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कैंसर की चपेट में आ सकता है शरीर का कोई भी अंग, इसलिए जरूरी है इसके बारे में सब कुछ जानना

Published on:2 August 2023, 18:54pm IST

गलत लाइफस्टाइल, खानपान और दिनों दिन बढ़ रहा केमिकल एक्सपोजर कैंसर के जोखिम को लगातार बढ़ा रहा है। अल्कोहल का अनियंत्रित सेवन और स्मोकिंग भी शरीर में कैंसर सेल्स की ग्रोथ को सपोर्ट करते हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता के लगातार कमज़ोर होते जाने के कारण ये सेल्स शरीर के आर्गन्स को नुकसान पहुंचाने लगते हैं।

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शरीर के कई हिस्सों में हो सकता है कैंसर - सही समय पर टीकाकरण न होना, अनप्रोटेक्टिड सेक्स और स्वच्छता को लेकर बरती गई असावधानी इस समस्या का कारण बन सकती है। महिलाओं में कई प्रकार के कैंसर पाए जाते हैं, जैसे पैंक्रियाटिक कैंसर, लंग्स कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, ओवेरियन कैंसर और स्किन कैंसर। लंग्स कैंसर यानि फेफड़ों का कैंसर एक गंभीर कैंसर हैं। ये न केवल स्मोकिंग करने वाले लोगों को होती है बल्कि उन लोगों को भी हो सकती है, जो ऐसे लोगों के संपर्क में रहते हैं। इसके लक्षण एक दम से शरीर में नज़र नहीं आते हैं।

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कैंसर के लक्षण - कैंसर के चलते आपके शरीर में कई प्रकार के बदलाव दिखने लगते हैं। इसके चलते आपको स्किन पर कोई गांठ महसूस हो सकती है। साथ ही स्किन के रंग में बदलाव नज़र आने लगता है। एनीमिया, लिम्फ नोड्स में सूजन और ब्लैडर फंक्शन में बदलाव दिखने लगता है। इसके अलावा हर वक्त थकान और अचानक से वज़न का कम होना भी कैंसर के लक्षण हो सकते हैं।

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कैंसर में जरूरी है आहार का ख्याल रखना - एनसीबीआई के मुताबिक कैंसर से बचने के लिए फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना बहुत आवश्यक है। इससे शरीर में कोलोरेक्टल और ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम होने लगता है। इसके अलावा वे लोग जो पूरी नींद नहीं ले पाते हैं। उनमें कैंसर की संभावना हेल्दी स्लीप लेने वाले लोगों की तुलना में 60 फीसदी बढ़ जाती है। इसके अलावा अपनी डाइट में एंटीऑक्सीडेंटस, विटामिन्स और मिनरल्स समेत अन्य पोषक ततव शामिल करें।

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कैंसर से बचाव के उपाय - खुद को प्रोटेक्ट करने के लिए वैक्सीनेशन ज़रूर है। कई बार गलत वैक्सीनेशन कैंसर के खतरे को बढ़ देती है। इसके अलावा हेपेटाइटिस बी से लिवर का कैंसर बढ़ने लगता है। इसके अलावा अगर आपका पार्टनर एचपीवी और सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज से ग्रस्त है, तो भी आपको कैंसर होने की संभावना बढ़ सकती है। अत्यधिक अल्कोहल का सेवन न करें। इसके अलावा स्मोकिंग से भी दूरी बनाना बहुत ज़रूरी है। अगर आप तंबाकू का सेवन करते हैं, तो उससे ओरल कैंसर का डर बना रहता है।

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कैंसर के विभिन्न चरणों के मुताबिक होता है उपचार - कैंसर कई प्रकार के होते हैं और लोगों को अलग अलग स्टेज पर उस बीमारी का पता चल पाता है। इस बीमारी की रोकथाम के लिए कैंसर के टाइप के हिसाब से कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी और सर्जरी भी की जाती है। कई मामलों में इम्यूनोथेरेपी का विकल्प भी चुना जाता हैं। इससे बीमारी की रोकथाम की जा सकती है। इससे बचने के लिए खान पान में सुधार करना भी ज़रूरी है। इसके अलावा सूरजी की किरणों के सीधे संपर्क में आने से भी बचना चाहिए।

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