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गलत तरीके से खाया, तो फायदे की बजाए नुकसान पहुंचा सकते हैं ये 6 हेल्दी फूड्स

कच्चे खाद्य पदार्थ आंतों में समस्या पैदा कर आपको बीमार कर सकता हैं। इसलिए इन्हें खाने से पहले सतर्कता बरतना जरूरी है। यहां उन 6 कच्चे खाद्य पदार्थों के बारे में बताया जा रहा है, जो स्वास्थ्य जोखिम बढ़ा देते हैं।
कच्ची सब्जियां, अनाज, पत्तेदार सब्जियां, स्प्राउट्स औfoodर कच्चा आटा भी नहीं खाना चाहिए। चित्र : अडॉबी स्टॉक
स्मिता सिंह Published: 7 Oct 2023, 08:00 am IST
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कई बार हम सोचते हैं कि साग-सब्जियों को यदि कच्चा (Raw Foods) खाया जाए, तो यह अधिक फायदा पहुंचाएगा। यहां पर हम गलत भी हो सकते हैं। कुछ कच्ची साग-सब्जियां और अन्य खाद्य पदार्थ नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। ये हमारी आंतों को नुकसान पहुंचा देते हैं। इसलिए हमें उन्हें खाते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। आइये जानते हैं कौन से कच्चे खाद्य पदार्थ स्वास्थ्य समस्याएं पैदा (Raw Foods Side Effects) कर सकते हैं?

क्यों नहीं खाना चाहिए कच्चे खाद्य पदार्थ (Why not to eat some raw food)

कुछ खाद्य पदार्थों में दूसरों की तुलना में बैक्टीरिया होने की अधिक संभावना होती है, जो किसी को भी बीमार कर सकता है। भूल से भी पशुओं से प्राप्त कच्चे और अधपके मीट, चिकन, पोल्ट्री, अंडे नहीं खाना चाहिए। कच्चा दूध भी नुकसानदेह हो सकता है। कच्ची सब्जियां, अनाज, पत्तेदार सब्जियां, स्प्राउट्स औfoodर कच्चा आटा भी नहीं खाना चाहिए। ये पोलुटेड भी हो सकते हैं। इन्हें साफ करना, अलग रखना, आग पर पकाना जरूरी है। इससे आप और आपका परिवार सुरक्षित रह सकता है।

यहां हैं वे 6 कच्चे खाद्य पदार्थ, जिन्हें खाने से समस्या हो सकती है (6 Raw Foods Side Effects)

1 अरंडी (Castor Beans side effects)

हमारे शरीर के लिए बेहद फायदेमंद है कैस्टर आयल। पर यदि आप अरंडी की फलियों को चबाती हैं और उसे निगल जाती हैं, तो आप रिसिन नामक पोइजन (Ricin Poison) के संपर्क में आ सकती हैं। इसका थोड़ा सा हिस्सा भी घातक हो सकता है। यदि केवल बीज निगल लिया जाता है और चबाया नहीं जाता है, तो संभावना है कि आपका शरीर राइसिन को ग्रहण नहीं करेगा।

2 कड़वे बादाम (Bitter Almonds side effects)

स्वास्थ्यवर्धक बादाम में कडवा खीर की तरह कड़वे बादाम भी पाए जाते हैं। इनमें साइनाइड मौजूद होता है। यदि एक मुट्ठी कडवा बादाम खा लिया जाये, तो व्यक्ति बीमार हो सकता है। आम तौर पर मीठे बादाम होते हैं, जिन्हें खाना सुरक्षित है।

3 राजमा (Kidney Beans Side Effects)

यदि आप चार या पांच  कच्चे राजमा के दाने खा लें, तो बीमार पड़ सकती हैं। फलियां – विशेषकर लाल फलियों (Red Beans) में बीन लेक्टिन या पीएचए (PHA) प्रोटीन जैसा टोक्सिन होता है। यह आमतौर पर खाना पकाने के दौरान नष्ट हो जाता है। कच्ची राजमा को कम से कम 5 घंटे के लिए भिगोयें। उन्हें अच्छी तरह धो लें, फिर उन्हें कम से कम 30 मिनट तक उबालें। अच्छी तरह राजमा को उबालने पर ही टोक्सिन नष्ट हो पाते हैं।

यदि आप चार या पांच  कच्चे राजमा के दाने खा लें, तो बीमार पड़ सकती हैं। चित्र शटरस्टॉक।

4 कच्चे अंडे (Raw Eggs Side Effect)

ताजे अंडे में साल्मोनेला बैक्टीरिया हो सकता है, जिससे फ़ूड पॉइजनिंग (Raw Eggs Causes Food Poisoning) हो सकती है। बीमार होने से बचने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप अंडे को तब तक पकाएं जब तक कि सफेदी और जर्दी सख्त न हो जाए। अंडे या अंडे से तैयार खाद्य पदार्थ को ताज़ा खाएं या पकाने के तुरंत बाद फ्रिज में रखें। कच्चे अंडे से तैयार होने वाली रेसिपी में पाश्चुरीकृत एग्स का उपयोग करें

5 कच्चे आलू (Raw Potato Side Effects)

कभी भी हरे आलू और अंकुरित होने वाले आलू को नहीं खाएं। आलू के हरे भाग और अंकुरित आलू में सोलनिन और चाकोनीन जैसे टोक्सिंस होते हैं, जो दस्त, बुखार, सिरदर्द और उल्टी का कारण बन सकते हैं। स्प्रोउट आलू और हरे भाग को काट कर हटा लें। आलू तैयार करने से पहले उन्हें धो लें। उन्हें अच्छी तरह से पकाएं। उन्हें कभी भी कच्चा न खाएं। अंकुरित आलू खाने से बचें

आकभी भी हरे आलू और अंकुरित होने वाले आलू को नहीं खाएं। चित्र : शटरस्टॉक

6 आटा (Raw Dough or Raw Flour Side Effects )

कुकीज़ बनाते समय अक्सर हम बैटर का स्वाद चख लेते हैं, पर यह नुकसानदायक हो सकता है। बिना पके आटे वाली कोई भी चीज़ बीमार कर सकती है। आटे में ई.कोली और साल्मोनेला जैसे बैक्टीरिया हो सकते हैं। कच्चे आटे या बैटर का स्वाद न लें। उन खाद्य पदार्थों में आटा न डालें, जो पकाया नहीं जाएगा। बच्चों को आटे या आटे से खेलना भी नहीं चाहिए। आटे का प्रयोग करने के बाद अपने हाथों को अच्छी तरह से धोना न भूलें।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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