By Jyoti Sohi
Published Oct 08, 2024
शरीर में हार्मोन के असंतुलन से पीसीओएस यानि पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम का सामना करना पड़ता है। इसके चलते अनियमित मेंस्ट्रुअल साईकल, इनफर्टिलिटी और मोटापे का सामना करना पड़ता है। पीसीओएस से ग्रस्त अधिकतर महिलाएं इंसुलिन प्रतिरोध के चलते मोटापे का शिकार हो जाती है। जानते हैं पीसीओएस से ग्रस्त महिलाओं को वज़न कम करने के लिए किन टिप्स को करना चाहिए फॉलो।
फाइबर रिच डाइट लें
आहार में फाइबर की मात्रा को शामिल करें। इससे शरीर में कैलोरीज स्टोरेज से बचा जा सकता है और बार बार होने वाली क्रेविंग से बचा जा सकता है। दरअसल, फाइबर रिच आहार से डाइजेशन स्लो होने लगता है, जिससे पेट देर तक भरा रहता है। इसके लिए आहार में साबुत अनाज, ताज़े फल और सब्जियों को शामिल करें।
भरपूर नींद लें
शरीर को हेल्दी रखने व तनाव से बचने के लिए 8 से 10 घंटे की नींद लें। इससे शरीर में बढ़ने वाले कार्टिसोल हार्मोन के स्तर को नियंत्रित करके शरीर को दिनभर एक्टिव रखा जा सकता है। इसके लिए सोने और उठने का समय तय कर लें। इससे हार्मोन इंबैलेंस से बचा जा सकता है।
फर्मेंटिड फूड खाएं
गट हेल्थ को बूस्ट करने के लिए फर्मेंटिड फूड का सेवन करें। इससे आंतों में हेल्दी बैक्टीरिया की ग्रोथ बढ़ने लगती है और मेटाबॉलिज्म का स्तर बढ़ने लगता है। इससे शरीर में बढ़ने वाले मोटापे से बचा जा सकता है। आहार में दही, सेब का सिरका, अचार और लस्सी को शामिल करें।
रोज़ाना व्यायाम करें
वेटलॉस के लिए स्वस्थ आहार लेने के अलावा व्यायाम करना भी आवश्यक है। इससे शरीर में मौजूद फैट्स को बर्न करने में मदद मिलती है। साथ ही शरीर दिनभर एक्टिव रहता है। सीडीसी की रिसर्च के अनुसार सप्ताह में 150 मिनट व्यायाम करने से पीसीओएस के दौरान बढ़ने वाले मोटापे की समस्या को दूर किया जा सकता है।
तनाव से बचने का प्रयास करें
शरीर में मोटापे की समस्या को कम करने के लिए तनाव से दूरी बनाकर रखें। इससे शरीर एक्टिव और मांइड रिलैक्स रहता है, जिससे हार्मोन की बैलेंसिंग में मदद मिलती है। तनाव बढ़ने से हार्मोन असंतुलन का सामना करना पड़ता है, जिससे बैली फैट की समस्या बढ़ती है। तनाव कोर्टिसोल के स्तर को बढ़ाता है। इससे राहत पाने के लिए मेडिटेशन की मदद लें और अपना सोशल सर्कल बढ़ाएं ।