मधुमेह से लेकर ब्लड प्रेशर तक में कारगर है मीठी नीम, जानिए ये कैसे काम करता है  

एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर, करी पत्ते में अधिकांश बीमारियों को दूर रखने की क्षमता होती है , खासकर टाइप -2 मधुमेहऔर हृदय रोग को। 
ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में फायदेमंद है करी पत्ता। चित्र : शटरस्टॉक
शालिनी पाण्डेय Published: 24 Sep 2022, 14:29 pm IST
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करी पत्ते (curry leaves) के फायदे किसी से छिपे नहीं हैं। कड़ी पत्ता के रूप में लोकप्रिय , यह लंबे समय से करी और चावल के व्यंजनों में एक अलग स्वाद जोड़ने के लिए उपयोग किया जाता है। करी पत्ते का अद्भुत सुगंधित स्वाद आमतौर पर दक्षिण भारतीय व्यंजनों में उपयोग किया जाता है। रसम हो या पोहा कड़ी पत्ते के बिना उनका स्वाद अधूरा है। स्वाद से आगे बढ़कर मीठी नीम या कड़ी पत्ता आपकी सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है। ये ब्लड प्रेशर से लेकर ब्लड शुगर तक को कंट्रोल कर सकता है। आइए जानते हैं मीठी नीम यानी कड़ी पत्ता के स्वास्थ्य लाभ (Curry leaves to lower blood sugar)।  

कड़ी पत्ता के बारे में क्या कहता है आयुर्वेद 

भारत के पारंपरिक औषधि विज्ञान आयुर्वेद (Ayurveda) में भी करी पत्ता (Curry leaves benefits in Ayurveda) एक मानक उपाय है। यह हृदय रोग, संक्रमण और सूजन जैसी स्वास्थ्य स्थितियों का प्रबंधन करने के लिए जाना जाता है। बीटा-कैरोटीन और विटामिन सी जैसे एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर, करी पत्ते में अधिकांश बीमारियों को दूर रखने की क्षमता होती है , खासकर टाइप -2 मधुमेहऔर हृदय रोग को। 

जकरी पत्ते के पानी के तौर पर लिया जा सकता है। चित्र : शटरस्टॉक

तो, ऐसा क्या है जो करी पत्ते को मधुमेह के प्रबंधन के लिए एक उत्कृष्ट हर्बल उपचार बनाता है और रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर करने के लिए इसका उपयोग कैसे करें।

कड़ी पत्ते के बारे में क्या कहते हैं एक्सपर्ट 

डॉ. भरत बी. अग्रवाल की पुस्तक ‘हीलिंग स्पाइसेस’ के अनुसार शिकागो विश्वविद्यालय में टैंग सेंटर फॉर हर्बल मेडिसिन रिसर्च के शोधकर्ताओं ने उच्च रक्त शर्करा के स्तर को 45 प्रतिशत तक कम करने के लिए करी पत्ते का इस्तेमाल किया। करी पत्ता टाइप-2 मधुमेह के प्रबंधन में सुधार करने में मदद कर सकता है। यहां बताया गया है कि यह रक्त शर्करा को स्थिर करने और मधुमेह को कुशलतापूर्वक प्रबंधित करने में कैसे मदद करता है।

करी पत्ते में विटामिन, बीटा-कैरोटीन और कार्बाज़ोल एल्कलॉइड जैसे एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो मुक्त कणों से ऑक्सीडेटिव क्षति से जुड़ी कई बीमारियों से बचाते हैं, जिनमें से टाइप -2 मधुमेह सूची में सबसे ऊपर है। यह पत्ता फाइबर की मात्रा से भरपूर होता है। फाइबर पाचन को धीमा करने के लिए जिम्मेदार होता है और जल्दी से मेटाबोलाइज नहीं करता है। जिससे आपका ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है।

करी पत्ता आपकी इंसुलिन गतिविधि को बढ़ावा देता है और जब शरीर इंसुलिन का ठीक से उपयोग करने में सक्षम होता है, तो रक्त शर्करा का स्तर स्थिर हो जाता है। डाईफार्माज़ी – फार्मास्युटिकल साइंसेज के एक इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार – पत्तियों के एंटी-हाइपरग्लाइकेमिक गुणों को मधुमेह में रक्त शर्करा के स्तर को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए दिखाया गया था।

इसमें ऐसे यौगिक होते हैं जो मधुमेह वाले लोगों में स्टार्च-टू-ग्लूकोज के टूटने की दर को धीमा कर देते हैं। करी पत्ता रक्तप्रवाह में प्रवेश करने वाले ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रित कर सकता है।

मधुमेह के प्रबंधन के लिए करी पत्ते का उपयोग कैसे करें?

आप सुबह सबसे पहले आठ से 10 ताजा करी पत्ते खा सकते हैं, या आप पत्तियों का रस निकालकर रोज सुबह पी सकते हैं।

मधुमेह और ब्लड प्रेशर के लिए भी फायदेमंद है करी पत्ता। चित्र-शटरस्टॉक।

करी पत्ते के लाभ के लिए इसे करी, चावल जैसे व्यंजन और सलाद में शामिल करें।

ध्यान दें 

नियमित रूप से करी पत्ते का सेवन करने से पहले सुनिश्चित करें कि आप डॉक्टर से सलाह लें। इन पत्तों और दवाओं का एक साथ सेवन करने से रक्त शर्करा का स्तर काफी कम हो सकता है।

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शालिनी पाण्डेय

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