हमने खोज निकाले हैं काबुली चने के वे 6 फायदे, जो आपके समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं
जब शाकाहारी भोजन में प्रोटीन की बात होती है, तो काबुली चने का नाम सबसे पहले शामिल किया जाता है। यह आसानी से मिलने वाला और स्वादिष्ट ऑप्शन है। इसका सेवन भारतीय घरों में कई प्रकार से किया जाता है।
क्या है काबुली चना या चिकपी (Chickpea in hindi) : छोले को वैज्ञानिक रूप से 'साइसर एरीटिनम' कहा जाता है। काबुली चना एक फली है, जो फेबैसी परिवार के अंतर्गत आता है। अगर काबुली चने के न्यूट्रीशनल वैल्यू की बात करें, तो प्रति 100 ग्राम काबुली चने में, लगभग 269 कैलोरी, 4 ग्राम फैट, 34-45 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स, 9-12 ग्राम फाइबर, 6-7 ग्राम शुगर, 10-15 ग्राम प्रोटीन (Natural Source of Protein) होता है।
स्ट्राॅन्ग बोन्स : अगर आप की हड्डियां कमजोर हो रही हैं, तो काबुली चने के सेवन से आपको कुछ राहत मिल सकती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि काबुली चने में कैल्शियम, आयरन,मैग्नीशियम, जिंक और विटामिन-K के साथ A भी पाया जाता है। ये आपके शरीर में हड्डियों के विकास के लिए ज़रूरी, खनिज और कोलेजन का उत्पादन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
त्वचा के लिए फायदेमंद : काबुली चने में पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी, ई और के होता है, इसका सेवन करने से आपकी स्किन के घाव जल्दी ठीक हो सकते हैं। सौंदर्य के दृष्टिकोण से देखें तो इससे झुर्रियों, रूखी त्वचा और सूरज की रोशनी से होने वाली हानि से छुटकारा मिलता है।
ब्लड शुगर लेवल करता है कंट्रोल : यदि आप टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित हैं, तो काबुली चना आपको इस से लड़ने में मदद कर सकता है। हमारे शरीर में ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में फाइबर और प्रोटीन सहायता करते हैं। काबुली चने में दोनों ही पर्याप्त मात्रा में मौजूद होते हैं। इसके साथ ही यह खाना-खाने के बाद शरीर में बढ़ने वाले शुगर लेवल को कंट्रोल करने का काम करते हैं।
हेयर फॉल से छुटकारा : चने में पाए जाने वाले तत्व जैसे प्रोटीन, विटामिन-A और B, हेयर फॉल की समस्या से राहत दिलाते हैं। यदि आपको भी हेयर फॉल की समस्या है, तो अपने भोजन में काबुली चने को अवश्य शामिल करें।