लॉग इन

प्रेगनेंसी में आप और आपके बच्चे दोनों के लिए खतरनाक हो सकता है जीका वायरस, जानिए इसकी जटिलताएं

प्रेगनेंसी के समय जब आपकी इम्युनिटी कमजोर होती है, तब आपको इससे और भी ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। क्योंकि तब यह आपके गर्भ में पल रहे बच्चे को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
गर्भवती स्त्रियों के लिए जीका वायरस ज्यादा खतरनाक हो सकता है। चित्र: शटरस्टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 17 Oct 2023, 17:05 pm IST
ऐप खोलें

पूरी दुनिया पिछले एक-डेढ़ साल से कोरोनावायरस से जूझ रही है। उस पर जीका वायरस (Zika Virus) परेशानियां और बढ़ा रहा है। जिसका सबसे पहला केस केरल में देखा गया है। जीका वायरस का प्रसार इतना तीव्र है कि यह गर्भवती महिला से उसके बच्चे को भी जा सकता है। ऐसे और बहुत से कारण हैं जो जीका वायरस के बारे में चिंता बढ़ा रहे हैं। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।

क्या है जीका वायरस

जीका वायरस दरअसल एक वायरल संक्रमण है, जो एडीज़ एजिप्टी नाम के मच्छर की इंफेक्टिड प्रजाति से फैलता है। ये एडीज़ मच्छर डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारी भी फैलाते हैं। जब मच्छर जीका वायरस संक्रमित व्यक्ति को काटता है, तो उस से यह संक्रमण दूसरे लोगों में भी फैलता है।

जीका वायरस के लक्षण 

यह ट्रॉपिकल और सब ट्रॉपिकल क्षेत्रों में अधिक फैलता है। इस वायरस के संक्रमण में ज्यादातर कोई लक्षण तो नहीं दिखते, बस थोड़े बहुत लक्षण दिखते हैं। जिनमें हल्का फुल्का बुखार होना, मसल पेन है। बहुत ही कम मामलों में ऐसा होता है कि जीका वायरस मानसिक परेशानी या नर्वस सिस्टम में हानि का कारण होता है।

इस समय जीका वायरस बड़ी चिंता का विषय है। चित्र: शटरस्टॉक

क्या जीका वायरस गर्भवती महिला को संक्रमित कर सकता है

जी हां, जीका वायरस गर्भवती महिला को भी संक्रमित कर सकता है और उसके गर्भ में पल रहे शिशु को भी। इस मच्छर के काटने से यदि संक्रमण गर्भस्थ शिशु तक फैलता है, तो शिशु माइक्रोसेफली (Microcephaly Disease) बीमारी का शिकार हो जाता है।

क्या है माइक्रोसेफली बीमारी (Microcephaly Disease)

यदि बच्चा इस वायरस से संक्रमित है, तो वह जन्म के समय दुर्लभ जन्म दोष के साथ पैदा होता है। जिसमें उसका सिर, उसके शरीर के मुकाबले काफी छोटा होता है। यही नहीं बच्चे का मस्तिष्क भी विकसित नहीं होता और उसको सुनने की समस्या भी हो सकती है।

जानिए गर्भावस्था में किस तरह हो सकता है जीका वायरस ट्रांसमिशन 

कन्जेनिटल ट्रांसमिशन

इस प्रकार के ट्रांसमिशन में यदि आप प्रेगनेंट है और जीका वायरस से संक्रमित हैं, तो वह इंफेक्शन आप से बच्चे के अंदर जन्म से पहले ही ट्रांसमिट हो जायेगा।

पेरी नेटल ट्रांसमिशन

यह तब होता है जब आप की डिलीवरी होने के बाद या डिलीवरी के समय आप से यह वायरस बच्चे में ट्रांसमिट हो जाये।

यह डिलीवरी के दो दिन बाद भी हो सकता है और डिलीवरी के समय भी। जब बच्चे में इस प्रकार से वायरस ट्रांसमिट होता है, तो उसे बुखार, रैश आदि लक्षण देखने को मिलते हैं।

पोस्ट नेटल ट्रांसमिशन

शिशु को मच्छर के काटने के कारण भी यह वायरस हो सकता है। ज्यादातर बच्चे जिनको यह संक्रमण होता है, उनमें अधिक लक्षण नहीं दिखते।

यह स्तनपान के माध्यम से भी बच्चे को जा सकता है। चित्र: शटरस्टॉक।

क्या है विशेषज्ञ सुझाव 

डॉ. मनीषा रंजन, स्त्री रोग विशेषज्ञ, मदरहुड हॉस्पिटल, नोएडा के मुताबिक यदि पहली तिमाही में यानी पहले 13 दिन में आपका बच्चा संक्रमित हुआ है तो, बच्चे के जन्म के समय डिफेक्टिव होने के अधिक चांसेस है। इसलिए बच्चे को अबार्ट करा लें।

अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें

कस्टमाइज़ करें

यदि गर्भ में पल रहा बच्चा दूसरी तिमाही में संक्रमित हुआ है लेकिन शुरू के 14 दिन के बाद तो डॉक्टर के सुझाव के अनुसार रिस्क ले सकते हैं।

क्या ब्रेस्ट फीडिंग से वायरस ट्रांसफर हो सकता है

यदि आप बच्चे को अभी भी फीड कर रही हैं तो जीका वायरस आप के दूध से भी बच्चे में ट्रांसमिट हो सकता है। क्योंकि यह स्टडीज में पाया गया है कि यह वायरस ब्रेस्ट मिल्क में भी होता है। लेकिन यह बच्चे में फैलता है या नहीं इस बात को लेकर अभी कन्फर्म नहीं किया गया है। हालांकि सीडीसी के अनुसार अगर एक मां वायरस से संक्रमित भी है तो भी उसे अपने बच्चे को दूध पिलाना जारी रखना चाहिए।

गिल्लेन बैरी सिंड्रोम क्या है

इस प्रकार के सिंड्रोम होने का रिस्क आपको तब होता है जब आपकी उम्र अधिक हो गई हो। लेकिन इसके बीच लिंक अभी नहीं पाया गया है। इसका होने का रिस्क भी बहुत ही कम होता है। अगर आप सभी प्रकार के सुरक्षा नियमों का पालन करेंगी तो आप आसानी से आपने बच्चे और खुद को इस सिंड्रोम से बचा सकती हैं।

इन बातों का भी रखें ध्यान

अगर आप इस वायरस से बचना चाहती हैं तो मच्छर से दूर रहने की कोशिश करें और अपने घर में मच्छरों के लिए अनुकूल जगहों को जैसे खड़ा हुआ पानी, या गमले आदि को नष्ट करें। यह वायरस ब्लड ट्रांसफर से भी एक से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है।

अगर आप ब्लड डोनेट कर रही हैं या ब्लड ले रही है तो यह जरूर सुनिश्चित कर लें कि वह व्यक्ति वायरस से संक्रमित न हो। आप अपने गर्भस्थ शिशु का भी पूरा ध्यान रखें।

यह भी पढ़ें – बरसात के मौसम में इन 3 बीमारियों से आपको रहना चाहिए सावधान, मच्छर हो सकते हैं इनका कारण

टीम हेल्‍थ शॉट्स

ये हेल्‍थ शॉट्स के विविध लेखकों का समूह हैं, जो आपकी सेहत, सौंदर्य और तंदुरुस्ती के लिए हर बार कुछ खास लेकर आते हैं। ...और पढ़ें

अगला लेख