Healthshots
By Jyoti Sohi
Published Feb 25, 2024
सबसे पहले दातुन को एक से दो इंच तक छीलें। उसके बाद उस पतली टहनी को चबाकर उससे ब्रिसल्स को बनाएं। अब दिन में दो बार इससे दांत साफ करने के लिए प्रयोग करें। इससे निकलने वाला नेचुरल ऑयल केविटी को दूर करने में मदद करता है।
इसके इस्तेमाल से दांत टूटने का खतरा कम हो जाता है। मुंह में बढ़ने वाले बैक्टीरिया को दूर करने के लिए नीम की दातुन कारगर साबित होती है। दिन में दो बार दातुन का इस्तेमाल करने से दांतों की मज़बूती बढ़ने लगती है और दुर्गंध से राहत मिल जाती है।
दांतों में बढ़ने वाली सेंसेशन और दर्द को दूर करने के लिए नीम की दातुन कारगर साबित होती है। ब्रशिंग के लिए इसका इस्तेमाल करने से दांतों की रूट्स रिलैक्स होती है और दर्द कम होने लगता है। इसका कसैला स्वाद दांतों को प्रोटेक्ट करता है।
रोगाणुरोधी गुणों से भरपूर नीम की टहनी को ब्रश के रूप में इस्तेमाल करने से जंक फूड और कार्बोनेटिड ड्रिंक से दांतों का बचाव करना आसान है। अनहेल्दी डाइट से दांतों बैक्टीरियल इंफे्क्शन बढ़ने लगता है। नीम की टहनी दांतों को संक्रमणों से मुक्त रखती है।
नीम की टहनी में एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल गुण पाए जाते हैं। इससे दांतों पर ब्रशिंग करने से पीले दांतों की समस्या हल हो जाती है। इससे दांतों की सफेदी बनी रहती है और ओरल हाइजीन को बनाए रखने में भी मदद मिलती है।
दांतों की ब्रशिंग के बाद माउथ फ्रेशनर का इस्तेमाल किया जाता है। सांसों की ताज़गी को बनाए रखने के लिए नीम का प्रयोग आवश्यक है। इससे दांतों में जमा गंदगी को दूर करने में मदद मिलती है। दिन में दो बार इसका इस्तेमाल फायदेमंद साबित होता है।
जीभ पर जमी सफेद परत को दूर करने के लिए नीम की दातुल को मुलायम करके जीभ को क्लीन करने का प्रयास करें। इससे जीभ पर जमा बैक्टीरिया आसानी से क्लीन होने लगता है और जीभ साफ नज़र आती है। इससे आरल हाइजीन मेंटेन रहती है।