World Heart Day 2022: हेल्दी हार्ट के लिए क्या हो सही आहार, जानें विशेषज्ञ की राय
आपके दिल की सेहत अगर दुरुस्त न हो तो पूरे शरीर के सिस्टम को सेंध लग जाती है। आपके दिल की सेहत का ख्याल (for health care) रखने के लिए फिजिकली एक्टिव रहने के अलावा बैलेंस डाइट (balance diet for healthy heart) का होना भी बेहद ज़रूरी है। “हृदय स्वास्थ्य (heart health) का ध्यान रखने के लिए कुछ बातें बहुत ज़रूरी हैं। जिसमें आहार का ध्यान रखना खास तौर पर आवश्यक है। पारंपरिक रूप से स्वस्थ हृदय के लिए आहार (foods healthy for heart) संबंधी इन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए:
1) पोषण में वैरायटी होनी चाहिए
, 2) उचित मात्रा में भोजन ग्रहण करें, न ज्यादा, न कम
3) संपूर्ण रूप से वसा (फैट) आधारित भोजन से बचें
4) सैचुरेटेड फैट कम करें
5) हाइड्रोजेनेटेड फैट्स का सेवन घटाएं
6) कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम करें
7) समुचित मात्रा में फाइबर्स लें
8) शुगर और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स का सेवन घटाएं
9) शराब का सीमित सेवन करें
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करें10) कैफीन सीमित मात्रा में लें
11) नमक का सेवन कम करें।
आहार संबंधित ये सुझाव आपको पुराने लग सकते हैं और लोग अब प्रतिबंधित डाइट्स की जगह सुरक्षात्म्क खाद्य पदार्थ और पोषक तत्व लेने लगे हैं। उदाहरण के लिए, यह देखा गया है कि खाद्य पदार्थों में वसा (fat) पर सख्त पाबंदी लगाने की कोई जरूरत नहीं है, बल्कि ऐसा करना नुकसानदायक भी हो सकता है।
फैट कम करना बन सकता है ब्लड शुगर की वजह (removing fat from diet can be a reason for blood sugar)
कन्ज़्यूम होने वाली कुल ऊर्जा में वसा की मात्रा को 30% से कम करने से हृदय रोग या कैंसर का जोखिम बढ़ता है। इसकी वजह से सीरम ट्राइग्लिसराइड्स, लो एचडीएल (अच्छा) कोलेस्ट्रॉल कम होता है ब्लड शुगर होने की आशंका बढ़ जाती है। इसलिए, वसा पर बहुत अधिक प्रतिबंध लगाने की बजाय यह देखें कि जो वसा आप ले रहे हैं उसकी क्वालिटी कैसी है।
यहां हैं आहार संबंधी कुछ टिप्स जो हृदय स्वास्थ्य का ध्यान रखेंगे
1 एनीमल फैट को करें सीमित (limit animal fat)
एनीमल फैट्स में मौजूद सैचुरेटेड फैट कॉन्टेंट की वजह से फैट को नुकसानदायक माना जाता है। इसलिए मांस और फुल क्रीम मिल्क तथा मिल्क प्रोडक्ट्स, घर और मक्खन का सेवन करने की मनाही होती है। लेकिन अब इन बातों को कई बिंदुओं के आधार पर चुनौती दी जा सकती है, सबसे प्रमुख तो यही है कि सैचुरेटेड फैट्स से अच्छा कलेस्ट्रॉल बढ़ता है।
इसलिए उचित यह होगा कि घी और मक्खन समेत एनीमल फैट्स पर पूरी तरह से पाबंदी लगाने की बजाय इनके अत्यधिक सेवन से बचें। उधर, हाइड्रोजेनेटेड फैट्स कृत्रित रूप से निर्मित होते हैं और इसलिए वेजीटेबल ऑयल्स का सेवन से हर हाल में बचें।
2 अंडों को करें डाइट में (include egg in diet)
हाल के वर्षों में खानपान में कोलेस्टॉल की मात्रा घटाने को लेकर भी काफी विवाद हो चुका है क्योंकि यह पाया गया है कि शरीर में लीवर द्वारा अधिकांश कोलेस्ट्रॉल को सिंथसाइज़ किया जाता है और खान-पान का इसमें योगदान केवल बीस प्रतिशत ही होता है।
इसलिए, अंडे की जर्दी से हमेशा परहेज़ करने की जरूरत नहीं है और हर हफ्ते दो अंडों का सेवन किया जा सकता है।
3 साबुत अनाज से करें दोस्ती (include whole grain in diet)
साबुत अनाज हमेशा ही वसा और प्रोटीनयुक्त नॉन-वेजीटेरियन भोजन से बेहतर माने गए हैं। लेकिन यह ध्यान रखना चाहिए कि उनमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट की अधिक मात्रा कई बार नुकसानदायक हो सकती है, खासतौर पर उस स्थिति में जबकि इनसे प्राप्त कैलोरी आपकी शारीरिक आवश्यकता से अधिक हो।
इसलिए, गेहूं और चावल जैसे अनाज से तैयार होने वाले भोजन तथा कंद सब्जियों जैसे कि आलू के अधिक सेवन से बचें, बेशक इनमें कोलेस्टॉल और सैचुरेटेड फैट नहीं होता।
4 फल-सब्जियां हैं एंटी ऑक्सीडेंट्स का स्रोत (fruits-vegetables are the rich sources of antioxidants)
हाल के समय में फैट और कोलेस्ट्रॉल पर पाबंदी की बजाय बेहतर खाद्य पदार्थों पर अधिक ज़ोर दिया जाने लगा है। ताजे फलों, मेवों और हरी पत्तेदार सब्जियों में कई महत्वपूर्ण विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो हमें हृदय रोगों तथा कैंसर से बचाते हैं।
इन खाद्य पदार्थों का पर्याप्त मात्रा में सेवन करने से हृदय रोगों से काफी हद तक बचाव मुमकिन है। लेकिन, दुर्भाग्यवश भारत में इनके स्वास्थ्य संबंधी फायदों, खासतौर से फलों एवं मेवों से मिलने वाले लाभ, की जानकारी काफी कम है। इसके अलावा, इनकी ऊंची कीमतों और पर्यावरण प्रदूषण आदि भी इनके बारे में अधिक जागरूकता के प्रसार को सीमित करते हैं।
वक्त का तकाज़ा है कि मौजूदा वक्त में हृदय की सेहत के लिए उपयोगी खाद्य पदार्थों एवं पोषक तत्वों के बारे में वैज्ञानिक जानकारी को बढ़ावा दिया जाए।
यह भी पढ़ें: World Heart Day 2022 : महिलाओं के लिए कोलेस्ट्रॉल से भी ज्यादा घातक साबित होता है तनाव