By Jyoti Sohi
Published Jan 20, 2025
शरीर में मौजूद टॉक्सिक पदार्थों को लिवर की मदद से डिटॉक्स किया जाता है। मगर अनियमित जीवनचर्या और खानपान की गलत आदतों के चलते लिवर में फैट्स की मात्रा एकत्रित होने लगती है, जिससे फैटी लिवर की समस्या का सामना करना पड़ता है। कोशिकाओं में जमने वाला फैट लिवर में सूजन का कारण भी साबित होता है। जानते हैं शरीर में किन संकेतों से पहचानें की आप हो रही हैं, फैटी लिवर की समस्या की शिकार।
थकान का बढ़ना
दिनभर शरीर में थकान,कमज़ोरी और आलस्य महसूस होना फैटी लिवर की ओर इशारा करता है। लिवर फंक्शन प्रभावित होने से कार्य क्षमता प्रभावित कम होने लगती है। दरअसल, विषैले पदार्थों को डिटॉक्स करने की प्रक्रिया धीमी होने से ये समस्या बनी रहती है।
आंखों में पीलापन दिखना
पीलिया ब्लड में बिलीरुबिन के बनने का कारण साबित होता है। दरअसल, लिवर उससे प्रोसेस करने में असमर्थ साबित होता है। ऐसे में लिवर का कार्य प्रभावित होने से आंखों और त्वचा की रंगत में बदलाव आने लगता है। इसके अलावा त्वचा का रूखापन बढ़ता है और खुजली की समस्या बनी रहती है।
वज़न का बढ़ना
वेटगेन फैटी लिवर की ओर इशारा करता है। बॉडी मास इंडैक्स 27 से अधिक होना इस समस्या का जोखिम बढ़ा देता है। इस दौरान पेट पर फैट्स एकत्रित होने लगते है और लिवर सेल्स डैमेज होने लगते है। ऐसे में वेटलॉस करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
पैरों में सूजन
लिवर की फंक्शनिंग सुचारू न होने से पैरों में सूजन बढ़ने लगती है। दरअसल, शरीर में ब्लड का संचार उचित न होने से लिवर की वेन्स पर प्रेशर बढ़ने लगता है, जो सूजन का कारण साबित होता है। प्रेशर बढ़ने के कारण शरीर में फ्लूइड बिल्डअप होने लगता है और पैरों में सूजन दिखने लगती है।
नींद की झपकी आना
नींद की झपकी बार बार आना फैटी लिवर की समस्या को दर्शाता है। इससे शरीर में थकान बढ़ने लगती है और दिन में नींद आने की समस्या बनी रहती है। इसके चलते व्यक्ति को भरपूर नींद प्राप्त नहीं हो पाती है और शरीर में आलस्य बना रहता है।
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