Healthshots
By Sandhya Singh
Published April 25, 2023
वर्ल्ड मलेरिया डे मलेरिया की रोकथाम, नियंत्रण और उन्मूलन की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाता है। यह दिन मलेरिया के खिलाफ लड़ाई में निरंतर महान उपलब्धियों का भी प्रतीक है। मलेरिया रोग की बेहतर समझ और इसे कैसे ठीक किया जाए, इसके लिए लोगों को शिक्षा प्रदान करना भी आवश्यक है।
मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से मलेरिया होता है। केवल एनोफिलीज मच्छर ही मलेरिया फैला सकते हैं और वे संक्रमित व्यक्ति से लिए गए पिछले रक्त से संक्रमित होते हैं। जब एक मच्छर किसी संक्रमित व्यक्ति को काटता है, तो रक्त की एक छोटी मात्रा ली जाती है, जिसमें सूक्ष्म मलेरिया पैरासाइट होते हैं।
मलेरिया एक फ्लू होता है, जिसमें आपको तेज बुखार आता है। ये बुखार 3 से ज्यादा दिन तक रह सकता है। आपको तेज बुखार के साथ ठंड भी लग सकती है। तेज बुखार से निपटने के लिए आप रोगी के सिर पर ठंडी पट्टी रख सकती है।
तेज बुखार के साथ मलेरिया के लक्षणों में तेज सिरदर्द भी शामिल है। मलेरिया से ग्रसित रोगी को तेज सिरदर्द का सामना करना पड़ सकता है। संक्रमित मच्छर के काटने के 6 से 14 दिन बाद आपको ये लक्षण दिख सकता है।
जी मिचलाना मलेरिया का एक सामान्य सा लक्षण है। इसमें आपको उल्टी जैसा लग सकता है, आपको चक्कर आ सकते है। अगर आपको मलेरिया के दौरान जी मिचलाने जैसी समस्या हो तो आप कुछ खट्टा खा सकती है।
मलेरिया के एक और लक्षण में से है डायरिया या पेट में समस्या होना। इसमें आपको पेट में दर्द हो सकता है और तेज दस्त लग सकते हैं। इसमें डिहाइड्रेशन हो सकता है इसलिए इससे बचने के लिए आपको खुब पानी और तरल पदार्थ पीने की जरूरत है।
यदि आपको हाल ही में खांसी हो रही है, तो आप जांच कर सकते हैं कि आपको मलेरिया है या नहीं। हालाँकि, यह दूसरे संक्रमण का लक्षण हो सकता है। खांसी भी मलेरिया का लक्षण हो सकती है।
अपने घर के आसपास के गढ्ढों को भर दें और वहां पानी जमा न होने दें। ये पानी मच्छर के प्रजनन की जगह बनता है। इसलिए आपके आसपास मच्छर न हो इसके लिए पानी जमा न होने दें।
अगर आपके घर में कोई भी रूका हुआ पानी है जैसे टंकी और कुलर तो इसमें आपको लार्वा नाशक कीटनाशकों का छिड़काव करते रहना चाहिए।
मलेरिया का मूल कारण मच्छर हैं। इनसे बचने के लिए अपनी कलोनियों और घरों में नियमित रूर से फॉगिंग करवाते रहें। इससे मच्छर मर जाते हैं और उनके प्रजनन का जोखिम खत्म हो जाता है।
रोगाणुरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर, हल्दी शरीर से हानिकारक विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और मलेरिया परजीवी को मारने में मदद कर सकती है। यह मलेरिया के दौरान होने वाले जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द को भी कम करने में मदद कर सकती है।
भारतीय घरों में एक और आम मसाला, दालचीनी में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सिडेंट और एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं जो मलेरिया के लक्षणों से निपटने में आपकी सहायता करते हैं।
मलेरिया से पीड़ित लोगों को अक्सर उल्टी का अनुभव होता है। अदरक में जिंजरोल नामक एक सक्रिय यौगिक होता है जो एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीमाइक्रोबियल गुणों से भरपूर होता है। जो शरीर के दर्द के साथ-साथ मतली को भी कम कर सकता है।