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सुबह, दोपहर या शाम ? एक्सपर्ट बता रहीं हैं क्या है फल खाने का सही समय

सोशल मीडिया के ज़माने में हेल्दी लाइफस्टाइल भी एक ट्रेंड बन गया है। उसी की देन है कि लोग केवल सुबह फल खाने को हेल्दी मानते हैं। लेकिन सही जानकारी के लिए हमारे पास हैं एक एक्सपर्ट।
फ्रुक्टोज की उच्च मात्रा फलों में पाई जाती है। इसे लिवर आसानी से एब्जॉर्ब करके ग्लूकोज में परिवर्तित कर देता है। चित्र:शटरस्टॉक
अदिति तिवारी Updated: 29 Oct 2023, 19:57 pm IST
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विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं और फिटनेस गोल्स को देखते हुए सही फल का चयन करना मुश्किल होता है। लेकिन सोशल मीडिया की इस दुनिया में फल खाने का सही समय चुनना भी कठिन हो गया है। जी हां, आप भी कई न्यूट्रिशनिस्ट और दोस्तों को देखकर एक निर्धारित समय पर फल खाना पसंद करती हैं। ज्यादातर संभावना है कि यह सुबह का समय हो सकता है।

लेकिन हम बता दें कि हर व्यक्ति के लिए यह जरूरी नहीं है। जी हां, इसी कन्फ्यूजन को दूर करने के लिए हमने योग और पोषण एक्सपर्ट साक्षी भगत से बात की है।

आहार विशेषज्ञ बता रहीं हैं फल खाने का सही समय

साक्षी का कहना है, “यह एक मिथ है कि सुबह जल्दी फल खाने से अधिकतम लाभ हो सकता है। वास्तविकता यह है कि दिन के किसी भी समय फलों का सेवन फायदेमंद होता है। हालांकि, वजन घटाने का लक्ष्य रखने वाले लोगों या मधुमेह रोगियों को फल के साथ डाइट का सही कॉम्बिनेशन करने पर फलदायी परिणाम मिल सकते हैं।”

फल खाने का सही समय नहीं होता है। चित्र:शटरस्टॉक

वे बताती हैं, “इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि सुबह या दोपहर में फल खाने से स्वास्थ्य पर अधिक सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। मधुमेह वाले लोगों के लिए, दिन में किसी भी समय केवल फल ही रक्त शर्करा के स्तर को तेजी से बढ़ा सकते हैं। इसलिए, प्रोटीन, कार्ब्स और फाइबर के सेवन को संतुलित करने के लिए मुट्ठी भर ड्राई फ्रूट्स खाने की सलाह दी जाती है।”

फल का सेवन आपको रखता है हेल्दी

साक्षी सुझाव देती हैं, “अगर आपको रात में भूख लग जाती है, तो फल आपका हेल्दी मिड नाइट स्नैक बन सकता है। यह चीनी से भरे अनहेल्दी स्नैक्स की तुलना में स्लीप साइकिल को कम प्रभावित करता है।”

इसके अलावा सूर्यास्त के बाद दोषों के असंतुलन के कारण यदि आपको रात में पैर में दर्द होता है, तो केला खाने से ऐंठन कम की जा सकती है। यह पोटेशियम के स्तर को संतुलित करता है।

सोशल मीडिया के भ्रम में समय निर्धारित न करें

साक्षी सलाह देती हैं, “लगातार सोशल मीडिया के प्रभाव से, यह एक मिथ बन गया है कि खाली पेट फल खाने से अधिक स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। विचार यह है कि जब अन्य खाद्य स्रोतों के साथ फलों का सेवन किया जाता है, तो पाचन प्रक्रिया धीमी हो जाती है और अपच या सूजन हो सकती है।”

वे आगे कहती हैं, “हालांकि, यह आपको लंबे समय तक भरा हुआ रखने में भी मदद करता है और आपका शरीर समय के साथ कॉम्प्लेक्स कार्ब्स को पचाने की क्षमता रखता है।”

सुबह, दोपहर या शाम कभी भी खा सकते हैं फल। चित्र-शटरस्टॉक

फलों के सेवन के बारे में क्या कहता है नेचुरोपैथी?

नेचुरोपैथी के अनुसार आपका शरीर रात भर उपवास की स्थिति में रहता है। इसलिए, अपने दिन की शुरुआत फाइबर से करना जरूरी है जो आसानी से पच सके। फलों में मौजूद कार्ब्स को टूटने और पचने में कम से कम समय लगता है।

फलों में कॉम्प्लेक्स कार्ब्स और फाइबर होता है, जो आपके पाचन तंत्र को जगाए रखता है और आपको लंबे समय तक भरा रखता है। यह दिन के दौरान अनहेल्दी फूड खाने से रोकने में मदद करता है। इसलिए सुबह मुट्ठी भर ड्राई फ्रूट्स और एक फल खाना आदर्श माना जाता है।

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अदिति तिवारी

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