चम्मच-कांटे छोड़कर अपने हाथ से खिलाएं बेबी को खाना, बच्चें को होंगे ये 6 फायदे

Updated on:20 November 2023, 03:44pm IST

मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे इन दिनों दर्शकों को खूब पसंद आ रही है। इसमें नॉर्वे में मिसेज चटर्जी पर जो आरोप लगाए गए उनमें से एक था बच्चों काे हाथ से खाना खिलाना। भारतीय संस्कृति में हाथ से खाना खाने और खिलाने को सबसे अच्छा माना जाता है। आयुर्वेद में हाथ से खाना खाने और खिलाने का विवरण मिलता है।

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इमोशनल बॉडिंग होती बिल्डअप- जब आप अपने बच्चे को हाथ से खाना खिलाती है, तो उससे बच्चा आपके करीब आने लगता है। वो आपके स्पर्श को जानने के साथ साथ महसूस भी करने लगता है। स्किन टू स्किनटच से बच्चा खुद को मां के साथ सुरक्षित महसूस करता है। इससे दोनों के मध्य एक इमोशनल बॉण्ड बिल्डअप होने लगता है।

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खाना फंसने का खतरा नहीं- बच्चे का मुंह और फूड पाइप बहुत छोटे होते हैं। इसलिए हाथ से खाना खिलाने के समर्थन में यह तर्क दिया जाता है कि इससे खाना बच्चे के गले में फंसने का डर नहीं रहता है। हम बच्चे की सुविधा के मुताबिक ही उसके मुंह में खाने का निवाला डालते हैं। इस प्रकार से खाना मुंह में जमा नहीं होगा और गले में फंसने का जोखिम नहीं रहेगा।

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पाचनतंत्र होगा मज़बूत- जब हम खाना बच्चे को खिलाते हैं, तो एक सीमित मात्रा में खाना बच्चे के मुंह में प्रवेश करता है। इसके चलते वो खाना जब पूरी तरह से चबाकर निगल लेता है। तभी दूसरा निवाला दिया जाता है। इससे खाना आसानी से डाइजेरूट हो जाता है। इससे बच्चा ब्लोटिंग, एसिड रिफलक्स और कब्ज जैसी समस्याओं से बचा रहता है।

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ओवर ईटिंग से बचाव- जब बच्चा स्पून से खाता है, तो जल्दी जल्दी खाने की कोशिश करता है। इससे कई बार वो ज़रूरत से ज्यादा खा लेता है। जो? बाद में वॉमिटिंग का कारण बन सकता है। बच्चे को हाथसे खिलाने से भोजन सीमित मात्रा में ही खिला पाते हैं ताकि बच्चा भूख से ज्यादा न खा सके।

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खाने के तापमान को जांच कर खिलाना- मां इस बात को जानती है कि बच्चा कितना गर्म या ठण्डा खाना खा सकता है। उसके हिसाब से ही वो बच्चे को खाना खिलाती है। अपने हाथें में खाने का निवाला लेते ही मां उसके तापमान को जान पाती है। फिर उसे बच्चे को आसानी से खिला देती है।

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होता है संतुष्टि का अहसास- बच्चा जन्म से मां के सबसे करीब रहता है। मां बच्चे के मुंह में नपे तुले ढंग से निवाला डालती है। उसकी मात्रा से लेकर गर्म या ठण्डे तक हर बात को जानकर बच्चेको खाना खिलाती है। मां के हाथ से खाना खाने से बच्चा संतुष्टि का अनुभव करता है। इससे बच्चे की भूख शांत हो जाती है और पेट भरा हुआ लगता है।