अब भी ढो रही हैं बुरे अनुभवों की याद? एक्सपर्ट बता रहीं हैं खुशियों में फिर से लौटने का तरीका
रिश्तों में विवाद (Relationship stress) और कठिनाइयां दर्दनाक अनुभव बन सकते हैं और इससे मनोदशा का सामना करने व कुल मिलाकर मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) की सही स्थिति बनाए रखने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। यह एक तरह का पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (Post traumatic stress disorder) ही है। जिसमें आप बुरे अनुभवों की याद से लंबे समय तक जूझते रहते हैं।
यहां तक कि जब कोई व्यक्ति खुद को इस स्थिति से बाहर निकाल लेता है, तब भी पुराने अनुभव लंबे समय तक किसी व्यक्ति को प्रभावित कर सकते हैं।
हो सकती हैं ये समस्याएं
इससे मनोदशा में गंभीर गड़बड़ी, रुचियों पर प्रभाव पड़ना, अनुभवों से मिलने वाले आनंद में कमी, एकाग्रता और ध्यान में कमी , नींद और भूख पर असर, बेबसी, निराशा या अयोग्य होने की भावना जैसे प्रभाव नज़र आ सकते हैं।
- इससे याददाश्त में कमी भी हो सकती है क्योंकि इससे एकाग्रता की क्षमता प्रभावित होती है और व्यक्ति को अतीत के अनुभव बार-बार याद आ सकते हैं।
- अत्यधिक सोच और चिंता पैदा हो सकती है, जिससे चिंता के बढ़ने या घबराहट पैदा होने की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
- व्यक्ति को स्वयं पर और अपनी खुद की देखभाल करने की क्षमता पर संदेह उत्पन्न हो सकता है।
- अत्यधिक भय के साथ-साथ दिनचर्या को बनाए रखने में बहुत संघर्ष करना पड़ सकता है।
जरूरत है फैमिली सपोर्ट की
ऐसी स्थिति में प्रभावित होने वाले व्यक्ति की पहचान करके उसकी सहायता करना बहुत महत्वपूर्ण है। दोस्तों और परिवार के सदस्यों की उपस्थिति व्यक्ति के भीतर उस सुरक्षा की भावना को बहाल करने में सहायक साबित होती हैं जो भावना पुराने खराब रिश्ते के कारण व्यक्ति के भीतर से निकल जाती है।
व्यक्ति के प्रति सहयोग दिखाना और धैर्य के साथ उसको ठीक होने का समय देने के साथ उसके भरोसे को फिर से वापस लाना महत्वपूर्ण है।
ले सकती हैं प्रोफेशनल हेल्प
व्यक्ति को मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों से आवश्यक उपचार मिलता रहे यह सुनिश्चित करने में दोस्त और परिवार के सदस्य महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
व्यक्ति द्वारा अनुभव किए जा रहे लक्षणों जैसे अवसाद, चिंता या पोस्ट-ट्रोमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर या किसी दूसरी डायग्नोस्टिक श्रेणी के लिए किसी मनोचिकित्सक की सहायता लेना बहुत महत्व रखता है। मनोचिकित्सक द्वारा बताई दवाओं को लेना बहुत ज़रूरी है।
उबरना होगा पुराने अनुभव से
इसी के साथ-साथ मनोचिकित्सक के साथ मिलकर पिछले रिश्ते के दौरान आए मुद्दों को हल करने से भी सहायता मिलती है। ऐसे दृष्टिकोण का उपयोग करने से सहायता मिलती है, जो व्यक्ति को खुद के साथ-साथ दूसरों और पूरी दुनिया के बारे में खराब विचारों और विश्वासों को सम्बोधित करने दे, भविष्य के बारे में व्यक्ति की आशावाद और सकारात्मकता को बहाल करने के लिए यह जरूरी है।
धैर्य बनाए रखें
ऐसी स्थिति में चिकित्सा लंबे समय तक चलने वाली प्रक्रिया हो सकती है। इसलिए धैर्य बनाए रखना और सामने आने वाली स्थितियों और अनुभवों से पार पाने के लिए सपोर्ट सिस्टम को बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
अंत में व्यवहारिक दृष्टिकोण रखना भी महत्वपूर्ण है जहां व्यक्ति उन वर्तमान मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता है, जिन्हें प्रबंधित किया जा सकता है। समस्या कैसी दिखाई दे सकती है इस बात पर अटकने की बजाए समस्या को हल करने के दृष्टिकोण पर गहराई से विचार करने की आवश्यकता है।
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यह भी महत्वपूर्ण है कि यदि दैनिक जीवन से जुड़े व्यावहारिक पहलुओं को लेकर समस्या आ रही है तो दोस्तों और परिवार के सदस्यों से तुरंत सहयोग लिया जाए।
एक दिन में एक ही चीज पर ध्यान केंद्रित करना, दिनचर्या बनाए रखना, कामकाज के पिछले क्षेत्रों में उत्पादकता को बहाल करने का प्रयास करना, ये सभी अच्छे शुरुआती बिंदु हैं जो मानसिक सुख की बहाली में योगदान करते हैं।
प्रत्येक व्यक्ति अपने आप में अनोखा है और उसे अलग तरीके से सहयोग और हस्तक्षेप की आवश्यकता होगी। हालांकि, यह मानना कि मदद मांगना कमजोरी का संकेत है और इससे बचना चाहिए, मददगार साबित नहीं होगा। अगर पैसे की समस्या के कारण विशेषज्ञों की सेवाएं नहीं ले पा रहे हैं तो हेल्पलाइन द्वारा दी जाने वाली सहायता भी उपयोगी हो सकती है।