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आयुर्वेद की ये 6 जड़ी-बूटियां डायबिटीज कंट्रोल करने में हो सकती हैं आपके लिए मददगार

Updated on:14 November 2023, 12:26pm IST

डायबिटीज आजकल हर दूसरे व्यक्ति को अपनी चपेट में ले रही है। ऐसे में आयुर्वेद में कुछ हर्ब्स हैं, जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित रखने में आपकी मदद करती हैं। चलिये जानते हैं इनके बारे में।

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हल्दी

पोषण विशेषज्ञ के अनुसार, हल्दी में करक्यूमिन एक मजबूत एंटीऑक्सीडेंट है और मधुमेह का इलाज करने में मदद करता है। हल्दी शरीर को कई फायदे पहुंचा सकती है। हल्दी एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भी भरी हुई है। आप अपने आहार में हल्दी को कई तरह से शामिल कर सकते हैं।

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एलोवेरा

डायबिटीज़ को कम करने के लिए एलोवेरा का सेवन करने से भी फायदा हो सकता है। एलोवेरा के प्रयोग से इन्सुलिन संतुलन में सुधार हो सकता है, जो डायबिटीज के प्रबंधन में मदद करता है। साथ ही एलोवेरा का सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। वहीं, एलोवेरा में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं जो इन्फ्लेमेशन को कम करने में भी मदद करते हैं।

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मेथी के दाने

मेथी के दाने (Fenugreek seeds) डायबिटीज के प्रबंधन करते हैं और ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद करते हैं। मेथी के दाने में सॉल्युबल फाइबर होता है, जो ब्लड शुगर को कम करने में मदद करता है। साथ ही मेथी के दाने का सेवन करने से आपका आहार ग्लाइसीमिक इंडेक्स को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल कम होता है और डायबिटीज़ के रोकथाम में मदद मिलती है।

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गिलोय

आयुर्वेद के अनुसार, गिलोय में एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। यह इम्युनिटी को बूस्ट करता है। यह बोवेल मूवमेंट को सही करता है और वजन घटाता है। यदि इसे एलोवेरा और शिलाजीत के साथ मिलाकर लिया जाता है, तो यह बैली फैट घटाने में कारगर होता है। वजन कम करने के लिए आधा कप गिलोय के रस में 1 चम्मच शहद मिलाकर लिया जा सकता है। डायबिटीज के पेशेंट  शहद मिलाकर नहीं लें।

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तुलसी

तुलसी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और अन्य तत्वों के कारण, इससे ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। साथ ही तुलसी का सेवन करने से इन्सुलिन सेंसिटिविटी में भी सुधार होता है, जिससे ब्लड शुगर को सही तरीके से प्रबंधित किया जा सकता है। वहीं, तुलसी में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर की सूजन को कम करते हैं और इससे ब्लड शुगर लेवल में सुधार होता है।

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सदाबहार

सदाबहार को पेरिविंकल के रूप में जाना जाता है और यह भारत में आमतौर पर पाई जाने वाली जड़ी-बूटी है। फूलों के साथ चिकनी और चमकदार गहरे हरे रंग की पत्तियां टाइप-2 मधुमेह के लिए प्राकृतिक औषधि के रूप में कार्य करने के लिए जानी जाती हैं।

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दालचीनी

दालचीनी में कुछ तत्व होते हैं, जो ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद कर सकते हैं। साथ ही दालचीनी में कम ग्लाइसीमिक इंडेक्स होता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल स्थिर रहता है, जिससे डायबिटीज के साथ जुड़ी समस्याएं कम हो सकती हैं। वहीं, जर्नल ऑफ डेयरी रिपोर्ट में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर को कैमिकल ओक्सीडेशन से बचाने में मदद करते हैं, जिससे शरीर में ब्लड शुगर लेवल स्थिर रहती है और डायबिटीज़ के प्रबंधन में मदद मिलती है।

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