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infertility Myths : इनफर्टिलिटी से जुड़े हैं 4 मिथ, जानें उनके पीछे छुपे फैक्ट को

प्रेगनेंसी की सबसे बड़ी बाधा है इनफर्टिलिटी। जानकारी के अभाव में इससे जुड़े कई मिथ भी हैं। इनफर्टिलिटी से जुड़े मिथ और उसके पीछे के तथ्य को भी जानें।
कुछ स्वास्थ्य स्थितियों की वजह से भी फर्टिलिटी प्रभावित हो सकती है। चित्र : अडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Published: 10 Oct 2023, 21:00 pm IST
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बहुत से कपल्स को बांझपन या इनफर्टिलिटी का सामना करना पड़ता है। कई साल की कोशिश के बावजूद कुछ महिलाएं गर्भवती नहीं हो पाती हैं। अक्सर इनफर्टिलिटी को एक रहस्य माना जाता है। क्योंकि इस विषय पर कभी खुलकर चर्चा नहीं की जाती है। जोड़े कपल अपनी इस समस्या को डॉक्टर के पास भी ले जाने में झिझकते हैं। इस कारण इसका निदान तुरंत नहीं हो पाता है। इनफर्टिलिटी के बारे में कुछ मिथ भी हैं, जो इस समस्या को बढ़ाने में अपना योगदान दे रहे हैं। हमें उन मिथ और फैक्ट के बारे में जरूर जानना चाहिए, ताकि समस्या का निदान हो सके।

क्यों होती है इनफर्टिलिटी (Infertility Causes)

महिलाओं की प्रजनन क्षमता उम्र के साथ धीरे-धीरे कम होने लगती है, खासकर 30 के दशक के मध्य में। पुरुषों में भी यह समस्या हो जाती है। उम्र बढ़ने के साथ खराब क्वालिटी के स्पर्म और स्पर्म काउंट कम होने पर फर्टिलिटी प्रभावित हो सकती है। खुद टोबैको यूज के साथ-साथ पार्टनर द्वारा स्मोकिंग करने से गर्भधारण की संभावना कम हो सकती है। मारिजुआना प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है। साथ ही, शराब का सेवन, अधिक वजन या कम वजन भी मुश्किल को बढ़ा देते हैं।

इनफर्टिलिटी से जुड़े यहां हैं 4 मिथ (Myths about Infertility)


मिथ 1: इनफर्टिलिटी आम तौर पर महिला की गलती है (Infertility is usually the woman’s fault)

फैक्ट : गायनेकोलोजिस्ट और फर्टिलिटी एक्सपर्ट डॉ. रुबीना सिंह अपने इन्स्टाग्राम पोस्ट में बताती हैं, ‘यह मिथ है कि इनफर्टिलिटी आम तौर पर महिला की गलती है। इसके पीछे तथ्य यह है कि इनफर्टिलिटी महिला-पुरुष दोनों की समस्या हो सकती है। यह सिर्फ महिलाओं की समस्या नहीं हो सकती है। इनफर्टिलिटी या बांझपन के एक तिहाई मामले पुरुष प्रजनन समस्याओं के कारण होते हैं, तो एक तिहाई मामले महिला प्रजनन समस्याओं के कारण होते हैं। एक तिहाई मामले दोनों पक्षों या अज्ञात कारकों के कारण होते हैं।

यह मिथ है कि इनफर्टिलिटी आम तौर पर महिला की गलती है। चित्र : अडोबी स्टॉक

मिथ 2  : यदि आप डॉक्टर के पास जाती हैं, तो वे सिर्फ आईवीएफ करायेंगे (If you go to an infertility doctor, they will only do IVF)

फैक्ट : डॉ. रुबीना सिंह के अनुसार, बांझपन या इनफर्टिलिटी से जूझ रहे जोड़ों के लिए इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) शायद ही पहला विकल्प बताया जाता है। कई अन्य उपचार हैं, जो बहुत कम महंगे हैं और कारगर भी हैं। ये उपचार अक्सर एक साधारण ब्लड टेस्ट द्वारा निर्धारित किए जाते हैं। इनफर्टिलिटी के 85-90% मामलों का इलाज दवा या सर्जरी जैसी पारंपरिक चिकित्सा उपचारों से किया जाता है। किसी के लिए स्थिति के आधार पर समाधान एक गोली या मामूली चिकित्सा प्रक्रिया जितना सरल हो सकता है

मिथ 3 : लंबे समय तक इजेकुलेशन नहीं करने पर अधिक स्पर्म (More sperm if you do not ejaculate for a long time)

फैक्ट : डॉ. रुबीना सिंह बताती हैं, ‘वास्तव में मेल इनफर्टिलिटी को समझना इतना आसान नहीं है। इनफर्टिलिटी से पीड़ित ज्यादातर पुरुषों में समस्या का कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिलता है। आमतौर पर लोग इसका कारण शुक्राणु संख्या का कम होना मानते हैं। स्पर्म की मोबिलिटी और शेप भी भूमिका निभा सकते हैं। अध्ययन बताते हैं कि जो पुरुष शारीरिक रूप से कठिन काम करते हैं या जो दो या उससे अधिक दवा लेते हैं, उनमें स्पर्म की संख्या कम हो सकती है। हाई ब्लड प्रेशर आकार पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।’

जो दो या उससे अधिक दवा लेते हैं, उनमें स्पर्म की संख्या कम हो सकती है। चित्र शटरस्टॉक

मिथ 4 : युवा पुरुषों और महिलाओं में भी हो सकती है (Infertility may not occur in young men and women)

फैक्ट : निश्चित रूप से उम्र बढ़ने पर अक्सर फर्टिलिटी घट जाती है। 35 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं और 50 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों में प्रजनन दर कम होती है। लेकिन युवा पुरुष और महिलाएं भी इससे जूझ सकती हैं। लगभग 10 में से 1 महिला को 30 वर्ष की आयु तक पहुंचने से पहले इनफर्टिलिटी का सामना करना पड़ सकता है।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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