By Jyoti Sohi
Published Feb 11, 2025
गलत खानपान और शरीर के वज़न का लगातार बढ़ना फैटी लीवर की समस्या को बढ़ा देता है। फैटी लीवर उस अवस्था को कहते हैं, जब लीवर पर फैट अधिक मात्रा में जमा होने लगता हैं। इसका सेहत पर दुष्प्रभाव नज़र आने लगता है। इससे लीवर खराब होने का खतरा बना रहता है। जानते हैं महिलाओं में फैटी लीवर की समस्या के लक्षण।
आंखों का पीला पड़ना
ब्लड में बिलीरुबिन की मात्रा बढ़ने से त्वचा और आँखों के सफेद भाग में पीलापन नज़र आने लगता है। फैटी लिवर रोग में लिवर अपना कार्य उचित रूप से नहीं कर पाता है। इसके चलते बिलीरुबिन ब्रेकडाउन में बाधा का सामना करना पड़ता है, जिससे पीलिया की समस्या बढ़ने लगती है। इसक चलते आंखों और स्किन में पीलापन बढ़ने लगता है।
खुजली वाली त्वचा
फैटी लिवर रोग से ग्रस्त महिलाओं में लिवर कोशिकाओं में सूजन और क्षति पित्त प्रवाह को बाधित कर सकती हैए जिससे ब्लड में बाइल एसिड बढ़ने लगता है, जिससे खुजली की समस्या बढ़ने लगती है। हांलाकि त्वचा पर रैशेज़ नज़र नहीं आते हैं, मगर इचिंग और जलन का सामना करना पड़ता है।
वेटगेन का सामना करना
वे महिलाएं जो सिडेंटरी लाइफ स्टाइल को फॉलो करती हैं और समय पर नहीं खाती हैं। उनमें फैटी लीवर की समस्या बढ़ जाती है। इसके चलते लिवर में फैट एकत्रित होने लगते है, जो वेटगेन की समस्या को बढ़ा देता है। इससे पेट के आसपास चर्बी जमा होने लगती है। इसके अलावा शरीर में इंफ्लामेशन की भी शिकायत बनी रहती है।
नींद की कमी
फैटी लिवर के चलते नींद की गुणवत्ता प्रभावित होने लगती है। दिनभर थकान और आलस्य का सामना करना पड़ता है। इसके चलते नींद न आने की समस्या बनी रहती है। दरअसल, शरीर में हार्मोनल असंतुलन अनिद्रा का कारण साबित होता है। अनहेल्दी लाइफस्टाइल इस समस्या का कारण साबित होता है। ऐसे में स्लीप पैटर्न में सुधार करके समस्या को हल किया जा सकता है।
अनियमित पीरियड्स
महिलाओं में फैटी लिवर के चलते अनियमित पीरियड्स की समस्या बनी रहती है। दरअसलए फैटी लिवर की वजह से हार्मोनल अंसतुलन हो जाता है, जिससे हैवी ब्लीडिंग की भी समस्या बनी रहती है। फैटी लिवर की समस्या मासिक धर्म चक्र में बदलाव आने का मुख्य कारण साबित होता है।