मानसून में फूड प्वाइजनिंग की समस्या नहीं करेगी परेशान यदि रखेंगे कुछ बातों का ध्यान

बरसात के मौसम में बढ़ सकता है फूड पॉइजनिंग का खतरा। अगर आपको भी इसका डर है तो जानिए इसके कारण और बचाव के उपाय।
बरसात के मौसम में फूड प्वाइजनिंग का सबसे ज्यादा डर होता है। चित्र: शटरस्टॉक
मोनिका अग्रवाल Published: 15 Jul 2021, 12:25 pm IST
ऐप खोलें

मानसून का मौसम जब भी आता है तो अपने साथ कुछ परेशानियां भी लेकर आता है। उसमें से एक है फूड पॉइजनिंग। अगर फूड प्वाइजनिंग का डर आपको भी कुछ खाने नहीं देता तो जानिए क्यों होती है फूड प्वाइजनिंग और कैसे करें बचाव।

फूड प्वाइजनिंग किसी भी मौसम में हो सकती है। लेकिन इसका जोखिम  बरसात में ज्यादा बढ़ जाता है। खाने वाली चीजों से होने वाली बीमारी को आमतौर पर फूड पॉइजनिंग की कैटेगरी में रखा गया है और यह समस्या तब होती है जब दूषित, खराब या विषाक्त खाना खाती हैं। इसके सबसे आम लक्षणों में मतली, उल्टी और दस्त शामिल हैं।

एक्सपर्ट की राय

डॉ शालिनी गर्विन ब्लिस, आहार विशेषज्ञ, कोलंबिया एशिया अस्पताल, गुड़गांव के अनुसार बारिश के मौसम के दौरान हवा में नमी बहुत ज्यादा हो जाती है और इस मौसम में रोगाणु भी बहुत बढ़ जाते हैं।  विशेष रूप से ऐसी स्थितियों में फंगी के कई गुणा बढ़ने की संभावना रहती है। जिससे ये भोजन को जल्दी से ख़राब कर देती हैं।

 

यह रोगाणु बैक्टीरिया, वायरस या पैरासाइट किसी भी रूप में हो सकते हैं। जो खाने में टॉक्सिन उत्पन्न कर देते है। यही वह टॉक्सिन होता है जो सभी समस्याओं का कारण होता है। 

 ये भी पढ़ें-क्या मुलतानी मिट्टी का इस्तेमाल मानसून हेयर फॉल से बचा सकता है, जवाब है हां !

फूड प्वाइजनिंग के लक्षण

कीटाणुओं से भरपूर खाने को खाने के बाद लक्षण दिखने में कुछ समय या कुछ दिन लग जाते हैं। लक्षण दिखने का समय इस बात पर निर्भर करता है कि खाने का कितना अमाउंट लिया है या खाने के किस भाग से फूड प्वाइजनिंग हुई है। 

इसके कुछ लक्षण निम्न हैं

  1. पेट में दर्द होना
  2. डायरिया
  3. फीवर 
  4. भूख न लगना
  5. उल्टियां आना
  6. जी मिचलाना
  7. कमजोरी आना और थकान महसूस होना।

फूड प्वाइजनिंग के क्या क्या कारण होते हैं?

फूड प्वाइजनिंग होने के बहुत से अलग अलग कारण हो सकते हैं। जिन खाद्य पदार्थों को ठंडा होना चाहिए लेकिन उन्हें गर्म किया जाता है तो यह फूड पॉइजनिंग का मुख्य कारण होता है। इसलिए ही फूड प्वाइजनिंग बुफे और पिकनिक्स पर ज्यादा आम है। 

 ये भी पढ़ें-क्या बारिश के मौसम में सलाद और कच्ची सब्जियां नहीं खानी चाहिए? डायटीशियन दे रहीं हैं इसका जवाब

फूड प्वाइजनिंग के कुछ मुख्य कारण निम्न हैं 

1 कच्चा या आधा पक्का हुआ खाना

आप मानसून के दौरान कच्चा खाना खाती हैं और खास कर नॉन वेज को अच्छे से नहीं पकाती, तो इससे आपका फूड प्वाइजनिंग का खतरा बढ़ सकता है और इसे मानसून के दौरान सुरक्षित भी नहीं माना जाता है।

