By Jyoti Sohi
Published Sep, 2024
अनियमित खानपान पाचनक्रिया को असंतुलित बना देता है। इसके चलते पेट दर्द, ब्लोटिंग, अपच और कब्ज का सामना करना पड़ता है। ऐसे में पाचनतंत्र को सुचारू बनाए रखने के लिए इंटेस्टाइन में मौजूद टॉक्सिन पदार्थों को डिटॉक्स करना आवश्यक है। जानते हैं वो 5 टिप्स जिनकी मदद से इंटेस्टाइन को क्लीन करने में मिलती है मदद।
खाली पेट गुनगुना पानी पिएं
आंत के स्वस्थ्य को बनाए रखने के लिए शरीर को हाइड्रेट रखें। इसके लिए सुबह उठकर खाली पेट गुनगुने पानी का सेवन करे। इसके अलावा दिन में 1 से 2 बार डिटॉक्स ड्रिंक्स का सेवन करें। इससे आंत में मौजूद विषैले पदार्थों को क्लीन करमें में मदद मिलती है। इसके अलावा तरबूज, खीरा, संतरा और टमाटर समेत पानी से भरपूर फलों और सब्जियों का सेवन करें।
अनाज और हरी सब्जियां खाएं
आहार में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंटस की मात्रा को बढ़ाकर बॉवल मूवमेंट को नियमित बनाए रखने में मदद मिलती है, जिससे कोलन को प्राकृतिक तरीके से क्लीन रखा जा सकता है। इसके लिए आहार में ब्रोकली, फूलगोभी, हरी पत्तेदार सब्जियां और ओटमील को शामिल करें। इससे डाइजेशन बूस्ट होता है और पेट संबधी समस्याओं का खतरा कम हो जाता है।
सिरका और अचार भी हैं फायदेमंद
अपनी मील में योगर्ट को शामिल करे। इससे आंतों में गुड बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ने लगती है जिससे कोलन को क्लीन रखा जा सकता है। इसके लिए आहार में फर्मेंटिंड फूड्स जैसे दही, अचार, सेब का सिरका और शरीर में हेल्दी बैक्टीरिया को बढ़ाने वाले फूड्स को शामिल करे। इससे डाइजेशन को बूस्ट किया जा सकता है।
एक दिन का उपवास करें
ज्यादा मात्रा में खाना आंत के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने लगता है। ऐसे में कोलन की क्लीनिंग के लिए फास्टिंग की मदद लें। इससे किडनी और लिवर में मौजूद टॉक्सिन्स को रिलीज़ करने में मदद मिलती है। इसके अलावा डाइजेशन बूस्ट होने लगता है और वज़न बढ़ने की समस्या से बचा जा सकता है।
दूध वाली चाय को हर्बल टी से रिप्लेस करें
एंटीऑक्सीडेंटस से भरपूर हर्बल टी शरीर के इम्यून सिस्टम को मज़बूती प्रदान करके मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने में मदद करता है। इसके लिए तुलसी, अदरक, गुड़हल, पुदीना और लेमनग्रास टी का सेवन करें। इससे पेट में दर्द, कब्ज और दस्त की समस्या से बचा जा सकता है।