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डियर न्यू मॉम्स, अपनी सेहत के लिए इन 4 पोषक तत्वों को जरूर करें डाइट में शामिल 

नई मां अकसर अपने बेबी की देखभाल में अपनी सेहत के प्रति लापरवाही कर जाती है। पर इस तरह आप अपने बच्चे की सेहत को भी नजरंदाज कर रहीं हैं।
हेल्दी ब्रेस्टफीडिंग के लिए जरुरी है मेंडिटेशन। चित्र : शटरस्टॉक
शालिनी पाण्डेय Updated: 6 May 2022, 15:40 pm IST
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 घर में नए नन्हें मेहमान का आना घर को खुशियों से ही नहीं भरता, बल्कि ढेर सारी नई जिम्मेदारियां भी लाता है। बच्चे से जुड़े बहुत सारे कामों के बीच बेहद ज़रूरी हो जाता है कि नई मां के पोषण का भी खयाल खास तौर पर रखा जाए। ताकि उसमें न्यूट्रिएंट्स (Nutrition for new mom) की कमी न रह जाए। नई मां की तेजी से रिकवरी के साथ ही शिशु को पोषक तत्त्वों से भरपूर मां के दूध की आवश्यकता भी होती है। जिससे उसका विकास सही तरीके से हो सके। नई मां को ब्रेस्टफीडिंग कराने के लिए किन एडिशनल न्यूट्रिएंट्स (Nutrition for lactating mother) की ज़रूरत होती है।  जानने के लिए हमने बात की एक्सपर्ट से और जाना कि इस दौरान क्या खाना ज़रूरी है।

बच्चे के जन्म के बाद, ब्रेस्टफीड (Breastfeed) की अवधि के पहले छह महीनों के लिए नवजात शिशु की पोषण संबंधी आवश्यकताओं को मां द्वारा पूरा किया जाता है। ब्रेस्टफीड (Breastfeed) का मां के एनर्जी स्तर पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। क्योंकि इस दौरान स्तन, दूध उत्पादन की प्रक्रिया में पोषण की मांग अधिक होती है । ऐसे में स्त्री शरीर की एनर्जी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए, उसे प्रतिदिन अतिरिक्त 450 से 500 कैलोरी का उपभोग करने की आवश्यकता होती है। 

ब्रेस्ट फीडिंग के लिए मांएं संतुलित डाइट  की मात्रा  बढ़ा लें
चित्र: शटरस्टॉक

यह सामान्य बैलेंस डाइट को बढ़ा कर प्राप्त किया जा सकता है। नई मां के लिए प्रोटीन, आयरन और कैल्शियम से भरपूर डाइट का सेवन करना जरूरी हो जाता है। विभिन्न डाइट संबंधी आवश्यकताओं को व्यवहार में लाने से स्तन के दूध के स्वाद में भी बदलाव आता है और बच्चे में अलग-अलग स्वाद को पहचानने की क्षमता विकसित करने में मदद मिलती है। जो बच्चे को छः महीने बाद ठोस खाद्य पदार्थों का स्वाद लेने में मदद कर सकती है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा के अनुसार, एक वयस्क की औसत दैनिक कैलोरी जरूरत प्रति दिन 1500-2000 कैलोरी होनी चाहिए। जबकि ब्रेस्टफीड कराने वाली मां को प्रति दिन 2200 (या अधिक) कैलोरी लेनी चाहिए। ताकी भरपूर  मात्रा में दूध की आपूर्ति बनाई रखी जा सके। अधिकांश माएं अपने बच्चों के लिए सबसे अच्छा पोषण सुनिश्चित करते हुए अपने पोषण संबंधी आवश्यकताओं को नज़रंदाज़ करती हैं।

इसलिए, ब्रेस्टफीड (स्तनपान) कराने के दौरान माताओं के लिए अपने डाइट विकल्पों की निगरानी करना बहुत महत्वपूर्ण है। यह न केवल बच्चे के विकास में ज़रूरी भूमिका निभाता है, बल्कि डिलीवरी के बाद जल्दी ठीक होने में भी सहायता करता है।

वे कौन से आवश्यक न्यूट्रिएंट्स हैं, जिन्हें दूध पिलाने वाली मां को लेना चाहिए इसके बारे में बता रही हैं उजाला सिग्नस रेनबो हॉस्पिटल आगरा में गायनेकोलॉजी कंसल्टेंट डॉक्टर निहारिका मल्होत्रा:

