पोटेशियम और विटामिन B6 के लिए अमेरिकन कॉर्न नहीं, खाएं अपनी देसी मक्की, एक्सपर्ट बता रहीं हैं कारण
चूंकि मकई या मक्की स्वाभाविक रूप से ग्लूटन फ्री है, इसलिए गेहूं के स्थान पर इसका उपयोग करना एक अच्छा विकल्प है। यह महत्वपूर्ण विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट से भी भरा हुआ है, जो आपके स्वास्थ्य को कई तरह से मदद कर सकता है। यह रंग में सफ़ेद या केसरी हो सकती है। इस बारे में बारे बात करते हुए हाल ही में सेलिब्रिटी न्यूट्रीशनिस्ट रुजुता दिवेकर (Rujuta Diwekar) ने इन्स्टाग्राम पर एक पोस्ट साझा की और बताया कि कैसे अमेरिकन कॉर्न भले ट्रेंड में हो, पर भारतीय पोषण की आवश्यकता को पूरा करने में अपनी देसी मक्का (Indian corn health benefits) ही ज्यादा फायदेमंद है।
यहां जानिए देसी मक्की के स्वास्थ्य लाभ
1 पोटेशियम का बड़ा स्रोत है
देसी मकई पोटेशियम का एक बड़ा स्रोत है। एक आवश्यक पोषक तत्व जो कई अमेरिकियों को पर्याप्त नहीं मिलता है। पोटेशियम रक्त प्रवाह और दिल की धड़कन को बनाए रखने के साथ ही ब्लड सर्कुलेशन को नियमित करने में मदद करता है । पोटेशियम की कमी हाइपोकैलिमिया नामक गंभीर बीमारी को जन्म दे सकता है ।
2 आंखों का रखता है ख्याल
देसी मकई में ल्यूटिन होता है, जो विटामिन ए के समान एक कैरोटीनॉयड होता यह आमतौर पर फलों और सब्जियों में पाया जाता है। ल्यूटिन मैकुलर डिजनरेशन , मोतियाबिंद और आंखों की अन्य समस्याओं के जोखिम को कम करने के लिए जाना जाता है ।
3 पाचन स्वास्थ्य
भारतीय मक्की या भुट्टे में डाइट फाइबर की मात्रा अधिक होती है। जो एक स्वस्थ जीवन शैली को बनाए रखने के लिए आवश्यक है। फाइबर प्लांट-बेस्ड फ़ूड आयटम्स में सबसे ज़्यादा मिलता है। मकई में मौजूद फाइबर कई अन्य लाभ भी प्रदान करता है, जैसे मल त्याग को नियमित करना, रक्त शर्करा (blood sugar) के स्तर को प्रबंधित करना और भी बहुत कुछ।
4 प्रोस्टेटाइटिस उपचार
इसके अलावा, देसी कॉर्न में एंटीऑक्सीडेंट क्वेरसेटिन होता है। शोधकर्ताओं ने इस बात के पुख्ता सबूत पाए हैं कि क्वेरसेटिन प्रोस्टेटाइटिस के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्रोस्टेट की सूजन पुरुषों को प्रभावित करती है।
5 अल्जाइमर और डिमेंशिया से बचाती है
अल्जाइमर और मनोभ्रंश के खिलाफ क्वेरसेटिन का सुरक्षात्मक घेरा तैयार कर सकता है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि क्वेरसेटिन न्यूरॉन कोशिकाओं की रक्षा करता है और न्यूरो इन्फ्लेमेशन को कम करता है, साथ मनोभ्रंश होने की संभावना कम करता है।
6 विटामिन B6 का भी स्रोत
मकई में विटामिन बी6 होता है , जो पाइरिडोक्सिन के स्वस्थ स्तर को बनाए रखने के लिए आवश्यक पोषक तत्व है। पाइरिडोक्सिन की कमी से एनीमिया हो सकता है. यह हृदय रोग , अवसाद और प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम विकसित होने का खतरा भी पैदा कर सकता है।
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