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वैज्ञानिकों नें खोज ली हैं दवाएं जो अल्जाइमर के प्रभाव को उलट सकती हैं

वैज्ञानिक हाइपरटेंशन और इंफ्लेमेशन की दवाओं का प्रयोग करके चूहों में अल्जाइमर के लक्षणों को रोकने में सक्षम रहे हैं।
यह नया शोध बताता है कि यह दवाएं अल्जाइमर रोग को उलट देती हैं। चित्र : शटरस्‍टॉक
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आज अल्जाइमर दुनिया में डिमेंशिया का सबसे बड़ा कारण है, जो करीब 24 मिलीयन लोगों को प्रभावित करता है। आईसीईआरए (ICERA) और स्ट्रक्चरल बायोइंफोरमैटिक्स एंड नेटवर्क बायोलॉजी लैब आईआरबी बार्सिलोना, के वैज्ञानिक डॉ. पैट्रिक अलोय के नेत्रत्व में किए गए अध्ययन में यह सामने आया है कि हायपरटेंशन और इंफ्लेमेशन की दवाएं अल्जाइमर (Alzheimer’s) के जोखिम को रोक सकती हैं। साथ ही, इसके लक्षणों को भी कम कर सकती हैं। यह अध्ययन चूहों पर किया गया है।

इस अध्ययन को तीन चरणों में विभाजित किया गया था – इनिशिअल, इंटरमीडिएट और एडवांस। इसमें हर चरण पर जानवरों के बर्ताव, उनके मस्तिष्क में होने वाले परिवर्तन, उनके जीन में होने वाले बदलावों को देखा गया।

डॉ. पैट्रिक अलोय का कहना है कि ”हालांकि यह बीमारी उम्र के साथ होती हैं। मगर यह कुछ प्रोटीन के बदलाव के कारण भी हो सकती है।”

अध्ययन के दौरान वैज्ञानिकों नें केमिकल चेकर की मदद से मार्केट में उपलब्ध उन ड्रग्स या दवाइयों का पता लगाया, जो इस तरह के सेल्यूलर परिवर्तनों को रोक सकती हैं। यह केमिकल चेकर उनकी टीम द्वारा ही निर्मित किया गया है।

सभी दवाइयों में कुल चार ड्रग्स अल्जाइमर के लक्षणों को उलटनें में कारगर साबित हुए – दो नॉन-स्टेरायडल एंटीइंफ्लेमेटरी और दो उच्च रक्तचापरोधी, रोग को उलटने और चूहों में लक्षणों को कम करने में प्रभावी साबित हुए।

पिछले कई अध्ययनों में भी ऐसा देखा गया है कि जो लोग एंटीइंफ्लेमेटरी लेते रहते हैं, उनमें दूसरे लोगों के मुकाबले अल्जाइमर का जोखिम कम रहता है।

डॉ.अलोय का कहना है कि ”यह अध्ययन अल्जाइमर रोग के इलाज में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। और इस रोग के इलाज में मदद कर सकता है।”

यह अध्ययन जापान में रिकेन सेंटर फॉर ब्रेन साइंस और इंस्टिट्यूट ऑफ ब्रेन साइंस के सहयोग से किया गया है।

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ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। ...और पढ़ें

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