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By Anjali Kumari 

Published 10 Feb, 2024 

पेट दर्द, गैस और ब्लोटिंग का उपचार हैं रसाेई के ये 7 मसाले, जान लें इस्तेमाल का तरीका

आजकल बहुत से लोगों में ब्लोटिंग की शिकायत देखने को मिल रही है। ब्लोटिंग (bloating) नियमित जीवनशैली का एक हिस्सा बन चुका है। बार-बार ब्लोटिंग होने के पीछे कई फैक्टर जिम्मेदार हो सकते हैं, जैसे की धीमी पाचन प्रक्रिया, गलत खान पान, मेंस्ट्रुएशन, शारीरिक स्थिरता आदि। ब्लोटिंग की स्थिति में पूरी दिनचार्य खराब हो जाती है। ऐसे में आपके किचन में मौजूद कुछ मसाले आपकी मदद कर सकते हैं। किचन में ऐसे कई मसले उपलब्ध होंग जो ब्लोटिंग की स्थिति में कारगर होते हैं। तो चलिए जानते हैं इनके बारे में विस्तार से।

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जीरा का इस्तेमाल केवल खाद्य पदार्थों में स्वाद जोड़ने तक ही सीमित नहीं है, इसमें कई मेडिसिनल प्रॉपर्टीज भी पाई जाती हैं। इसे कई तरह के चिकित्सीय इस्तेमाल में भी शामिल किया जाता है। जीरा में एंटी इन्फ्लेमेटरी इफेक्ट पाए जाते हैं। यह आंतों की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है, वहीं ब्लोटिंग में इसका सेवन सेहत के लिए बेहद कारगर साबित हो सकता है।

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जीरा (cumin)

सौंफ में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीमाइक्रोबॉयल, एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटी फंगल कंपाउंड्स पाए जाते हैं। यह सभी कंपाउंड गट हेल्थ के लिए बेहद कारगर होते हैं और ब्लोटिंग को कम करने में मदद करते हैं। साथ ही, सौंफ के एंटीबैक्टीरियल और एंटीबायोटिक प्रॉपर्टी आंतो में मौजूद हानिकारक माइक्रोऑर्गेनाइज्म को कम करती है, जिससे पाचन प्रक्रिया इंप्रूव होती है।

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सौंफ (fennel)

काली मिर्च में पिपरिन नामक एक पावरफुल कंपाउंड पाए जाते हैं, जो पाचन प्रक्रिया को बढ़ावा देने के साथ ही शरीर में पोषक तत्वों के अवशोषण को भी बढ़ा देते हैं। यदि आपको ब्लोटिंग की समस्या रहती है, तो इसमें काली मिर्च की चाय आपकी मदद कर सकती है।

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काली मिर्च (black paper)

दालचीनी एक प्रकार का गरम मसाला है, जिसका इस्तेमाल पेट की समस्याओं के साथ ही त्वचा के लिए भी किया जाता है। दालचीनी में मौजूद चिकित्सीय गुण, इसे बेहद खास बना देते हैं। दालचीनी के उपयोग से बॉडी में ब्लड फ्लो बढ़ जाता है, जिससे कि पाचन प्रक्रिया को सही से कार्य करने में मदद मिलती है और इस प्रकार यह ब्लोटिंग से राहत प्रदान करती है।

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दालचीनी (cinnamon)

धनिया के बीज में एक बेहतरीन खुशबू पाई जाती है, जो किसी भी व्यंजन में एक खास फ्लेवर जोड़ती है। खाद्य पदार्थों में धनिया जोड़ने से उन्हें पचाना अधिक आसान हो जाता है। धनिया के बीच में मौजूद एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज आंतो में मौजूद हेल्दी गट बैक्टीरिया को प्रमोट करते हैं। इसके अलावा इसकी एंटीऑक्सीडेंट एक्टिविटी शरीर को फ्री रेडिकल्स से प्रोटेक्ट करती है, और इन्फ्लेमेशन को कम करने में मदद करती है।

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धनिया के बीज (coriander seeds)

अदरक एक बेहद खास इंडियन मसाला है, जिसका फ्लेवर बेहद कमाल का होता है। इसके साथ ही इसमें एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी अल्सर प्रॉपर्टी पाई जाती है। इसका सेवन गैस्ट्रिक संबंधी समस्याओं को इंप्रूव करता है और पेट दर्द, ब्लोटिंग, अपच जैसी पाचन संबंधी समस्याओं में कारगर होता है।

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अदरक (ginger)

इलायची एक ऐसा मसला है, जिसे तरह-तरह के मीठे व्यंजन में फ्लेवर ऐड करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। खासकर लोग इलायची की चाय के फैन होते हैं। स्वाद के अलावा इलायची में एंटीबैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इन्फ्लेमेटरी और ड्यूरेटिक प्रॉपर्टी पाई जाती है, जो तमाम तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में बेहद कारगर होती हैं। वहीं इससे अपच, ब्लोटिंग, आदि जैसी समस्याएं नहीं होती।

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इलायची (cardamom)

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