, जो एलर्जी को बढ़ाने से रोकने का काम करती हैं। एक गिलास गर्म पानी में दो चम्मच एप्पल साइडर विनेगर और एक चम्मच शहद डालें, सभी को एक साथ मिला लें और इसे पिएं। एलर्जी की स्थिति में इसे दिन में दो से तीन बार पी सकती हैं।

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हल्दी

डस्ट एलर्जी को ट्रीट करने के लिए हल्दी एक सबसे बेहतरीन होम रिमेडी साबित हो सकती है। हल्दी में करक्यूमिन नामक एक्टिव कंपाउंड पाए जाते हैं, जो प्राकृतिक रूप से रेस्पिरेटरी समस्याओं को ट्रीट करते हैं। यह शरीर में हिस्टामाइन के प्रोडक्शन को कम कर देती हैं और एलर्जी को ट्रिगर होने से रोकती हैं। इसके अलावा इसकी एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज संक्रमण से बचाव में मदद करती है। आप साधारण पानी में मिलाकर या फिर दूध के साथ दो चुटकी हल्दी ले सकती हैं।

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पेपरमिंट टी

पेपरमिंट में एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टी पाई जाती हैं। पेपरमिंट का तेल कफ को बाहर निकालने में एक प्रभावी घरेलू नुस्खे के तौर पर काम करता है। वहीं एलर्जी के कारण बार-बार छींक आने की समस्या, नाक से पानी आना और खांसी आने पर पेपरमिंट पीने से फौरन राहत मिलती है। पेपरमिंट की पत्तियों को एक कप पानी में उबाले और इसमें आधा चम्मच शहद मिलाएं, फिर इसे पिएं। एलर्जी होने पर आप इसे दिन में दो से तीन बार पी सकती हैं।

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आंवला

आंवला आंटी एलर्जी होने के साथ ही इसमें आंटी माइक्रोबॉयल कंपाउंड भी पाए जाते हैं। यह रेस्पिरेट्री इनफेक्शन को ट्रीट करने का एक प्रभावी तरीका है। आंवला का फ्रेश जूस निकालें और उसमें दो चुटकी दालचीनी पाउडर मिलाकर पिएं। डस्ट एलर्जी होने पर इस टॉनिक को दिन में दो बार पिएं, यह हानिकारक बैक्टीरिया के प्रभाव को कम कर गले के संक्रमण तथा नाक संबंधी समस्या से छुटकारा दिलाता है।

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