By Anjali Kumari
Published Nov 12, 2024
डायबिटीज रोगियों की सबसे बड़ी चुनौती होती है शुगर लेवल को कंट्रोल रखना। इसमें हाई और लो दोनों ही खतरनाक हो सकते हैं। इसलिए डॉक्टर उन्हें लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फ्रूट्स चुनने की सलाह देते हैं।
फलों को चुनने से पहले जान लें उनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स
डायबिटीज में बहुत से लोग फलों की मिठास के कारण इसे खाने से कतराते हैं। पर आपको फलों से दूरी बनाने की जरूरत नहीं है, आप इन्हें खाने के तरीके और मात्रा का ध्यान रखते हुए इसे अपनी डाइट का हिस्सा बना सकती हैं। कई ऐसे फल हैं जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है और डायबिटीज के मरीज सुरक्षित रूप से इसका सेवन कर सकते हैं। वहीं ये फल ब्लड शुगर मैनेजमेंट में मदद कर सकते हैं। तो चलिए जानते हैं, ऐसे ही कुछ खास डायबिटीज फ्रेंडली फ्रूट्स के नाम।
सेब (GI 39)
सेब सॉल्युबल फाइबर का एक बेहतरीन स्रोत है, इसका सेवन रक्त शर्करा को नियंत्रित करने और व्यक्ति को संतुष्टि प्रदान करने में मदद करता है। इसके नियमित सेवन से व्यक्ति को अनचाही क्रेविंग्स नहीं होती। डायबिटीज के मरीज स्नैक्स में रोजाना एक छोटा सेब खा सकते हैं।
नाशपाती (GI 30)
नाशपाती में भरपूर मात्रा में फाइबर सामग्री पाई जाती है। इसमें धीरे-धीरे पचने वाली शर्करा होती है। इस प्रकार यह ब्लड शुगर लेवल को स्थिर रहने में मदद करता है। डायबिटीज के मरीज इसे अपने सलाद में ऐड कर सकते हैं।
चेरी (GI 20)
चेरी में कई ऐसे कंपाउंड पाए जाते हैं, जो इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार कर सकते हैं। इसकी ये गुणवत्ता इसे ब्लड शुगर मैनेजमेंट के लिए एक बेहतरीन विकल्प बनाती है। वहीं इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स बेहद कम होता है, जो इसे डायबिटीज के मरीजों के लिए एक सुरक्षित विकल्प बनाता है।
स्ट्रॉबेरी (GI 25)
स्ट्रॉबेरी में एंटीऑक्सिडेंट, फाइबर सहित कई महत्वपूर्ण विटामिन की गुणवत्ता पाई जाती है। वहीं इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी बेहद कम होता है। स्ट्रॉबेरी सहित ब्लूबेरी, रास्पबेरी और ब्लैकबेरी भी ब्लड शुगर मैनेजमेंट में आपकी मदद कर सकते हैं।
आलूबुखारा (GI 40)
आलूबुखारा एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर का अच्छा स्रोत है, जो इसे ब्लड शुगर मैनेजमेंट के लिए एक सुरक्षित विकल्प बनाते हैं। यह आपकी अनचाही क्रेविंग्स को भी नियंत्रित कर सकता है, जिससे की आपको ब्लड शुगर स्पाइक नहीं होता।
अंगूर (GI 45)
सिमित मात्रा में अंगूर को डाइट में शामिल किया जा सकता है। इसकी एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर की गुणवत्ता डायबिटीज के मरीजों के लिए इसे खास बनाती है। मॉडरेशन में लिया जाए तो अंगूर की मिठास को बिना ब्लड शुगर स्पाइक के एन्जॉय किया जा सकता है।