Healthshots
By Jyoti Sohi
Published Feb 13, 2024
डब्लयूएचओ के अनुसार किसी व्यक्ति को अपने शरीर के वज़न के मुताबिक 1.4 मिलीग्राम हल्दी लेने की सलाह दी जाती है। पकवानों में पहले से ही इस्तेमाल की जाने वाली हल्दी के चलते अन्य चीजों में इसका प्रयोग शरीर में हल्दी की मात्रा को बढ़ा सकता है।
हल्दी में 2 फीसदी ऑक्सालेट की मात्रा पाई जाती है, जो अत्यधिक मात्रा में लेने से खुद को कैल्शियम से जोड़ देता है। इसका नियमित सेवन यूरिनरी ऑक्सालेट लेवल को प्रभावित कर शरीर में किडनी स्टोन की संभावना को बढ़ाता है।
पत्तेदार सब्जियां जहां आयन की कमी को पूरा करती हैं, तो वहीं उनमें हल्दी को मिलाकर पकाने से आयरन के अवशोषण में कमी आने लगती है। इससे शरीर में आयरन की कमी बढ़ने लगती है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार वे लोग जो 1,000 मिलीग्राम से ज्यादा हल्दी की मात्रा अपने आहार में शामिल करते हैं। उन्हें पेट में सूजन, एसिडिटी, अपच और ब्लोटिंग की समस्या का सामना करना पड़ता है। इससे मेटाबॉलिज्म कमज़ोर होता है।
शरीर में करक्यूमिन कंपाउंड की अधिकता का शरीर पर नकारात्मक प्रभाव दिखने लगता है। इससे सिरदर्द की समस्या, उन्टी और दस्त का जोखिम बढ़ जाता है। ऐसे में हल्दी का अत्यधिक इस्तेमाल से बचें और इसे मॉडरेट ढ़ग से प्रयोग करें।
रोज़ाना अत्यधिक मात्रा में हल्दी का सेवन करने से इसमें पाए जाने वाले कंपाउंड एलर्जी का कारण साबित होने लगते है। इसके चलते सांस संबधी समस्या और स्किन पर रैशेज व एक्ने की समस्या उत्पन्न होने लगती है। हल्दी के सेवन को सीमित रखने का प्रयास करें।