एक्सपर्ट से जानिए क्या होता है आपके शरीर पर असर जब आप रखती हैं निर्जला व्रत
अनेक धार्मिक अवसरों पर या हिंदू त्योहारों के दौरान, निर्जला व्रत रखने का प्रावधान है। निर्जला का मतलब है ‘बिना पानी’ वाला व्रत। ऐसी मान्यता है कि निर्जला व्रत से मन में अध्यात्मिक विचारों का प्रवाह सुदृढ़ होता है, जो कि धार्मिक व्रत-उपवास से संबंधित है।
निर्जला व्रत के कुछ प्रतिकूल प्रभाव (साइड इफेक्ट) भी हो सकते हैं, जैसे –
- लगातार भूख का अहसास
- आप खुद को थकान भरा, आलस्य पूर्ण या कमज़ोर महसूस कर सकती हैं।
- चिड़चिड़ापन, सिरदर्द
- एकाग्रता में कमी
- पेशाब में कमी या शरीर में पानी की कमी
- त्वचा में रूखापन
निर्जला व्रत बार-बार रखने के गंभीर परिणाम भी सामने आ सकते हैं। इनमें शामिल हैं:
- शरीर में पानी की कमी : पेशाब और गुर्दे की समस्याएं जैसे मूत्राशय के संक्रमण और गुर्दे में पथरी
- पोषण की कमी: लगातार उपवास की वजह से विटामिन तथा खनिज पदार्थों की कमी हो सकती है
- बेहोशी: शरीर में पानी की कमी और हाइपोग्लाइसीमिया की वजह से बेहोशी का जोखिम बढ़ता है
- खानपान में अस्त-व्यस्तता: व्रत के बाद अक्सर कई लोग अनाप-शनाप खाते-पीते हैं, जिससे इस प्रकार की अस्त-व्यस्त खानपान शैली को बढ़ावा मिलता है
जानिए किसे बिल्कुल नहीं रखना चाहिए निर्जला व्रत
मधुमेह रोगी, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताएं या अन्य किसी रोग से प्रभावित व्यक्तियों को निर्जला व्रत नहीं रखना चाहिए क्योंकि इस प्रकार के उपवास के चलते आपको शरीर के लिए आवश्यक कैलोरी, प्रोटीन, खनिज पदार्थ तथा अन्य आवश्यक पोषक तत्व, जो कि शरीर की दैनिक क्रियाओं के लिए जरूरी होते हैं, नहीं मिलते।
अगर आप गर्भवती हैं
यदि गर्भवती महिलाएं इस प्रकार निर्जला व्रत करती हैं, तो उनके शरीर में पल रहे भ्रूण को पर्याप्त मात्रा में पोषण नहीं मिल पाता और इसके अलावा उनकी खुद की सेहत के लिए भी ऐसा करना खतरनाक हो सकता है।
उपवास के दौरान निम्न सावधानियां बरतें
1. उपवास शुरू करने से पहले पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। ताकि दिन भर शरीर में पानी की कमी न हो।
2. सुबह कुछ मीठा, मेवा वगैरह खाएं। ताकि आपको पूरे दिन उपवास के दौरान कुछ मात्रा में कैलोरी और प्रोटीन आदि मिलती रहे।
3. सुबह के वक्त कुछ नमकीन स्नैक खाएं। ताकि पूरे दिन के लिए जरूरी सोडियम की मात्रा शरीर में बनी रहे।
4. जब उपवास पूरा हो जाए तो सबसे पहले तरल पदार्थ से खोलें- जैसे कि दूध, शेक या लस्सी आदि।
5. उपवास तोड़ने के लिए चाय या कॉफी न लें। ऐसा करने से आपको गंभीर रूप से एसिडिटी की शिकायत हो सकती हैं।
यह भी पढ़ें – इस करवा चौथ अपनी सरगी को बनाएं पौष्टिक और सेहतमंद, हम बता रहे हैं आसान उपाय