Healthshots
By Anjali Kumari
Published May 04, 2023
हर बार हाथ धोते वक्त कम से कम 20 सेकंड अपने हाथों को साफ़ करने में व्यतीत करें। बहुत से लोग जल्दबाजी में केवल 5 या 10 सेकंड के लिए ही हाथ धोते हैं। इसका मतलब यह है की हाथ धोने के बाद भी स्किन पर चिपके कीटाणु बहार नहीं निकलते।
बैक्टीरिया गीले और नम क्षेत्रों को जल्दी प्रभावित करते हैं। यदि आप हाथ धोने के बाद इन्हे नहीं सुखाती हैं, तो आपकी त्वचा बैक्टीरिया के लिए प्रजनन स्थल बन जाती है। एयर ड्रायर का उपयोग कर रही हैं तो हाथों को पूरी तरह से सुखना जरुरी है। साथ ही अपने साथ रुमाल जरूर रखें।
साबुन हमारी त्वचा पर मौजूद तेल और बैक्टीरिया को तोड़ देती है और ये आसानी से बाहर निकल आते हैं। हालांकि, बहुत अधिक साबुन का उपयोग करना गलत है क्योंकि इससे झाग को पूरी तरह से निकालना कठिन हो जाता है। अवशेष त्वचा पर खुजली और सूजन को ट्रिगर कर सकते हैं।
कोवीड ने हम सभी को सेनेटाइजर का आदि बना दिया है। आमतौर पर लोग हाथ धोने की जगह सेनेटाइजर का इस्तेमाल कर लेते हैं। परन्तु यह बिलकुल भी उचित नहीं है, सेनेटाइजर का अधिक इस्तेमाल हथों को नुक्सान पहुंचा सकता है। साथ ही इससे हाथ पूरी तरह से साफ़ नहीं होते। इसलिए जहां पानी उपलब्ध है वहां हाथ धोने को प्राथमिकता दें।
बहुत से लोग हाथ धोने के लिए साबुन का इस्तेमाल नहीं करते हैं। हालांकि, पानी चाहें कितनी भी साफ हो यह जर्म और बैक्टीरिया को पूरी तरह से क्लीन नहीं कर पाती। साबुन का अधिक और बार बार इस्तेमाल करना गलत है परन्तु इसका उचित इस्तेमाल जरुरी है।
हाथ धुलने के लिए सोप बार का इस्तेमाल करना पूरी तरह से सेफ है। परन्तु इसे इस्तेमाल करने से पहले और बाद में पानी से साफ़ करना जरुरी है। अमूमन लोग इसे स्किप कर देते हैं जो साबुन को अनहेल्दी बना देता है।
जब आप अंगूठी पहन कर हाथ धोती हैं तो आपके अंगूठी में साबुन फस जाते हैं। जो की बाद में खाने के माध्यम से आपके मुंह में जा सकते हैं।
अक्सर हम हाथ धोते वक़्त नाखूनों को नजरअंदाज कर देते हैं। ऐसे में नाखून के अंदर फसी गन्दगी साफ नहीं हो पाती और यह खाने के माध्यम से मुंह में जा सकती है। इसलिए हाथ के साथ नाखून में फसी गन्दगी को साफ़ करना न भूलें।