By Jyoti Sohi
Published Aug, 2024

Healthshots

ये संकेत बताते हैं कि आपकी गट हेल्थ है खतरे में

अनियमित खानपान और गतिहीन जीवनशैली गट हेल्थ को कई प्रकार से प्रभावित करती है। इससे न केवल इम्यून सिस्टम कमज़ोर होता है बल्कि ब्लोटिंग और अपच का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा मूड स्विंग्स और दिनभर महसूस होने वाली थकान भी कमज़ोर गट हेल्थ की ओर इशारा करते है। जानते हैं वो कौन से संकेत हैं, जो बताते हैं कि आपकी गट हेल्थ है खतरे में।

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डाइजेस्टिव प्रॉबलम्स का बढ़ना

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इंटेस्टाइन में बैड बैक्टीरिया के बढ़ने से ब्लोटिंग, पेट दद, कर्ब्ज और अपच का सामना करना पड़ता है। आंत में बैक्टीरिया में असंतुलन को डिस्बिओसिस कहा जाता है। इससे पाचनतंत्र धीमा हो जाता है और खाद्य पदार्थों के पाचन में तकलीफ का सामना करना पड़ता है। इसके चलते इरिटेबल बॉवल सिंड्रोम की समस्या बढ़ जाती है।

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थकान महसूस होना

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गट माइक्रोब्योम में बढ़ने वाले इंबैलेंस से थकान का सामना करना पड़ता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार इरिटेबल बॉवल सिंड्रोम से ग्रस्त आधे से ज्यादा लोग थकान का सामना करते हैं। शरीर में पोषण की कमी के चलते एनर्जी का स्तर कम हो जाता है, जिससे गट हेल्थ कमज़ोर हो जाती है और कमज़ोरी महसूस होती है।

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अनिद्रा का सामना करना

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गट हेल्थ के संतुलित न होने से नींद न आने की समस्या बढ़ जाती है। पाचन क्रिया धीमी होने से उसका प्रभव ब्लड सर्कुलेशन पर दिखने लगता है, जिससे नींद न आने की समस्या बढ़ जाती है। दरअसल, गट हेल्थ के चलते सर्कैडियन लय प्रभावित होती है, जिसका असर स्लीप पैटर्न पर दिखने लगता है।  

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शुगर क्रेविंग का बढ़ना

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बार बार मीठा खाने की इच्छा होना बैड गट हेल्थ का संकेत है। इसके अलावा गट में इंफ्लामेशन का बढ़ना भी मीठे की क्रेविंग को बढ़ा देता है। इससे बैड बैक्टीरिया की ग्रो बढ़ जाती है और डायबिटीज़ का जोखिम बढ़ने लगता है। इसके अलावा शरीर में अतिरिक्त कैलोरीज़ के बढ़ने से मोटापे का जोखिम बढ़ जाता है। 

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मूड स्विंग बढ़ना

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आंतों की सेहत का असर मूड पर भी देखने का मिलता है। इंटेस्टाइन में बैड बैक्टीरिया से मूड स्विंग बढ़ता है, जिससे अनहेल्दी खाने की इच्छा होती है। दरअसल, गट बैक्टीरिया ट्रिप्टोफैन के उत्पादन को प्रभावित करते हैं, जिससे सेरोटोनिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर के स्तर में गिरावट आती है।

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