लॉग इन

Vaginal Ring : क्या अनचाहे गर्भ से बचा सकती हैं वेजाइनल रिंग? एक्सपर्ट से जानते हैं इनके बारे में सब कुछ

अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाने के लिए महिलाएं प्रतिदिन गर्भनिरोधक गोली लेती हैं। काम की व्यस्तता के कारण वे इसे रोज लेना भूल भी जाती हैं। इससे अनचाहे गर्भ ठहरने का खतरा सकता है। इससे बचने के लिए वे वेजाइनल रिंग का प्रयोग कर सकती हैं। इसे लेने से पहले जानें इसके इस्तेमाल का तरीका और कुछ साइड इफेक्ट भी।
सभी चित्र देखे
वेजाइनल रिंग बर्थ कंट्रोल के लिए योनि के अंदर पहनी जाने वाली एक छोटी, लचीली अंगूठी के समान होती है। यह गर्भावस्था को रोकने के लिए योनि की परत के माध्यम से एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टिन हार्मोन जारी करता है। चित्र : अडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Published: 15 Apr 2024, 21:00 pm IST
मेडिकली रिव्यूड
ऐप खोलें

अनचाहे गर्भ से बचाव के लिए गर्भनिरोधक का इस्तेमाल किया जाता है। गर्भनिरोधक कई प्रकार के हो सकते हैं। मगर यह जरूरी नहीं कि कोई एक गर्भनिराेधक सभी को सूट करे। कुछ लोगों को इनके साइड इफेक्ट्स या स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन दिनों गर्भनिरोधक के रूप में वेजाइनल रिंग का खूब प्रयोग किया जा रहा है। वेजाइनल रिंग या योनि रिंग यह एक प्रकार का हार्मोनल गर्भनिरोधक है। यह गर्भावस्था को रोकने के लिए ओरल कंट्रासेप्टिव की तरह काम कर सकता है। विशेषज्ञ से जानते हैं इसके (vaginal ring) बारे में सब कुछ।

क्या है वेजाइनल रिंग (Vaginal ring)

बर्थ कंट्रोल के लिए योनि के अंदर पहनी जाने वाली एक छोटी, लचीली अंगूठी के समान होती है वेजाइनल रिंग। यह गर्भावस्था को रोकने के लिए योनि की परत के माध्यम से एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टिन हार्मोन जारी करता है। इसे तीन सप्ताह तक पहना जाता है। फिर एक सप्ताह के लिए हटा दिया जाता है।

ये नरम प्लास्टिक के छल्ले होते हैं, जिनमें 2 हार्मोन होते हैं। एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टोजन। ये हार्मोन के समान होते हैं, जो अंडाशय से प्रोड्यूस होते हैं। यह उन लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है, जिन्हें हर दिन ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव लेने के बारे में याद रखना मुश्किल लग सकता है। ऐसी महिलाएं जिनके लिए गर्भनिरोधक को यूट्रस में डालना सहज नहीं होता।

कितनी प्रभावी है (Vaginal ring)

यदि सही तरीके से उपयोग किया जाए, तो वेजाइनल रिंग गर्भावस्था को रोकने में लगभग 99% प्रभावी है। यदि नई रिंग डालना भूल जाती हैं या इसका गलत तरीके से उपयोग करती हैं या कुछ दवाएं लेती हैं, तो यह केवल 93% तक प्रभावी हो सकता है।

कैसे करें इस्तेमाल (How to use vaginal ring)

योनि रिंग का उपयोग करने के लिए रिंग को स्क्वीज़ करके अपनी योनि में डालें। इसे टैम्पोन की तरह डालें। यह योनि में 3 सप्ताह तक रहती है। फिर आप इसे निकालकर फेंक दें। नई अंगूठी डालने से पहले 7 दिन तक प्रतीक्षा करें। आमतौर पर रिंग निकालने के कुछ दिनों बाद पीरियड यानी योनि से ब्लड फ्लो होगा। पीरियड खत्म होने के बाद इसे डाला जा सकता है।

योनि रिंग का उपयोग करने के लिए रिंग को स्क्वीज़ करके अपनी योनि में डालें। चित्र : अडोबी स्टॉक

क्यों आपके लिए फायदेमंद हो सकती हैं 

• यह सेक्स में बाधा नहीं डालती है।
• इसे लगाना और निकालना आसान है।
• इसके बारे में हर दिन सोचने की ज़रूरत नहीं है।
• यदि उल्टी हो या दस्त की समस्या हो रही है, तो वेजाइनल रिंग प्रभावित नहीं होती है।
•  माहवारी से पहले के लक्षणों यानी पीएमएस में यह मदद कर सकती है
• इसके कारण होने वाला रक्तस्राव आमतौर पर हल्का, अधिक नियमित और कम पेनफुल होता है।

मगर इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं (vaginal ring Side effects) 

सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (एसटीआई) से रक्षा नहीं कर पाती है वेजाइनल रिंग। एसटीआई के जोखिम को कम करने के लिए सबसे अधिक कारगर कंडोम का उपयोग करना ही है। इसके अलावा अन्य कई साइड इफेक्ट हो सकते हैं।

• वेजाइनल सीक्रेशन में वृद्धि। योनि से तरल पदार्थ अधिक निकलने लगते हैं।
• योनि से अनियमित रक्तस्राव
• जी मिचलाना
• स्तनों में दर्द या टेंडर फील होना
• सिरदर्द
• सूजन
• त्वचा में परिवर्तन
• मेंटल स्टेटस में बदलाव

योनि रिंग के कारण वजन नहीं बढ़ता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

वजन नहीं बढ़ता है 

ये साइड इफेक्ट अक्सर समय के साथ ठीक हो जाते हैं। योनि रिंग के कारण वजन नहीं बढ़ता है। बहुत कम संख्या में लोगों को वेजाइनल रिंग लगाने से परेशानी होती है। आमतौर पर पार्टनर को भी सेक्स के दौरान वेजाइनल रिंग से कोई परेशानी नहीं होती है।

सावधान रहें

कुछ लोगों में वेजाइनल रिंग (vaginal ring) ब्लड के थक्के यानी थ्रोम्बोसिस के कारण बन सकते हैं। यह दिल का दौरा या स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा देता है।

यह भी पढ़ें :-

स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

अगला लेख