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क्या सोया चंक्स सचमुच हेल्दी हैं? जानें इस पर क्‍या है न्‍यूट्रीशनिस्‍ट की राय

प्रोटीन से भरपूर सोया चंक्स हमेशा से खूबियां और खामियों दोनों के लिए जाने जाते है, लेकिन क्या वे उतने ही हेल्‍दी हैं जितना हम उन्हें खाना पसंद करते हैं?
सोया चंक से बना नाश्ता सुबह के लिए बहुत ही तृप्त करने वाला हो सकता है। चित्र: शटरस्‍टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 10 Dec 2020, 12:44 pm IST
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डियर वेजिटेरियन्‍स, यह खास आपके लिए है। जिस प्रकार से मांसाहारियों के लिए चिकन है, उसी प्रकार से शाकाहारियों के लिए सोया चंक्स और कौटेज चीज़ है। प्रोटीन के सबसे ज्‍यादा रिच सोर्स।

हांलाकि, जब से लोगों को यह पता चला है कि कौटेज चीज़ में फैट्स की ज़्यादा मात्रा है और सोया चाप में मिलावट होती है, तब से न्यूट्रेला सोया चंक्स के लिए शाकाहारी लोगों का प्यार लगातार बढ़ता ही जा रहा है।

चावल के पुलाव में मिलाने से लेकर सलाद में सब्जियों के साथ मिलाने तक सोया चंक्स ने हमारे जीवन में खास जगह बना ली है। ज्यादा प्रोटीन की मात्रा और मांसपेशियों को ठीक करने की क्षमता की वजह से भी सोया चंक्‍स सभी के फेवरिट हैं।

तो आखिर यह चंक्स असल में हैं क्या ?

मूल रूप से सोया चंक्स डिफैटेड सोया फ्लोर से बना होता है, जोकि सोयाबीन ऑयल से निकलने वाला एक उप – उत्पाद है और इसमें काफी मात्रा में पोषण होता है।

जसलीन कौर, पोषण विशेषज्ञ और जस्ट डायट क्लिनिक, दिल्ली की संस्थापक हैं। वे बताती हैं, वास्तव में, वेजिटेरियन चिकन माने जाने वाले 100 ग्राम सोया में 52 ग्राम प्रोटीन, 13 ग्राम फाइबर और 35 ग्राम विटामिन और खनिज होते हैं।

क्या वास्तव में सोया चंक्स ग्रेट है?

जसलीन कौर कहती हैं, “हां, सोया चंक्‍स प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है, खासकर शाकाहारियों के लिए।”

सोयाबीन सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक

उनमें प्रोटीन की मात्रा मांस, अंडे और दूध की जितनी ही होती है। इनके सेवन से आप वे सभी लाभ ले सकती हैं, जो आपको प्रोटीन के सेवन से मिलते हैं। जैसे तेज चयापचय, मांसपेशियों का निर्माण, साथ ही साथ बेहतर त्वचा, बाल, और हड्डियों का स्वास्थ्य।

2015 में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, वंडर फूड शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सक्षम हैं। इसलिए इनके सेवन से हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है।

इसके अतिरिक्त, मॉलीक्‍यूल्‍स पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि इन चंक्‍स में मौजूद सोया आइसोफ्लेवोन्स अंगों के आसपास वसा को इकट्ठा नहीं होने देते। जिससे आपको वेट लॉस में मदद मिलती है।

पर कुछ चीजों का ध्‍यान रखें

मिस कौर चेतावनी देती हैं कि अधिक मात्रा में सोया उत्पादों का सेवन करने से शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ सकता है।

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वास्तव में, यह एक ऐसी स्थिति पैदा कर सकता है जिसे एस्ट्रोजेन प्रभुत्व (estrogen dominance) के रूप में जाना जाता है। इसलिए, पुरुषों को सोया चंक्‍स का ज्‍यादा सेवन करने से ‘मेन बूब्‍स’ की समस्‍या हो सकती है। जबकि महिलाओं में सोया उत्‍पादों का ज्‍यादा सेवन करने से खतरनाक मूड स्विंग्‍स, वॉटर रिटेंशन, सूजन, मुंहासे, वजन बढ़ने की समस्‍या हो सकती है।

ज्‍यादा मात्रा में सोयाबीन का सेवन करने से एक्‍ने भी हो सकते हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक

इसके अतिरिक्त, सोया चंक्स खाने से कब्ज, मितली, और पेशाब ज्‍यादा आने की समस्‍या का सामना भी करना पड़ सकता है।

सोया चंक्स की अधिक मात्रा के कारण प्रोटीन की अधिकता आपके शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकती है, जो बदले में आपकी किडनी को नुकसान पहुंचा सकती है। यह आपके जोड़ों के आसपास यूरिक एसिड क्रिस्टल के जमाव का कारण बन सकती है।

तो क्‍या है सोया के सेवन की आदर्श मात्रा?

“एक दिन में 25 से 30 ग्राम सोया चंक्स खाने से फायदा होता है और इससे शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर भी नहीं बढ़ता। न ही इससे शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ेगा।

मिस कौर यह भी कहती हैं कि, यदि आप वास्तव में सोया चंक्स के स्वास्थ्य लाभों को प्राप्त करना चाहते हैं, तो वह ताजा, घर पर पकाए गए सोया चंक्‍स का सेवन सेवन करने की सलाह देती हैं।

तो, आप समझ ही गई होंगी कि सोया चंक्‍स सचमुच हेल्‍दी हैं, बशर्ते कि सीमित मात्रा में उनका सेवन किया जाए।

टीम हेल्‍थ शॉट्स

ये हेल्‍थ शॉट्स के विविध लेखकों का समूह हैं, जो आपकी सेहत, सौंदर्य और तंदुरुस्ती के लिए हर बार कुछ खास लेकर आते हैं। ...और पढ़ें

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