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By Smita Singh
Published Feb 28, 2024
कॉटन कैंडी, जिसे कैंडी फ्लॉस और फेयरी फ्लॉस के नाम से भी जाना जाता है, एक स्पन शुगर कन्फेक्शन है, जो कपास जैसा दिखता है। इसमें आमतौर पर थोड़ी मात्रा में स्वाद या खाद्य रंग शामिल होते हैं। कैंसर सहित यह कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा सकता है।
इन दिनों कॉटन कैंडी को बहुत अधिक नुकसानबताया जा रहा है। यह कैंसर पैदा करने वाले तत्व के कारण है। यह मिठाई रोडामाइन बी डाई का उपयोग करके बनाई जाती है। यह दुनिया के कुछ हिस्सों में वर्गीकृत कैंसरकारक बताई जाती है।
कैंडी प्रोडक्ट में अक्सर बड़ी मात्रा में आर्टिफिशियल इंग्रीडिएंट्स होते हैं। ये बड़ी मात्रा में सेवन करने पर न केवल हानिकारक हो सकते हैं, बल्कि गंभीर एलर्जी और दमा संबंधी रिएक्शन भी पैदा कर सकते हैं। ये सामग्रियां विभिन्न कलर एजेंट, नॉन -न्यूट्रिशियस कंटेंट, लेड और बहुत कुछ हो सकती हैं।
कैंडी और कई अन्य मिठाइयों में तेजी से पचने वाले कार्बोहाइड्रेट होते हैं। प्रोसेस्ड तरल पदार्थ और चीनी हमारे मेटाबोलिज्म द्वारा लगभग तुरंत अवशोषित हो जाते हैं। इससे ब्लड शुगर लेवल में वृद्धि होती है।इसके बाद तेजी से कमी आती है। यह कमी स्वीट क्रेविंग्स, सिरदर्द और प्यास को बढ़ा देती है।
बैक्टीरिया का एक कल्चर स्ट्रेप्टोकोकस म्यूटन्स है, जो हमारे दांतों में कैविटी बनाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। मिठाइयों के संपर्क में आने के बाद वे बैक्टीरिया हमारे दांतों में चिपक जाते हैं। उन्हें लैक्टिक एसिड में बदल देते हैं, जो धीरे-धीरे हमारे दांतों को नष्ट कर देते हैं।
कैंडी में बहुत अधिक कैलोरी और ऊर्जा की मात्रा होती है। बड़ी मात्रा में कैंडी के सेवन के कारण अनिवार्य रूप से मोटापा बढ़ता है या अतिरिक्त मात्रा में कैलोरी जमा हो जाती है। इसे शरीर जला नहीं सकता है। मोटापा चयापचय पर असर डालता है और स्थायी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
कैंडी और अन्य मीठे उत्पादों का अत्यधिक सेवन रक्तप्रवाह में शुगर के असंतुलन का कारण बन सकता है। शुगर को प्रोसेस करने के लिए लिवर की क्षमता को नुकसान पहुंचा सकता है। कम कैंडी खाने से डायबिटीज की उपस्थिति को रोका जा सकता है।
चीनी से भरपूर आहार वजन बढ़ा देते हैं। मोटापा और बड़ी मात्रा में चीनी का सेवन हृदय रोग के खतरे को भी बढ़ा सकती है। इसमें कोरोनरी आर्टरी डिजीज और स्ट्रोक भी शामिल है।
चीनी में फ्रुक्टोज कॉम्पोनेन्ट लिपिड और कार्बोहाइड्रेट मेटाबोलिज्म में गड़बड़ी का कारण बनता है। चीनी से शरीर का वजन और वसा बढ़ता है। यह लिपिड और कार्बोहाइड्रेट मेटाबोलिज्म के अनियमित होने का भी कारण बनता है। इसके कारण कई रोग हो सकते हैं।