डेंगू-मलेरिया से बचाव और उपचार में मददगार हो सकते हैं ये 5 आयुर्वेदिक हर्ब्स
बारिश के मौसम में मच्छर पैदा होने से डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में चिकित्सीय उपचार के साथ - साथ आयुर्वेदिक उपायों का सहारा लेने से डेंगू और मलेरिया से बचाव किया जा सकता है।
नीम के पत्ते - नीम के पत्तों में चमत्कारी औषधीय गुण होते हैं। यह वायरस के विकास और प्रसार को बाधित करने में योगदान करते हैं। यह सफेद रक्त कोशिका प्लेटलेट और रक्त प्लेटलेट गिनती को बढ़ाने, प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने में भी मदद कर सकते हैं। आप नीम की पत्तियों को थोड़े से पानी में उबालकर और छानकर पी सकते हैं।
तुलसी के पत्ते - तुलसी का उपयोग आयुर्वेद में इसके विविध उपचार गुणों के लिए हजारों वर्षों से किया जाता रहा है। तुलसी में एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-कार्सिनोजेनिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एनाल्जेसिक, एंटीपीयरेटिक और एंटी-एलर्जी गुण होते हैं। तुलसी के पौधे भी मच्छर भगाने का काम करते हैं, और मच्छरों से छुटकारा पाने के लिए इसके पत्तों के रस को मच्छरों के क्षेत्र में छिड़का जा सकता है। आप तुलसी का काढ़ा बना सकते हैं और इसके पत्तों को सुबह खाली पेट चबा सकते हैं।