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By Jyoti Sohi

Published Mar 06, 2024

इन 6 संकेतों से जानिए कि आपके अंदर कम होता जा रहा है विटामिन डी का स्तर

विटामिन डी को सनशाईन विटामिन कहा जाता है, जिसका उत्पादन सूरज की किरणों के संपर्क में आने से शरीर में बढ़ने लगता है। इसके अलावा उचित लाइफस्टाइल और डाइट भी इसकी कमी को पूरा करते हैं। शरीर में विटामिन डी की मात्रा कम होने से कई स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है।

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विटामिन डी की कमी के चलते मांसपेशियों में ऐंठन और दर्द बढ़ने लगता है। बार बार पीठ और टांगों में रहने वाला दर्द विटामिन डी की कमी का संकेत है। इसके अलावा हाइपोकैल्सिमिया भी हड्डियों में दर्द का कारण साबित होता है, जिससे चोटिल होने का खतरा रहता है।

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थकान और कमज़ोरी

स्किन को हेल्दी बनाए रखने के लिए विटामिन डी बेहद आवश्यक है। इसकी कमी के चलते त्वचा का लचीलापन कम होने लगता है और स्किन पर झुर्रियां नज़र आने लगती है। इसके अलावा चेहरे पर बनने वाले दाग धब्बे भी विटामिन डी की कमी की ओर इशारा करता है।

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त्वचा पर झुर्रियों का बढ़ना

विटामिन डी की कमी हेयरफॉल का कारण साबित होती है। दरअसल, शरीर में विटामिन डी का स्तर कम होने से ऑटोइम्यून डिज़ीज एलोपीसिया एरियाटा का खतरा बना रहता है। 48 लोगों के समूह ने 12 सप्ताह तक विटामिन डी का सेवन किया, जिससे उन्हें हेयरफॉल का सामना करना पड़ा।

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बालों का झड़ना

शरीर में विटामिन डी की कमी से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या बढ़ने लगती है। इस कार्डियोवैस्कुलर समस्या के चलते शरीर में ब्लड प्रेशर का स्तर सामान्य से अधिक बना रहता है। हृदय संबधी समस्याओं के खतरे से बचने के लिए आहार में विटामिन डी की उचित मात्रा को सम्मिलित करें।

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हाई ब्लड प्रेशर

वर्ल्ड जर्नल ऑफ़ मेंस हेल्थ के अनुसार विटामिन डी की कमी बढ़ने से कामेच्छा कम होने लगती है। पोषक तत्व की कमी के चलते मूड सि्ंवग की समस्या बढ़ जाती है और सेक्स ड्राइव की कमी का भी सामना करना पड़ता है। हार्मोनल असंतुलन भी इसका एक कारण है।

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सेक्स ड्राइव की कमी

ऐसे लोग जो दिनभर में कुछ वक्त डे लाइट में रहते हैं। उनके शरीर में विटामिन डी की कमी की संभावना कम हो जाती है। दरअसल, विटामिन डी की नियमित  मिलने से शरीर में सोते वक्त मेलाटोनिन प्रोडयूस होने लगता है। इससे शरीर को भरपूर नींद की प्राप्ति होती है।

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नींद न आना