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Mulayam Singh Yadav Death : नहीं रहे मुलायम सिंह यादव, किडनी और सांस की समस्याओं का कर रहे थे सामना

देश के दिग्गज नेताओं में शुमार मुलायम सिहं यादव ने 82 वर्ष की उम्र में सोमवार 10 अक्टूबर को अंतिम सांस ली। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके निधन पर शोक जताया है।
मुलायम सिंह यादव का 82 साल की उम्र में निधन। चित्र : शटरस्टॉक
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उत्तर प्रदेश के पूव मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का सोमवार सुबह 10 अक्टूबर को निधन (Mulayam Singh Yadav Death) हो गया। 82 वर्षीय मुलायम सिंह यादव की हालत काफी दिनों से नाजुक बताई जा रही थी। उन्हें यूरिन इन्फेक्शन (Urine infection), ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) और सांस में तकलीफ (Breathing problem) के चलते 22 अगस्त को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आज समाजवादी पार्टी प्रमुख और यादव के बेटे अखिलेश यादव ने ट्विटर पर नेताजी के निधन की खबर की पुष्टि की। उन्होंने पार्टी के आधिकारिक हैंडल से ट्वीट किया, “मेरे आदरणीय पिताजी और सबके नेताजी (Netaji passes away) नहीं रहे।”

समाजवादी पार्टी द्वारा जारी किए जा रहे हेल्थ बुलेटिन के अनुसार वे कई दिनों से लाइफ – सेविंग ड्रग्स पर थे। उनकी गंभीर हालत को देखते हुये 2 अक्टूबर को उन्हें आईसीयू (ICU) में शिफ्ट कर दिया गया था। उनके शुभचिंतक और समर्थक उनके जल्द स्वस्थ होने के लिए प्रार्थना कर रहे थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जताया शोक

श्री यादव के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शोक जताया है। ट्विटर पर उन्होंने श्री यादव के साथ खिंचवाई गई फोटो शेयर करते हुए उन दिनों को याद किया है, जब वे दोनों अपने-अपने राज्यों के मुख्यमंत्री थे। दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करने के साथ ही उन्होंने परिवार और श्री यादव के सपोर्टर्स को सांत्वना दी है।

मल्टीपल प्रोब्लम्स से जूझ रहे थे मुलायम सिंह यादव

मुलायम सिंह यादव की सेहत के बारे में (Mulayam Singh Yadav Health) अस्पताल द्वारा जारी किए गए हेल्थ बुलेटिन में यह भी बताया जा रहा था कि उन्हें सांस लेने में तकलीफ और किडनी में इन्फेक्शन था। ये सभी गंभीर समस्याएं हैं और एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं। उम्र बढ़ने के साथ-साथ जब किडनी पर भार बढ़ता है, तो उससे यूरिन इन्फेक्शन और सांस लेने में तकलीफ का सामना करना पड़ सकता है। खतरनाक बात यह है कि जब ये सभी समस्याएं एक साथ होने लगती हैं, तो ये जानलेवा भी साबित हो सकती हैं।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डायबिटीज एंड डाइजेस्टिव एंड किडनी डिजीज के अनुसार किडनी इन्फेक्शन जब खतरनाक स्थिति पैदा करने लगता है, तो इसे सेप्सिस कहा जाता है। यह जीवन के लिए खतरा हो सकता है। सेप्सिस के लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, तेजी से सांस लेना और हृदय गति बढ़ने जैसे लक्षण शामिल हैं।

किडनी खराब होने पर क्यों होने लगती है सांस लेने में तकलीफ

मेयो क्लीनिक के अनुसार जब किडनी इन्फेक्शन बढ़ने लगता है, तो किडनी में फ्लुइड बिल्डप के कारण सांस लेने में तकलीफ होने लगती है, जिससे सडन डेथ भी हो सकती है। इसलिए स्थिति की गंभीरता को समझना ज़रूरी है।

सांस लेने में तकलीफ, किडनी इन्फेक्शन और यूटीआई आपस में संबन्धित है। इस तरह के किसी भी लक्षण को नजरंदाज किया जाना खतरनाक हो सकता है। तुरंत डॉक्टर को दिखाएं और इलाज करें, ताकि किसी भी गंभीर स्थिति से बचा जा सके।

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ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। ...और पढ़ें

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