लॉग इन

अनिद्रा, कफ और प्रजनन संबंधी समस्याओं में राहत दिलाती है खसखस की खीर, इन आसान स्टेप्स में करें तैयार

क्या आपने कभी खसखस की खीर खाई है? इसे गसागासे और खसखस पायसा के नाम से भी जाता है, कोई भी नाम हो लेकिन ये सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है।
आपको कब्ज की समस्या में और पेट की समस्या में खसखस आपकी मदद कर सकता है। चित्र- अडोबी स्टॉक
संध्या सिंह Updated: 8 Aug 2023, 19:32 pm IST
ऐप खोलें

गसागासे पायसा या खसखस की खीर कन्नडिगा शाही व्यंजन के रूप में बनती है। यह एक ही समय में पौष्टिक, संतुष्टिदायक और काफी आराम देती है। पुरानी कन्नड़ फिल्में दिखाती थीं कि कैसे इस पारंपरिक व्यंजन का स्वाद लिया जाता था और इसे खाने के बाद दोपहर की अच्छी नींद आती थी। भारत की संस्कृति बहुत समृद्ध है और जो भी व्यंजन है उनसे किसी न किसी तरह का स्वास्थ लाभ ही होता है। पारंपरिक भारतीय खाना पकाने में उपयोग की जाने वाली प्रत्येक सामग्री के बहुत सारे फायदे हैं। खसखस के भी अपने कई अलग फायदे है। डॉ पूरवी भट्ट न्यूट्रीशनिस्ट है उन्होने अपने इंस्टाग्राम पर इसके फायदे बताते हुए एक वीडियो शेयर किसी है।

खसखस पायसम क्यों है आपकी सेहत के लिए खास

1 पोषक तत्वों से भरपूर

आपको कब्ज की समस्या में और पेट की समस्या में खसखस आपकी मदद कर सकता है। इसमें आहार फाइबर, स्वस्थ वसा, बी विटामिन और विटामिन ई और कैल्शियम, आयरन , मैग्नीशियम और जस्ता सहित का एक अच्छा स्रोत है। उन्हें गैसगेस पायसा जैसी मिठाई में शामिल करने से आपके आहार में कुछ पोषण मूल्य जुड़ सकते हैं।

2 अनिद्रा से लड़ने में मदद करता है

डॉ पूर्वी भट्ट बताती है कि खसखस नींद लाने में कारगर है। शांत प्रभाव पैदा करने के लिए जाने जाने वाले खसखस तनाव के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। इन्हें चाय के रूप में सेवन किया जा सकता है या पेस्ट बनाकर और गर्म दूध के साथ मिलाकर एक अच्छी नींद का आनंद लिया जा सकता है।

स्वास्थ्य फ़ायदों क भंडार है खसखस। चित्र:शटरस्टॉक

3 महिलाओं में प्रजनन क्षमता के लिए अच्छा है

खसखस में पाए जाने वाले कुछ पौधे-आधारित यौगिकों, जिन्हें फाइटोएस्ट्रोजेन के रूप में जाना जाता है, इनमें हल्का एस्ट्रोजेनिक प्रभाव होता है। एस्ट्रोजन एक हार्मोन है जो महिला प्रजनन प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि, फाइटोएस्ट्रोजेन के अन्य स्रोतों की तुलना में खसखस के एस्ट्रोजेनिक प्रभाव थोड़ा कम होता है।

4 बलगम का उपचार करता है

बारिश में मौसम में कुछ लोगों की छाती में अधिक बलगम जमा होने लगता है और उसे बाहर निकालने में काफी दिक्कत होती है। इसलिए डॉ पूरवी भट्ट बताती है कि यदि आप ऐसी स्थिति में खसखस की खीर का सेवन करते है तो ये आपके बलगम को आसानी से बाहर निकालने में सहायता कर सकता है।

कैसे बनाएं घर पर गसागासे या खसखस पायसा

खसखस की खीर बनाने के लिए आपको चाहिए

खसखस
बादाम
काजू
नारियल का दूध
ताजा कसा हुआ जायफल
गुड़/चीनी स्वादानुसार

ऐसे बनाएं खसखस की खीर

1 बादाम, काजू और खसखस को 1:1:1.5 के अनुपात में भिगोकर एक पैन में डालें।

2 अब इस पैन में थोड़ा पानी डालें और स्वाद के लिए गुड़ या ब्राउन शुगर डालें।

अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें

कस्टमाइज़ करें

3 इसे धीमी आंच पर उबलने दें और खसखस फूलने लगेगा और पानी सोख लेगा।

4 लगभग 15 मिनट के बाद, अपनी इच्छानुसार स्थिरता की मोटाई को समायोजित करते हुए, नारियल का दूध डालें।

5 इसे 2-3 मिनट तक उबलने दें और फिर इसमें लगभग 1 बड़ा चम्मच ताजा कसा हुआ जायफल डालें।

6 आपकी खसखस की खीर बनकर तैयार है इसे आप ठंडा या गर्म खा सकते है।

खसखस के बीज आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी हैं। चित्र-शटरस्टॉक।

कुछ टिप्स

  • जायफल को ब्लेंडर में पीसकर पाउडर न बनाएं, इसे ताज़ा ही कद्दूकस करें। ताकि टुकड़े अधिक कुरकुरे रहें, इससे पायसम का स्वाद और अधिक बढ़ जाएगा।
  • नारियल का दूध बनाने के लिए नारियल को मिक्सी में मिक्स करने के बजाय, इसे कद्दूकस करें और निचोड़ें। हालांकि यह टाइम टेकिंग प्रोसेस है, लेकिन इसका स्वाद पहले की तुलना में बहुत बेहतर होगा।

डॉ पूरवी भट्ट बताती है कि शिशुओं या 3 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए इसका सेवन करना सुरक्षित नहीं है।

संध्या सिंह

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं। ...और पढ़ें

अगला लेख