डायबिटीज से उबरना है तो कच्चे कद्दू का करें सेवन, जानिए ये कैसे मदद करता है
कद्दू, काशीफल या कोंहड़ा (Pumpkin) को भारतीय रिवाजों में सबसे शुद्ध और पवित्र माना गया है। शादी-विवाह के अवसर पर यह सब्जी जरूर पकती है। लगभग सभी एशियाई देशों में इसे खूब खाया जाता है। अब तो स्क्वाश, पास्ता आदि में भी इस सब्जी का खूब प्रयोग होता है। पर क्या आप जानती हैं कि ये सबसे सुलभ भारतीय सब्जी आपकी डायबिटीज कंट्रोल करने में भी मदद कर सकती है। जी हां, आपने सही पढ़ा। आइए जानते हैं शुगर कंट्रोल करने में कैसे मददगार है कद्दू (Pumpkin benefits for diabetes)।
कद्दू से चीन में होता है डायबिटीज का इलाज
चीन में ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए कद्दू के अर्क का इस्तेमाल घरेलू उपचार के तौर पर किया जाता था। कुछ समय पहले शंघाई के ईस्ट चाइना नॉर्मल यूनिवर्सिटी में इस पर शोध किया गया। शोध के आधार पर यह पाया गया कि प्री-डायबिटिक लोगों पर कद्दू का अर्क तो असरकारक है ही, साथ ही जो डायबिटीज पेशेंट हैं, उन पर भी यह काम करता है।
कैसे किया गया शोध
शोधकर्ताओं ने चूहों पर रिसर्च किया था। उन्होंने पाया कि जिन डायबिटिक चूहों को कद्दू का अर्क नहीं दिया, उनकी तुलना में डायबिटीज से प्रभावित चूहों को जब कद्दू के अर्क से ट्रीट किया गया, तो उनका ब्लड शुगर लेवल कम था और इंसुलिन का सीक्रेशन भी अधिक हुआ।
उनके शरीर में इंसूलिन प्रोडक्शन वाले बीटा सेल्स भी अधिक पाए गए। बाद में यह रिसर्च चीन की पत्रिका जर्नल ऑफ द साइंस ऑफ फूड एंड एग्रीकल्चर में प्रकाशित किया गया।
चीन में तो डायबिटीज पेशेंट में ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए इसके अर्क का प्रयोग किया जाता है। क्या ये सही है फैक्ट चेक करने के लिए हमने बात की न्यूट्रीशनिस्ट ऐंड वेलनेस एक्सपर्ट डॉ. कृतिका अवस्थी से।
पहले जानिए कद्दू की न्यूट्रीशनल वैल्यू
ग्लाइसेमिक इंडेक्स स्कोर: 75 (अधिकतम 100)
ग्लाइसेमिक लोड स्कोर:3 (अधिकतम 7)
कद्दू के प्रत्येक 100 ग्राम में शामिल हैं:
कार्बोहाइड्रेट 6.5 ग्राम
शुगर 1.36 ग्राम
फाइबर 0.5 ग्राम
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कस्टमाइज़ करेंफैट 0.1 ग्राम
विटामिन ए 369 माइक्रोग्राम
मैग्नीशियम 12 मिलीग्राम
फास्फोरस 44 मिलीग्राम
पोटेशियम 340 मिलीग्राम
कच्चा कद्दू है ज्यादा फायदेमंद (Raw pumpkin benefits)
रिसर्च बताते हैं कि कद्दू ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल कर सकता है। डॉ. कृतिका अवस्थी के अनुसार, नारंगी या पीले कद्दू की बजाय हरा, जो पका नहीं होता है, डायबिटीज पेशेंट को खाने के लिए देना चाहिए। इसमें पके कद्दू की अपेक्षा कार्बोहाइड्रेट और शुगर की मात्रा कम होती है।
कद्दू में विटामिन और मिनरल्स भरपूर पाए जाते हैं। इसमें कार्बोहाइड्रेट भी अधिक होता है। आमतौर पर डायबिटीज पेशेंट को कार्बोहाइड्रेट और हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स से भरपूर खाद्य पदार्थों से बचने को कहा जाता है। कद्दू में मौजूद फाइबर और मैग्नीशियम ग्लाइसेमिक इंडेक्स के प्रभावों का मुकाबला करने में मदद करते हैं। इससे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहता है।
कद्दू के बीज भी हैं फायदेमंद
फलों के अलावा, कद्दू के बीज भी डायबिटीज मैनेजमेंट में मदद कर सकते हैं। कद्दू के बीज मैग्नीशियम से भरपूर होते हैं। इससे ब्लड शुगर लेवल कम करने में मदद मिल सकती है। पिछले एक दशक में कद्दू और कद्दू के बीज का सेवन बढ़ा है। स्मूदी, दलिया, स्नैक्स आदि में कद्दू के बीज का प्रयोग किया जा सकता है।
यह भी ध्यान रखें
डायबिटीज के पेशेंट इस बात को लेकर जरूर सावधान रहें कि कद्दू से तैयार होने वाले मीठे व्यंजन जैसे कि हलवा, पेस्ट्री, केक आदि का सेवन न करें। इससे घटने की बजाय ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है।
ज्यादा खाया तो उठाना पड़ सकता है नुकसान
कद्दू में विटामिन ई और कैरोटीनॉयड भरपूर पाया जाता है। इसलिए यह पावरफुल एंटीऑक्सिडेंट है। जो कोशिकाओं को हानिकारक फ्री रेडिकल्स से बचाता है और हमारा इम्यून सिस्टम मजबूत होता है, लेकिन कभी-भी इसे ज्यादा मात्रा में न खाएं। यदि अधिक मात्रा में कद्दू का सेवन किया जाता है, तो कद्दू और इसके बीज कॉन्सटिपेशन और ब्लोटिंग के कारण बन सकते हैं। इसका सेवन नाश्ते के दौरान या दोपहर के भोजन में करें।
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