Healthshots
By Anjali Kumari
Published July 24, 2023
हर वर्ष 24 जुलाई को इंटरनेशनल सेल्फ केयर डे मनाया जाता है। इसे मानाने का मुख्य मकसद लोगों को सेल्फ केयर के बारे में जागरूक करना है। खुद को स्वस्थ रखने और तमाम लाइफस्टाइल डिसऑर्डर से बचने के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण है कि आप खुद की देखभाल को इग्नोर न करें, क्योंकि सेल्फ केयर सेल्फिश होना नहीं है।
30 की उम्र के बाद शरीर में कैल्शियम की कमी होना शुरू हो जाती है, खासकर यह महिलाओं को अधिक प्रभावित करता है। ऐसे में यह हड्डियों की कमजोरी का कारण बन सकता है। बढ़ती उम्र के साथ हाड़ियों की मजबूती को बनाये रखने के लिए डाइट में कैल्शियम युक्त आहार को शामिल करें।
30 की उम्र के साथ ही अपने स्लीप साइकिल पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। यह आपके स्ट्रेस लेवल को मैनेज करने से लेकर, त्वचा की सेहत, ह्रदय स्वास्थ्य और मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देने तक, कई तरह से आपके लिए जरूरी है। नियमित रूप से कम से कम 7 से 8 घंटे सोने की आदत डालें।
अब तक आप जो भी खा रहीं थीं, उसका असर आप आपकी सेहत पर दिखाई देने लगेगा। इसलिए 30 के उम्र पार करते हुए आपको अपनी डाइट पर सख्ती से ध्यान देना है। हरी पत्तेदार सब्जियां, ताजे फल, प्रोटीन, कार्ब्स, फैट और विटामिन्स को अब आपको अपना दोस्त बना लेना चाहिए। जबकि प्रोसेस्ड और जंक फूड से दूरी बना लेना ही बेहतर होगा।
30 की उम्र के बाद मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है। ऐसे में आपकी बॉडी पहले की तरह फैट बर्न नहीं कर पाती। इस दौरान वेट मैनेज करने के लिए आपको अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होती है। नियमित रूप से एक्सरसाइज करें और डाइट पर भी खास ध्यान दें। मोटापा अपने आप में कई समस्याओं का कारण है।
30 की उम्र के बाद खुद को स्वस्थ रखने के लिए एक उचित अंतराल पर जांच करवाना महत्वपूर्ण हो जाता है। इस उम्र में डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और अन्य लाइफस्टाइल संबंधी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए अपने हेल्थ केयर प्रोवाइडर की सलाह पर जरूरी जांच अवश्य करवाएं।
30 की उम्र के बाद एजिंग की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। इस दौरान त्वचा इलास्टिन खोने लगती है, जिसकी वजह से रिंकल और फ़ाईन लाइन नजर आना शुरू हो जाते हैं। साथ ही इस उम्र में अगर ध्यान न दिया जाए तो बाल सफ़ेद, कमजोर और पतले होने लगते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि आप इनकी कैमिकल फ्री उत्पादों से विशेष देखभाल करें।
यह वह उम्र है जब आप अपने करियर के पीक पर होती हैं। इस दौरान अधिक व्यस्त होने के कारण आपके लिए परिवार और दोस्तों के लिए वक्त निकालना मुश्किल हो जाता है। पर यह जरूरी है कि आप प्रोफेशन के अलावा उन लोगों के साथ भी वक्त बिताएं जो आपके दिल के करीब हैं। इससे आप तनाव से बची रहेंगी।
घर और ऑफिस के कार्यों के बीच संतुलन होना बेहद महत्वपूर्ण है। असंतुलित कार्यों का प्रभाव सीधा आपके मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। जिसकी वजह से अन्य शारीरिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। इसका असर आपके जीवन और रिश्तों पर भी नजर आने लगता है।