कुछ पेरेंट्स करवाते हैं अपने शिशु की गर्भनाल को प्रिजर्व, जानिए क्या हैं इसके फायदे
बीते सालों में हम सभी नें कई दुर्लभ बीमारियों को लोगों की जान लेते हुये देखा है। कोविड – 19 से लेके मंकीपॉक्स (Monkey pox) और ब्लैक फंगस (black fungus) तक ऐसी कई बीमारियां हैं, जिनका अभी भी कोई सटीक इलाज नहीं है। यह बीमारियों से लड़ने में हमारी मदद करती है, लेकिन कई बार यह कमजोर पड़ जाती है। ऐसे में जान का जोखिम बढ़ जाता है, क्योंकि हमारे शरीर की इम्युनिटी भी घटती बढ़ती रहती है।
कुछ लोगों की इम्यूनिटी मजबूत होती है, तो कुछ लोगों की कमजोर। साथ ही, यह हमारे शारीरिक स्वास्थ्य पर भी निर्भर करता है कि हमारी इम्युनिटी कितनी स्ट्रॉग है। मगर क्या आप जानती हैं कि अंबिलिकल कॉर्ड (umbilical cord) के सेल्स हमें कई घातक बीमारियों से बचाने में मदद कर सकते हैं।
जी हां… बेबी के पैदा होने पर यदि उसकी गर्भनाल के सेल्स को सेव कर लिया जाए, तो उसे आगे जीवन में कई घातक बीमारियों से बचने में मदद मिल सकती है।
इसलिए यदि आप भी अभी प्रेगनेंट हैं, तो अभी प्लैन करें और अपने बेबी की अंबिलिकल कॉर्ड को प्रेजर्व कराएं (preserving umbilical cord), लेकिन उससे पहले जान लेते हैं हैं ऐसा करने के फायदे।
क्या होती है अंबिलिकल कॉर्ड?
हावर्ड हेल्थ के अनुसार गर्भनाल एक ट्यूब होती है जो गर्भ में पल रहे अजन्मे बच्चे को मां से जोड़ती है। यह बच्चे को ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंचाती है और बच्चे के वेस्ट उत्पादों को निकालने में मदद करती है। गर्भनाल और प्लेसेंटा को अक्सर बच्चे के जन्म के तुरंत बाद मेडिकल वेस्ट के रूप में त्याग दिया जाता है। मगर, गर्भनाल के भीतर का रक्त, हेमटोपोइएटिक स्टेम सेल्स से भरपूर होता है, जो रक्त-उत्पादक कोशिकाएं होती हैं।
हेमटोपोइएटिक स्टेम सेल्स जीवन भर शरीर को रक्त की आपूर्ति बनाए रखती हैं। वे हर प्रकार की रक्त कोशिका उत्पन्न कर सकती हैं – लाल रक्त कणिकाएं, श्वेत रक्त कणिकाएं और प्लेटलेट्स।
जानिए क्या हो सकते हैं अंबिलिकल कॉर्ड प्रिजर्व कराने के फायदे
यह लाइफसेवियर है
अंबिलिकल कॉर्ड में जो ब्लड होता है वो स्टेम सेल्स से समृद्ध होता है। ये स्टेम सेल्स 80 से ज़्यादा बीमारियों का इलाज करने में सक्षम हैं। जिसमें कैंसर, रक्त विकार, इम्यून डिसऑर्डर और जेनेटिक रोग शामिल हैं।
स्टेम सेल्स का इस्तेमाल कभी भी किया जा सकता है
एक बार अंबिलिकाल कॉर्ड को प्रिजर्व कराने के बाद, इनका उपयोग लाइफ लॉन्ग कभी भी किया जा सकता है। इसके अलावा, स्टेम सेल आपके बच्चे और परिवार के अन्य सदस्यों के लिए भी डैमेज कोशिकाओं को रिपेयर करने में मदद कर सकते हैं।
आप अपने बच्चे के स्टेम सेल को 20 साल तक स्टोर कर सकती हैं
जॉन हॉपकिन्स रिसर्च सेंटर द्वारा किए गए अध्ययनों के अनुसार स्टेम सेल्स 23 साल तक प्रिजर्व रहने के बाद भी हेल्दी थे और कई बीमारियों का इलाज करने में सक्षम थे। यह आपके बाचोन की सेहत के लिए के तोहफा है।
तो बेबी के स्टेम सेल्स को कब, कहां और कैसे प्रिजर्व कराना है इस बारे में आप अपने डॉक्टर से बात कर सकती हैं।
तो आप किस तरह से रख सकती हैं अपने बेबी की अंबिलिकल कॉर्ड का ध्यान
बच्चे के अंबिलिकल एरिया का ध्यान रखें
मेयो क्लीनिक के अनुसार बच्चे को तब तक न नहलाएं, जब तक डॉक्टर नें न कहा हो। ऐसे में ड्राई बाथ देना सबसे सही है, ताकि बच्चे की सेहत का ख्याल रखा जा सके। गर्भनाल के आसपास पानी नहीं जाना चाहिए।
डायपर बदलने के बाद कॉर्ड को भी पोछें
हर बार बच्चे का डायपर बदलने के बाद बेबी के कॉर्ड के आसपास के एरिया को भी अच्छे से पोछें, ताकि किसी भी तरह के इन्फेक्शन को दूर रखा जा सके।
साथ ही, इसे खुद से निकालने का हटाने की कोशिश न करें, इसके अपने आप हटने का इंतज़ार करें।
यह भी पढ़ें : Air pollution : प्रदूषित हवा कर रही है बीमार, तो एक्सपर्ट के बताए इन टिप्स को करें फॉलो