बेसन का ढोकला खाकर हो गए हैं बोर, तो इस बार ट्राई करें काबुली चने का ढोकला, सेहतमंद भी है रेसिपी
ढोकला तो आपने कई बार खाया होगा। यह सबसे टेस्टी और हेल्दी व्यंजनों में शामिल किया जाता है। अलग-अलग तरह से बनाए जाने वाले ढोकला में बेसन और रवा ढोकला काफी प्रसिद्ध हैं। क्योंकि ये पारंपरिक रूप से गुजरात में बनाया जाता है। ढोकले को नाश्ते में सबसे ज्यादा परोसा जाता है। ये एक स्वस्थ् विकल्प भी होता है। इसे एक डाइट फूट में भी लिया जा सकता है क्योंकि इसमें कुछ ऐसी चीज नहीं होती है जो आपके वजन बढ़ने का कारण बन सकती है।
पहले किस नाम से जाना जाता था ढोकला (Dhokla name)
ढोकला भारत में सबसे लोकप्रिय स्नैक्स में से एक है। गुजरात का एक देशी व्यंजन, यह एक हल्का और फूला हुआ व्यंजन है जो खमीर किए गए घोल को भाप में पकाकर बनाया जाता है।
ढोकला का पहला उल्लेख 11वीं शताब्दी में मिलता है जहां एक जैन ग्रंथ में इसे दुक्किया के रूप में बताया गया है। “ढोकला” शब्द का पहला प्रत्यक्ष उल्लेख 16वीं शताब्दी में लिखी गई गुजराती कृति वरणका समुचया में किया गया था।
आप ढोकला समझकर खमन तो नहीं खाते (Difference between khaman and dhokla)
ढोकला बैटर चावल और चने से बनाया जाता है। ढोकला एक अन्य गुजराती व्यंजन खमन के जैसा ही होता है। दोनों के बीच मुख्य अंतर यह है कि ढोकला चावल के चने के घोल से बनाया जाता है और इसका रंग सफेद होता है, जबकि खमन आमतौर पर बेसन से बनाया जाता है और पीले रंग का दिखता है। खमन देश के अन्य हिस्सों में एक व्यापक रूप से लोकप्रिय व्यंजन है लेकिन अक्सर इसे गलत समझा जाता है या गलत तरीके से ढोकला कहा जाता है।
क्या हैं काबुली चने से बने ढोकले के फायदे (Benefit of chickpea dhokla)
प्रोटीन से भरपूर
काबुली चना पौधे-आधारित प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है, जो मांसपेशियों के निर्माण, विकास और शारीरिक कार्य के लिए आवश्यक है। जब इसे ढोकला में इस्तेमाल किया जाता है, तो यह नाश्ते में प्रोटीन की मात्रा को बढ़ा देता है।
फाइबर की अच्छी मात्रा होती है
फाइबर पाचन में सहायता करता है और गट हेल्थ के लिए अच्छा है। काबुली चने में घुलनशील और अघुलनशील दोनों तरह के फाइबर होते हैं, जो मल त्याग को नियंत्रित करने, कब्ज को रोकने और स्वस्थ पाचन तंत्र बनाए रखने में मदद करते है।
कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है
चने आयरन, जिंक, मैग्नीशियम और विटामिन बी (विशेष रूप से फोलेट और विटामिन बी 6) जैसे आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। ये पोषक तत्व ऊर्जा, लाल रक्त कोशिका निर्माण में मदद कर सकते है।
काबुली चने का ढोकला बनाने के लिए आपको चाहिए
काबुली चना, रात भर भिगोया हुआ 1 कप
चावल, कुछ घंटों के लिए भिगोया हुआ 1/2 कप
दही 1/4 कप
हरी मिर्च, कटी हुई 1
अदरक का टुकड़ा 1 इंच
नमक स्वाद अनुसार
हल्दी पाउडर 1/2 चम्मच
तेल 1 बड़ा चम्मच
सरसों के बीज 1 चम्मच
एक चुटकी हींग
तिल 1 चम्मच
ताज़ा हरा धनिया
कसा हुआ नारियल (वैकल्पिक)
पानी
इस तरह तैयार करें चिक पी ढोकला (Chickpea dhokla recipe)
भीगे हुए काबुली चने और चावल को छान लें। इन्हें फूड प्रोसेसर या ब्लेंडर में अदरक, हरी मिर्च, दही, हल्दी पाउडर और नमक के साथ मिला लें। चिकना बैटर बनाने के लिए धीरे-धीरे पानी डालें।
बैटर को एक बाउल में निकाल लें और ढक दें। इसे रात भर या कम से कम 6-8 घंटे तक खमीर होने दें। खमीर करने से ढोकला फूला हुआ बनेगा।
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कस्टमाइज़ करेंचिपकने से बचाने के लिए एक पैन को तेल से चिकना कर लें। खमीर किया गया घोल को हिलाएं और चिकनाई लगे पैन में डालें। ढोकला को लगभग 15-20 मिनट पकाएं और चाकू बीच में डालकर चेक करें।
एक छोटे पैन में तेल गरम करें, उसमें राई डालें और उन्हें फूटने दें। हींग और तिल डालें. उन्हें कुछ सेकंड के लिए तड़कने दें। इस तड़के को ढोकले के ऊपर समान रूप से डालें।
चाहें तो ताजी कटी हरी धनिया और कसा हुआ नारियल से सजा सकते है।
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