जानिए उन फूड्स के बारे में जो  ब्रेस्टफीड करवाने वाली मां को हर रोज़ लेने चाहिए 

1 एनर्जी और प्रोटीन 

ब्रेस्टफीड (स्तनपान) कराने वाली मां के लिए शुरुआती छह महीनों के दौरान 670 किलो कैलोरी/दिन जरूरी  है। आपको अपनी डाइट में उन फूड्स की मात्रा बढ़ानी चाहिए, जो तुरंत एनर्जी देते हैं। स्तनपान के दौरान प्रोटीन की आवश्यकता में वृद्धि आमतौर पर एनर्जी की तुलना में सबसे कम होती है। यदि एनर्जी की ज़रूरत को पूरा नहीं किया जाता है, तो एनर्जी के लिए शरीर प्रोटीन का इस्तेमाल भी कर सकता है। 

स्तनपान कराने के लिए प्रोटीन भी है ज़रूरी ।  चित्र: शटरस्टॉक

दूध पिलाने वाली मांएं लीन मीट, पोल्ट्री और मछली जैसे फूड्स को अपनी डाइट में ले करके अपनी न्यूनतम प्रोटीन जरूरतों को पूरा कर सकती हैं। यदि मां लैक्टोज-इनटॉलरेंट है, तो दूध और दही जैसे डेयरी उत्पादों को कम मात्रा में खाया जा सकता है। प्रोटीन मां के स्वास्थ्य और बच्चे के विकास के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।

2 डीएचए: 

अमेरिकन प्रेग्नेंसी एसोसिएशन के अनुसार, डीएचए (docosahexaenoic acid) एक समृद्ध ओमेगा 3-फैटी एसिड है और ब्रेस्टफीड (स्तनपान) कराने वाली मां के लिए इसका डाइट में 650 मिलीग्राम होना ज़रूरी है। जो रेटिना और मस्तिष्क के विकास के लिए आवश्यक है। शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया है कि बचपन में मस्तिष्क, ललाट और प्रीफ्रंटल क्षेत्रों के विकास में डीएचए का स्तर ज़्यादा होना महत्वपूर्ण है। 

इस आवश्यकता को फोर्टिफाइड अंडे, मछली जैसे सैल्मन, सार्डिन, अलसी के तेल और पालक को डाइट में शामिल कर पूरा किया जा सकता है।

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3 कैल्शियम: 

ब्रेस्टफीड (स्तनपान) कराने वाली मांओं को फीड के दौरान हड्डियों के नुकसान से बचाने के लिए कैल्शियम की आवश्यकता को पूरा करना आवश्यक है। हड्डियों में कैल्शियम को सुनिश्चित करने के लिए, यह सुझाव दिया जाता है कि मांएं प्रति दिन 1000 मिलीग्राम कैल्शियम का सेवन करें। 

दूध, पनीर और दही जैसे डेयरी उत्पादों के अलावा, टोफू और सोया दूध के साथ गहरे रंग की पत्तेदार सब्जियों को भी डाइट में शामिल किया जा सकता है।

4 विटामिन डी: 

यह हड्डियों के निर्माण में एक अभिन्न भूमिका निभाता है और कैल्शियम के अवशोषण के लिए आवश्यक है। मां का दूध बच्चे के लिए पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी की आपूर्ति नहीं करता है, इसलिए विटामिन की खुराक लेना महत्वपूर्ण हो जाता है। 

डॉक्टरों की मानें तो ब्रेस्टफीड (स्तनपान) कराने के पहले कुछ दिनों के भीतर प्रति दिन 400 यूनिट विटामिन डी सप्लीमेंट लेना शुरू करना फायदेमंद रहता है। विटामिन डी का स्तर कम होना प्रारंभिक वर्षों के दौरान बच्चे की हड्डी को फ्रैक्चर और परेशानियों के लिए अतिसंवेदनशील (hyper sensitive) बना सकता है।

मां का दूध बच्चे के लिए सर्वश्रेष्ठ है पर इस बात का ध्यान रखिए कि मां के दूध में ज़रूरी तत्त्व भी मौजूद हों तो इन बातों का ख़याल रखें।

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शालिनी पाण्डेय

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