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क्या डायबिटीज में दूध पीना नुकसानदायक हो सकता है? आइए पता करते हैं

दूध आपके शरीर के लिए एक आवश्यक डाइट का हिस्सा है। पर अगर आपको या आपके परिवार में किसी को डायबिटीज है तो आपको इसे डबल चैक कर लेना चाहिए।
जानते हैं वर्ल्ड मिल्क डे के मौके पर कि दूध किस प्रकार डायबिटीज़ के मरीजों के लिए फायदेमंद सिद्ध हो सकता है। चित्र: शटरस्टॉक
मोनिका अग्रवाल Updated: 23 Oct 2023, 09:39 am IST
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डायबिटीज जीवनशैली जनित रोग है। इससे बचना हमेशा सही होता है। पर जब आप मधुमेह से ग्रस्त हो जाते हैं, तब आपको अपनी जीवनशैली और खानपान पर बहुत ध्यान रखना होता है। इसमें सिर्फ जंक और प्रोसेस्ड फूड ही नहीं, बल्कि वह आहार भी शामिल है, जो सामान्यत: हेल्दी माना जाता है। ऐसा ही एक जरूरी आहार है दूध। अपने पोषक तत्वों के कारण दूध को कंप्लीट फूड माना जाता है। यही वजह है कि डायबिटीज के रोगियों के मन में हमेशा यह सवाल उठता है कि उन्हें दूध पीना चाहिए या नहीं? क्या वे दूध पचा पाएंगे? कहीं दूध पीने से इसमें मौजूद फैट उनके लिए हानिकारक तो नहीं होगा?  आज इन्हीं सब सवालों के जवाब ढूंढते हैं। 

डायबिटीज और दूध का कनैक्शन

कोलंबिया एशिया अस्पताल में आहार विशेषज्ञ डॉक्टर शालिनी गार्विन ब्लिस के अनुसार इसका उत्तर आपकी स्थिति पर निर्भर करता है। आपको पहले यह पता होना चाहिए कि आपको टाइप 1 डायबिटीज है या टाइप 2। इसके बाद यह भी देखना जरूरी है कि आपका डायबिटीज का स्तर कितना गंभीर है। 

दूध का सेवन और टाइप 1 डायबिटीज

गाय के दूध को टाइप 1 डायबिटीज के दौरान पीना आम तौर पर हानिकारक माना जाता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक गाय के दूध में कुछ ऐसे प्रोटीन पाए जाते हैं, खासकर ए 1 बीटा कैसिन मॉलिक्यूल, जो टाइप 1 डायबिटीज के लोगों के लिए हानिकारक होते हैं। इन्हें पचाना काफी मुश्किल होता है।

डायबिटीज में आपको अपने खानपान का बहुत ध्यान रखना होता है। चित्र: शटरस्टॉक

 

इसके साथ ही गाय के दूध में बोविन इंसुलिन मौजूद होता है, जो ऑटोइम्यून रिएक्शन को ट्रिगर कर देता है। इसके कारण आपका शरीर बीटा सेल्स के प्रति एंटीबॉडीज बनाना शुरू कर देता है। यह वह सेल्स होती हैं, जो इंसुलिन प्रोड्यूस करती हैं। इनके नष्ट होने के बाद आपकी टाइप 1 डायबिटीज और अधिक गंभीर हो सकती है।

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दूध का सेवन और टाइप 2 डायबिटीज 

आप यह जान कर शायद हैरान हो जाएंगी कि फुल फैट दूध आपको डायबिटीज, हृदय रोगों और मोटापे से बचा सकता है। कई शोधों में यह पाया गया है कि दूध में मौजूद ट्रांस पेल्मिटोलिक एसिड इंसुलिन के लेवल को इंप्रूव कर सकता है। 

अमेरिकन डायबिटीज काउंसिल की एक रिसर्च के दौरान यह पाया गया कि जिन लोगों के शरीर में यह एसिड पाया गया, उनमें डायबिटीज की संभावना 60% कम थी। इस प्रकार दूध से आपके शरीर में सूजन का भी खतरा कम होता है।

तो आपको दूध पीना चाहिए या नहीं, इसके लिए पहले इन तथ्यों की जांच करें 

1 आप दूध से एलर्जिक हैं या नहीं?

बहुत कम ही लोगों को बड़े होने के बाद दूध से एलर्जी होती है। अगर आप दूध से एलर्जिक हैं, तो दूध न पिएं और अगर नहीं हैं तो आप डायबिटीज के दौरान आप दूध पी सकती हैं।

बहुत कम ही लोगों को बड़े होने के बाद दूध से एलर्जी होती है।चित्र-शटरस्टॉक।

2 क्या आप लैक्टोज इंटोलेरेंट हैं?

लगभग 65% लोग लैक्टोज़ इंटोलेरेंट होते हैं। जिनमें दूध पीने के बाद पाचन संबंधी समस्याएं होने लगती हैं। इसलिए अगर आप भी उनमें से एक हैं, तो आपको दूध बिल्कुल भी नहीं पीना चाहिए।

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3 आंतों की पारगम्यता में वृद्धि (increase intestinal permeability)?

इस स्थिति के दौरान आपकी आंतों की लाइनिंग खराब हो जाती है। अगर आप डायबिटीज के दौरान दूध पीते हैं, तो इससे ऑटो इम्यून रेस्पॉन्स शुरू हो जाता है। जिस कारण आपका शरीर इंसुलिन का ठीक से प्रयोग नहीं कर पाता है। इसलिए इस स्थिति के दौरान दूध न पिएं।

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मोनिका अग्रवाल

स्वतंत्र लेखिका-पत्रकार मोनिका अग्रवाल ब्यूटी, फिटनेस और स्वास्थ्य संबंधी विषयों पर लगातार काम कर रहीं हैं। अपने खाली समय में बैडमिंटन खेलना और साहित्य पढ़ना पसंद करती हैं। ...और पढ़ें

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