किसी भी व्यक्ति के शरीर में नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल 70-99 mg/dl के बीच होता है। ब्लड शुगर का यह लेवल फास्टिंग के बाद होता है। इसका मतलब है कि व्यक्ति ने 8 घंटे के पहले ही कुछ खाया था। यदि व्यक्ति ने 2 घंटे पहले कुछ नहीं खाया है और उसका ब्लड शुगर लेवल 140 mg/dl तक हो गया है, तो यह नॉर्मल माना जा सकता है। इससे अधिक होने पर वे डायबिटीज के पेशेंट माने जाते हैं।
कभी-कभी डायबिटीज पेशेंट का ब्लड शुगर लेवल अचानक बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में उसे कम करना बेहद जरूरी हो जाता है। यदि आप डायबिटीज के पेशेंट हैं और आपका ब्लड शुगर लेवल अचानक बढ़ गया है, तो उसे तुरंत घटाएं (How to Control High Blood Sugar Level immediately)।
यदि आपका ब्लड शुगर लेवल अचानक बढ़ गया है, तो रोज सुबह खाली पेट करेले का जूस पीना शुरू कर दें। इससे ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म प्रभावित होता है और हमारा शुगर घटता है।
जामुन में एंथोसायनिन और एलेजिक एसिड पाया जाता है। बीज में भी ग्लाइकोसाइड जंबोलिन और अल्कलॉइड जंबोसिन पाया जाता है। ये सभी मिलकर ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करते हैं।
पानी से भी ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है, क्योंकि यह शरीर से ग्लूकोज को बाहर निकालने में मदद करता है। इसलिए ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रखने के लिए पर्याप्त रूप से हाइड्रेटेड रहना जरूरी है। हाइपरग्लेसेमिया में सामान्य से अधिक पानी की आवश्यकता होती है, ताकि किडनी यूरीन के माध्यम से शरीर से अतिरिक्त शुगर को बाहर निकाल सके।
शॉर्ट और लॉन्ग टर्म, दोनों में प्रभावी है फिजिकल एक्टिविटीज। फिजिकल एक्टिविटीज या एक्सरसाइज करते समय आपका शरीर इंसुलिन का उपयोग अच्छी तरह से कर पाता है, ताकि एनर्जी के लिए ग्लूकोज का उपयोग हो सके। जब मांसपेशियां सिकुड़ती हैं, तो एनर्जी के लिए सेल्स ग्लूकोज का उपयोग करती हैं। इससे ब्लड शुगर लेवल घटता है।
एक्सरसाइज के बाद यह प्रभाव 24 घंटे या उससे अधिक समय तक रह सकता है। हालांकि ब्लड शुगर कंट्रोल करने का यह कोई सही फॉर्मूला नहीं है। क्योंकि हर व्यक्ति अलग-अलग तरीके से एक्सरसाइज करता है। यह समझने के लिए कि आपका शरीर एक्सरसाइज के प्रति कैसी प्रतिक्रिया देता है, एक्सरसाइज से पहले और बाद में नियमित रूप से ब्लड शुगर लेवल की जांच करें। किसी विशेषज्ञ की सलाह लेकर तेज गति से चलना, वॉटर एक्सरसाइज या साइकिल चलाना आदि एक्सरसाइज में क्या आपके लिए ज़्यादा उपयुक्त है, पता कर लें। जिन लोगों का ब्लड शुगर लेवल 240 mg/dL से ऊपर है, उन्हें फिजिकल एक्टिविटी करने से पहले कीटोन्स के लिए अपना यूरीन टेस्ट जरूर करा लेना चाहिए। कीटोन्स होने पर वे एक्सरसाइज न करें।
यदि आप तुरंत ब्लड शुगर लेवल घटाना चाहती हैं, तो इंसुलिन लेने से बेहतर कोई उपाय नहीं है। टाइप 1 डायबिटीज के पेशेंट ऑटोमेटिक इंसुलिन पंप के माध्यम से इंसुलिन की डोज ले सकते हैं। ध्यान दें कि यह डोज आपके डॉक्टर ने पहले से निर्धारित की होगी, जिसे आप रोज ले रही होेंगी। टाइप 2 डायबिटीज पेशेंट रुक-रुक कर या लगातार इंसुलिन थेरेपी की मदद ले सकते हैं।
Subcutaneous यानी स्किन के नीचे इंसुलिन सबसे अधिक तेजी से काम करता है। क्योंकि जहां पर इंजेक्शन दिया जाता है, वहां का ब्लड फ्लो इंसुलिन अब्जॉर्बशन को बढ़ा देता है। नितंबों या जांघ की बजाय इसे पेट, हाथ या डेल्टॉइड में इंजेक्ट करना अधिक प्रभावी होता है, क्योंकि इन जगहों पर ब्लड फ्लो ज्यादा तेजी से हो पाता है।
स्मोकिंग, ओबेसिटी, कम फिजिकल एक्टिविटी एब्जॉर्बशन रेट को घटा भी सकते हैं। इसके अलावा, यदि आपका ब्लड शुगर लेवल 300 mg/dL या उससे अधिक है, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
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