2 बासी खाना खाना

अगर आप खाने को एक समय में पूरा खत्म नहीं कर पाते हैं तो उसे एक ऐसे तापमान में स्टोर करें जहां वह खराब न हो सके। अगर आप उसे अच्छे से स्टोर नहीं करेंगे तो वह बासी हो सकता है। जो आपका फूड प्वाइजनिंग का रिस्क बढ़ा सकता है। इसलिए इस मौसम में बासी खाना न खाएं।

इस मौसम में बासी खाना न खाएं। चित्र : शटरस्टॉक

3 अन हाइजेनिक तरीके से बनाया गया खाना

अगर आप इस मौसम में हाइजीन का ध्यान नहीं रखते हैं तो भी बीमार पड़ सकती हैं। स्ट्रीट फूड इस मौसम में फूड प्वाइजनिंग का सबसे बड़ा रिस्क फैक्टर होता है क्योंकि उसे बनाते समय हाइजीन का ध्यान नहीं रखा जाता है। फिर चाहे वह कितना ही गर्म क्यों न हो वह आपके लिए हानिकारक है।

4 बिना ट्रीट किया पानी पीना

अगर आप इस मौसम में पानी के हाइजीन का ध्यान नहीं रखती तो भी बीमार पड़ सकती हैं। इसलिए अगर कहीं बाहर जा रही हैं तो घर का और फिल्टर सप्लाई का पानी ही पिएं। अगर आप बॉटल का पानी पीती हैं तो वह भी इतना ज्यादा सुरक्षित नहीं होता है।

मानसून के मौसम में फूड प्वाइजनिंग से बचने के टिप्स

  1. खाने से पहले फल और सब्जियों को अच्छी तरह से धो लें।
  2. अलग अलग खाद्य पदार्थों के लिए प्रयोग करने से पहले सारे उपकरण जैसे कटिंग बोर्ड, चाकू और बर्तन आदि को धो लें।
  3. अपने हाथों और बर्तनों को बार बार धोती रहें।
  4. कच्चे और पके हुए मीट को एक ही प्लेट में न रखें।
  5. एक्सपायर हो गए पैकेट बंद फूड का प्रयोग कभी भी न करें।
  6. अगर बनाए गए खाने को आप अगले 4 घंटों तक नहीं खाने वाली तो उसे फ्रीज में रख दें।
  7. जंगली मशरुम का प्रयोग न करें।
  8. अगर आप प्रेगनेंट हैं या आपका इम्यून सिस्टम कमजोर है तो सॉफ्ट चीज़ को न खाएं।
  9. अगर बाहर किसी देश में घूमने जा रही हैं तो कच्चे फल और सब्जियों को धोए बिना न खाएं।

यदि फूड प्वाइजनिंग हो जाए तो

वैसे तो फूड पॉइजनिंग का इलाज आमतौर पर घर पर करने से तीन से पांच दिनों के भीतर ठीक हो जाते हैं। निम्न बातों का ध्यान रखें।अगर तबीयत ज्यादा खराब है तो आप डॉक्टर से कांटेक्ट करें।

फूड प्वाइजनिंग हो जाए तो। चित्र: शटरस्टॉक
  1. आप हाइड्रेटेड रहें।
  2. इलेक्ट्रोलाइट्स वाला पानी पिएं या फलों का रस और नारियल पानी लें। ये कार्बोहाइड्रेट को बढ़ा कर थकान कम करने में मदद करेंगे।
  3. ज्यादा से ज्यादा लिक्विड चीजों का सेवन करें। 
  4. जब तक आपकी उल्टियां और अन्य लक्षण नहीं ठीक हो जातीं तब तक सॉलिड फूड न खाएं और न ही डेयरी उत्पादों का सेवन करें।

यह भी पढ़ें – क्या बारिश के मौसम में सलाद और कच्ची सब्जियां नहीं खानी चाहिए? डायटीशियन दे रहीं हैं इसका जवाब

लेखक के बारे में
मोनिका अग्रवाल

स्वतंत्र लेखिका-पत्रकार मोनिका अग्रवाल ब्यूटी, फिटनेस और स्वास्थ्य संबंधी विषयों पर लगातार काम कर रहीं हैं। अपने खाली समय में बैडमिंटन खेलना और साहित्य पढ़ना पसंद करती हैं। ...और पढ़ें

Next Story