Diabetes and rice : डायबिटीज के मरीज भी खा सकते हैं चावल, बस इन चीजों का रखें ध्यान
पौष्टिक और संतुलित आहार स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है। खासकर जब आपको डायबिटीज हो। डायबिटीज के मरीज आमतौर पर संतुलित आहार को फॉलो करने के लिए चावल को एवॉइड करते हैं। उन्हें लगता है कि चावल खासकर सफेद चावल जैसे कार्बोहाइड्रेट खाद्य पदार्थ डाइट पैटर्न में शामिल करने के लिए सही नहीं है। हर किसी की ज़रूरतें अलग-अलग होती हैं। यदि चावल पकाने का सही तरीका मालूम हो, तो निश्चित रूप से मधुमेह वाले लोगों के लिए यह हेल्दी डाइट का हिस्सा (diabetes patient and rice) हो सकता है।
समझिए मधुमेह और कार्बोहाइड्रेट का संबंध (Diabetes and carbs)
मधुमेह शरीर में इंसुलिन का उत्पादन करने या इंसुलिन पर प्रतिक्रिया करने में समस्याएं होने पर होता है। इसके कारण ब्लड शुगर (diabetes patient and rice) को प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं हो पाता है। ग्लूकोज उन खाद्य पदार्थों से आता है, जिनमें कार्बोहाइड्रेट होते हैं। मधुमेह वाले लोग यह सवाल कर सकते हैं कि उन्हें सफेद चावल जैसे कार्बोहाइड्रेट खाना चाहिए या नहीं।
डायबेटिक लोगों को पूरी तरह से कार्बोहाइड्रेट से परहेज करने की ज़रूरत नहीं है। उन्हें कार्बोहाइड्रेट के प्रकार और मात्रा के बारे में सोचने की ज़रूरत है, जो वे खाते हैं। ब्लड शुगर का प्रबंधन करते समय चावल को शामिल करते समय कुछ बातों को ध्यान में रखा जा सकता है।
चावल के फायदे (Rice benefits)
• ब्राउन और सफेद चावल दोनों में 15 से अधिक विटामिन और मिनरल होते हैं। इनमें फोलिक एसिड और अन्य बी विटामिन, पोटेशियम, मैग्नीशियम, सेलेनियम और फाइबर के साथ-साथ आयरन और ज़िंक भी मौजूद होते हैं।
• जो लोग चावल खाते हैं, उन्हें कम्प्लीट हेल्दी डाइट (diabetes patient and rice) मिल जाती है।
• शोधकर्ताओं के अनुसार, भोजन में चावल खाने से तृप्ति बढ़ती है और लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस होता है।
रेसिस्टेंट स्टार्च resistant starch)
• सफेद और ब्राउन चावल दोनों ही रेसिस्टेंट स्टार्च (resistant starch) के महत्वपूर्ण स्रोत हैं – खासकर यदि खाने से पहले इसे पकाया और फिर ठंडा होने दिया जाता है। रेसिस्टेंट स्टार्च या फाइबर जो कम गाढ़े होते हैं, वे पाचन के लिए रेसिस्टेंट होते हैं। वे कुछ कैंसर को रोकने और हेल्दी वेट को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं।
• चावल में ग्लाइसेमिक प्रतिक्रिया कम होती है। सफेद और ब्राउन चावल के लिए कम होता है। ग्लाइसेमिक लोड या जीएल किसी भोजन में मौजूद कार्बोहाइड्रेट के ग्राम के आधार पर ब्लड शुगर की प्रतिक्रिया होती है ।
डायबिटीज के मरीज कैसे पकाएं चावल (Cooking method of rice for diabetes patient)
चावल को पकाने से पहले आधे घंटे के लिए पानी में डाल दें । फिर चावल को अच्छी तरह धोएं। इसे कुकर में पकाने की बजाय खुले बर्तन में ज्यादा पानी में पकाएं। उबलने पर एक्स्ट्रा पानी निकाल दें। इन सभी प्रक्रियाओं से स्टार्च निकल जाते हैं । ध्यान दें कि चावल पकाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली विधि शरीर द्वारा अवशोषित कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को भी प्रभावित कर सकती है। इसलिए अनाज के प्रति ब्लड शुगर की प्रतिक्रिया बदल सकती है।
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कस्टमाइज़ करेंठंडा चावल
चावल में प्राकृतिक रूप से रेसिस्टेंट स्टार्च होते हैं, जो छोटी आंत में पचते और अवशोषित नहीं होते हैं। शोध में पाया गया है कि पके हुए चावल जिन्हें उपयोग से पहले ठंडा और रेफ्रिजरेट किया जाता है, ताजे पके चावल की तुलना में रेसिस्टेंट स्टार्च का स्तर अधिक (diabetes patient and rice) होता है। चावल को ठंडा करने की प्रक्रिया स्टार्च अणुओं की संरचना को बदल सकती है, जो स्टार्च की पाचनशक्ति को प्रभावित करती है। यह ग्लाइसेमिक इंडेक्स को कम करती है।
अपने भोजन में चावल कैसे शामिल करें (How to Include Rice with Meals)
चावल को अन्य पौष्टिक खाद्य पदार्थों के साथ मिला कर खाना ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है। चावल को लीन प्रोटीन, सब्जियों और अन्य स्वस्थ वसा के साथ मिलाने से भोजन के बाद अचानक ब्लड शुगर बढ़ने की संभावना कम हो जाएगी। चावल और बीन्स दोनों में घुलनशील फाइबर होते हैं। इसलिए बीन्स को चावल के साथ मिलाना मधुमेह वाले लोगों के लिए मददगार (diabetes patient and rice) हो सकता है। बीन्स में मौजूद फाइबर भोजन के बाद ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ने से रोकने में मदद कर सकता है।
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