By Anjali Kumari
Published Jan 30, 2025

Healthshots

राशा थडानी की तरह बेटियों को मां से विरासत में मिलते हैं कुछ स्किल्स, क्या आप भी मानते हैं?

बॉलीवुड की प्रचलित अभिनेत्री रबीना टंडन की बेटी राशा ठंडाणी आजकल सुर्खियों में छाई हुई हैं। अपनी सुंदरता से लेकर आगामी मूवी के गाने में बेहतरीन परफॉर्मेंस से लोगों का दिल जीतने वाली रासा, बेहद ग्राउंडेड और व्यवहारिक हैं। जिसकी वजह से उन्हें और ज्यादा पसंद किया जा रहा है। राशा व्यवहारिकता में बिल्कुल रबीना जैसी हैं, जिससे यह साबित होता है, बच्चों में मां के व्यवहार का प्रभाव सबसे अधिक होता है। बच्चे सबसे ज्यादा समय मां के साथ बिताते हैं, और उन्हें देखकर उनमें अच्छे बुरे की समझ विकसित होती है।

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सफलता के प्रति व्यवहार

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आमतौर पर लोग उपलब्धि हासिल करने के बाद या ज्यादातर स्टार किड्स को देखें तो रुतबा और पैसा लोगों के अंदर एक अलग सा गुरूर ले आता है। पर राशा ने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने अपनी मां से सबसे अच्छी बात ग्राउंडेड रहना सीखी है। रबीना अपने समय में बेहद जमीनी स्तर पर रहकर लोगों के लिए सोचती थी। जैसे 2 बच्चियों को गोद लेना या एनिमल वेलफेयर के लिए काम करना। राशा में ग्राउंडिंग के गुण उनकी मां से ट्रांसफर हुई हैं।

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फिटनेस या लापरवाही

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जिनके घर में मां या अन्य लोग फिटनेस के लिए रोजाना एक्सरसाइज या योगाभ्यास में भाग लेते हैं, उस घर में बच्चे बचपन से फिटनेस का महत्व देखते आते हैं। वहीं उनमें भी खुदको फिट रखने की चाह होती है। बच्चों को ये बातें हाथ पकड़ कर सिखाई नहीं जाती, क्योंकि छोटी उम्र बच्चे जिस माहौल में रहते हैं, उसके अनुरूप ढल जाते हैं। रबीना की फिटनेस आज भी मेंटेन हैं, और उनकी झलक उनकी बेटी में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।

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आध्यात्मिकता के प्रति झुकाव

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आज के समय में बहुत कम युवा अध्यात्म में रुचि रखते होंगे। पर राशा का झुकाव पूरी तरह से अध्यात्म की ओर है। बचपन में उन्हें मां से अध्यात्म की पहचान मिली है। अभी तक राशा कई ज्योतिलिंग के दर्शन कर चुकी हैं, और बचे हुए तीर्थस्थल जानें कि योजना बना रही। इतनी कम उम्र में अध्यात्म के प्रति उनका झुकाव सराहनीय है।

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प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स

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बच्चे बचपन से जिस तरह मां बाप को परेशानी में रिएक्ट करते देखते हैं, उनकी रिएक्शन भी बहुत हद तक वैसी ही हो जाती है। यदि पेरेंट्स हंसते हुए खुश रहकर अपनी परेशानी को शांति से सॉल्व करें, तो बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य भी संतुलित रहता है। वहीं उनकी प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स भी बेहतर होती है।

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खानपान की आदतें 

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घर में जब मां हेल्दी डाइट फॉलो करती हैं, तो बच्चों में भी स्वस्थ आहार की आदत विकसित होती है। यदि घर में जंक फूड नहीं खाया जाए तो बहुत समय तक बच्चों को इनसे जुड़ी जानकारी नहीं होती और वे स्वस्थ एवं संतुलित डाइट की ओर आकर्षित होते हैं। राशा और रबीना की फिटनेस और स्किन को देखकर यह समझना बेहद आसान है, कि वे दोनों एक हेल्दी डाइट रूटीन फॉलो करती हैं।

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