मनुष्यों से उनके पालतू कुत्तों में भी फैल सकता है मंकीपॉक्स, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दी चेतावनी
फ्रांस की राजधानी पेरिस में इंसानों से कुत्ते में मंकीपॉक्स वायरस संक्रमण (Monkeypox virus transmission) का पहला मामला सामने आया है। मेडिकल जर्नल द लैंसेट के अनुसार, फ्रांस में दो समलैंगिक पुरुषों में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने के 12 दिन बाद उनके पालतू कुत्ते (Pet dog) में भी इसके लक्षण दिखने लगे। मंकीपॉक्स के मनुष्यों से कुत्तों में संक्रमण (human to dog monkeypox) फैलने के पहले मामले की पुष्टि के साथ ही मेडिकल वर्ल्ड में हड़कंप मच गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस बारे में चेतावनी जारी करते हुए सावधान रहने की अपील की है।
क्या है पूरा मामला
मेडिकल जर्नल द लैंसेट के अनुसार, फ्रांस में दो समलैंगिक पुरुषों में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने के 12 दिन बाद उनके पालतू कुत्ते (Pet dog) में भी इसके लक्षण दिखने लगे। जब उसके ऑनर में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखे, तो वे क्वारंटाइन हो गए। उनके साथ उनका कुत्ता भी रहता था।
कुछ दिनों बाद कुत्ते के पेट और शरीर के अन्य अंगों पर फोड़े और फुंसी दिखने लगे। कुत्ता उन लोगों के साथ उनके बेड पर ही सोता था। इंसानों से पशुओं में मंकीपॉक्स के संक्रमण (human to dog monkeypox) का यह पहला मामला है। इंसान से कुत्ते में मंकीपॉक्स के संक्रमण को देखते हुए डब्ल्यूएचओ ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि इंसानों से पशुओं में मंकीपॉक्स का संक्रमण हो सकता (monkeypox can be transmitted from human to pets) है।
मंकीपॉक्स के बारे में यह जानना है जरूरी
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के आंकड़ों के अनुसार, 82 देशों में मंकीपॉक्स के 12 अगस्त तक 34, 448 कन्फर्म मामले सामने आ चुके हैं। इससे अब तक 11 मौतें भी हो चुकी हैं। भारत में भी मंकीपॉक्स के कुछ मामलों को देखते हुए इसका खतरा कम करने की तैयारी शुरू हो गई है। हालांकि अभी तक इसके लिए कोई वैक्सीन नहीं है, इसलिए बचाव को ही उपचार माना जा रहा है।
इससे संक्रमित होने के बाद व्यक्ति के शरीर पर लाल दाने नजर आने लगते हैं। उन दानों से निकलने वाला द्रव्य भी इसके प्रसार का कारण बन सकता है। इसलिए मंकीपॉक्स से ग्रस्त मरीजों को क्वारांटाइन रहने की सलाह दी जा रही है।
मंकीपॉक्स वायरस का इन्क्यूबेशन पीरियड 6 से 13 दिन तक होता है। यह 5 से 21 दिन तक भी रह सकता है। संक्रमित होने के बाद पांच दिन के अंदर बुखार, तेज सिरदर्द, पूरे शरीर में दर्द और थकान जैसे लक्षण दिख सकते हैं। जब तक मंकीपॉक्स की वैक्सीन नहीं आ जाती, तब तक संक्रमण से बचाव करने की कोशिश ही इलाज है।
क्या है विश्व स्वास्थ्य संगठन की सलाह
इंसान से कुत्ते में मंकीपॉक्स के संक्रमण को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने लोगों से अपने पेट्स का मंकीपॉक्स संक्रमण से बचाव करने की सलाह दी है। संक्रमित व्यक्ति अपने पालतू पशुओं के संपर्क में न आएं। डब्ल्यूएचओ के अधिकारियों के अनुसार, इंसान से पशुओं में फैल सकता है मंकीपॉक्स। पहले मानव-से-कुत्ते में मंकीपॉक्स का ट्रांसमिशन एक थ्योरेटिकल जोखिम भर लगता था। फ्रांस में इंसानों से संक्रमित हुए कुत्ते को देखते हुए अब व्यावहारिक तौर पर भी पुष्टि हो गई है।
संक्रमण होने पर पेट्स से बचना भी है जरूरी
डब्ल्यूएचओ ने यह सलाह दी है कि वायरस से संक्रमित होने पर पालतू जानवरों को उनके परिवारों से अलग कर देना चाहिए। पहले इस बारे में कोई रिकॉर्ड नहीं था, लेकिन अब एहतियात बरतने के लिए लोगों को संदेश मिल चुका है।
अमेरिका की नेशनल पब्लिक हेल्थ एजेंसी द सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने मंकीपॉक्स को लेकर एक चेतावनी भी जारी की है, जिसमें पेट्स ऑनर को अपने संक्रमित पेट्स के साथ पेटिंग, कडलिंग, किसिंग या फूड शेयर करने से बचने की सलाह दी है।
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कस्टमाइज़ करेंइस गाइडलाइन के अनुसार, संक्रमित जानवर लोगों में और संक्रमित इंसान पशुओं में मंकीपॉक्स वायरस का प्रसार कर सकते हैं। सीडीसी के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में अब तक 12,689 मंकीपॉक्स के पुष्ट मामले मिल चुके हैं।
भारत में चल रही है मंकीपॉक्स वैक्सीन बनाने की तैयारी
विश्व में फैली इस बीमारी का संक्रमण भारत तक भी पहुंच चुका है। भारत में भी मंकीपॉक्स के कुछ मामलों को देखते हुए इसका खतरा कम करने की तैयारी शुरू हो गई है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च आईसीएमआर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के साथ मिलकर मंकीपॉक्स वैक्सीन और डायग्नोस्टिक किट विकसित करने की योजना बना चुकी है।
पूरे विश्व में मंकीपॉक्स के 19 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके है। ज्यादातर मामलों में डॉक्टर चेचक के टीके से इस बीमारी का उपचार कर रहे हैं। पर इसके लिए अभी तक कोई वैक्सीन नहीं बन पाई है। इसलिए आपको विशेष सावधान रहने की जरूरत है।