world homeopathy day 2023 : सर्दी-जुकाम-बुखार से लेकर आर्थराइटिस तक इन 6 बीमारियों के समाधान में कारगर है होमियोपैथी
शरीर में प्रभावित होने वाले विशिष्ट अंग या भाग को प्रभावित करती है एलोपैथी। इसका प्रभाव और संक्रमण शरीर के अन्य अंगों पड़ सकता है। दूसरी ओर होमियोपैथी निश्चित रूप से जोखिम मुक्त होती है, क्योंकि इसकी दवाओं का प्रभाव शरीर के अन्य अंगों पर नहीं पड़ता है। इसका उद्देश्य पूरे शरीर को ठीक करना है न कि केवल प्रभावित हिस्से को। यह लाइफस्टाइल से जुड़े कई रोगों में लाभदायक है। होमियोपैथी के लाभ को देखते हुए विश्व होम्योपैथी दिवस मनाया जाने लगा है। होमियोपैथी किन-किन रोगों के इलाज में प्रभावी है, यह जानने के लिए हेल्थ शॉट्स ने होमियोपैथ चिकित्सक डॉ. प्रदीप नेगी से बात की।
क्या है होम्योपथी उपचार (Homeopathy Treatment)
होम्योपथी अत्यधिक डायलुटेड सबस्टांस पर आधारित उपचार है। इसमें चिकित्सक दावा करते हैं कि होम्योपथी की दवाओं की मदद से शरीर खुद को ठीक कर सकता है। इसमें रोगी के इतिहास के आधार पर चिकित्सा की जाती है। आम तौर पर दवा के प्रयोग करने के 7-10 दिनों के भीतर फायदा दिखने लगता है। समय के साथ और निरंतर उपचार के साथ रोगों का निदान होता है।
विश्व होम्योपैथी दिवस (World Homeopathy Day 2023)
विश्व होम्योपैथी दिवस हर साल 10 अप्रैल को मनाया जाता है। होम्योपैथी के संस्थापक डॉ. हैनिमैन के जन्मदिन के उपलक्ष्य में यह दिवस मनाया जाता है। इस बार विश्व होम्योपैथी दिवस की थीम है- सभी जनों का स्वास्थ्य। पूरी दुनिया एक होमियो परिवार है।
भारत में महेंद्र लाल सरकार पहले भारतीय थे, जो होम्योपैथिक चिकित्सक बने। 1881 में पहला होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज कलकत्ता होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज स्थापित किया गया। कॉमन कोल्ड, इंजरी से ट्रॉमा, नर्व प्रॉब्लम, स्किन प्रॉब्लम, डायबिटीज और अर्थराइटटीस में होम्योपैथी उपचार कारगर है
इन 6 बीमारियों के लिए कारगर माना जाता है
1 कॉमन कोल्ड (common cold)
डॉ. प्रदीप कहते हैं, ‘होमियोपैथी कॉमन कोल्ड यानि सामान्य सर्दी के लक्षणों को प्रभावी रूप से ठीक करने में मदद करती है। साथ ही, ये आपकी अन्य मानसिक व शारीरिक परेशानियों को भी दूर करती है। यह लंबे समय तक रहने वाले लक्षणों से भी छुटकारा दिला सकती है। जिसे बार-बार सर्दी, गले में खराश और सीने में तकलीफ होती है, उसे आर्सेनिकम एल्बम दवा से उपचार किया जा सकता है।’
2 इंजरी से ट्रॉमा (trauma from injury)
बेलिस पेरेनिस दवा ट्रंक और डीपर टिश्यू की चोटों के लिए उपयोगी है। गिरने, कार दुर्घटनाओं, सर्जरी के कारण हुआ ट्रॉमा में यह फायदेमंद है। अर्निका का उपयोग चोट, मोच, मांसपेशियों में दर्द, घाव भरने, जोड़ों के दर्द, कीड़े के काटने से सूजन और टूटी हुई हड्डियों के कारण हुई सूजन के लिए किया जाता है।
3 नर्व पेन (Nerve Pain)
डॉ. प्रदीप के अनुसार, नर्व पेन कई कारणों से हो सकता है । यह जीवन की गुणवत्ता को भी प्रभावित कर सकता है। होम्योपैथी में नसों की कमजोरी का बढ़िया इलाज उपलब्ध है। ब्रायोनिया, डल्कामारा, हाइपरिकम पेरफोराटम जैसी होम्योपैथिक दवाओं से इन स्थितियों से छुटकारा पाया जा सकता है।
4 स्किन डिजीज (skin disease)
होम्योपैथी त्वचा की किसी भी समस्या के लिए सबसे अच्छे समाधानों में से एक है। यह रोगी के इतिहास के आधार पर हर व्यक्ति को अलग-अलग उपचार प्रदान करता है। यह दाने, फंगल इनफेक्शन, मुंहासे, एकने आदि जैसी स्किन समस्याओं से पीड़ित लोगों को लाभ पहुंचा सकता है। ग्रेफाइट, आरसेनिकम दवा भी स्किन डिजीज के इलाज के लिए उपयोग में लाई जाती है।
5 डायबिटीज (diabetes)
इंसुलिन के लिए कोई होम्योपैथिक विकल्प नहीं है। कुछ शोध बताते हैं कि जब मधुमेह के नियमित उपचार के साथ होम्योपैथिक दवा का उपयोग किया जाता है, तो वे ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।
अब्रोमा ऑगस्टा, ब्लैक प्लम सबसे अच्छी होम्योपैथिक दवा है, जो ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद करती है।
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कस्टमाइज़ करें6 रूमेटाइड अर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis)
रयूमेटोइड अर्थराइटिस में होम्योपैथी की दवाएं बढ़िया उपचार प्रदान करती हैं। इन दवाओं के कारण किसी तरह का साइड इफेक्ट नहीं होता है। यह दर्द नियंत्रण बहुत प्रभावी है। एकोनिटम नैपेलस, अर्निका, बेलाडोना दर्द और सूजन को कम करने में मददगार हो सकता है।
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