By Jyoti Sohi
Published Jan 22, 2025
आंख में नेचुरल लेंस में धुंधलापन बढ़ना मोतियाबिंद कहलाता है। इसके चलते दूर की दृष्टि प्रभावित होने लगती है और देखने में परेशानी बढ़ने लगती है। इसे अनदेखा करने से जोखिम बढ़ने लगता है। दरअसल, कैटेरेक्ट आंख के लेंस में मौजूद प्रोटीन और फाइबर खराब होने के कारण बढ़ने लगता है। इन संकेतों से जानें कि आप है मोतियाबिंद यानि कैटरेक्ट की शिकार।
चीजें डबल दिखाई देना या दोहरी दृष्टि
केटरेक्ट के चलते हर चीज़ एक की जगह दो दिखाई देने लगती है। जैसे जैसे आंखों में मोतियाबिंद बढ़ने लगता है। उसके साथ ये समस्या कम हो जाती है। कैटरेक्ट का बढ़ना आंखों की दृष्टि को भी धुंधला कर देता है। इसके चलते दूर किसी चीज़ को देखने में परेशानी बढ़ने लगती है।
रात में धुंधलापन बढ़ जाना
ड्राइविंग करते वक्त या रात में पैदल चलते समय धुंधलापन दुर्घटना का कारण बनने लगता है। ऐसे में रात के समय लाईट की रोशनी आंखों को प्रभावित करती है और व्यक्ति कोई भी चीज़ को साफतौर पर नहीं देख पाता है। इसके चलते रंग भी फीके लगने लगते है और किसी चीज़ की पहचान करने में दुविधा होती है।
रंगों का फीका दिखना
मोतियाबिंद से रंग दृष्टि प्रभावित होने लगती है। इससे कुछ रंग फीके दिखाई देने लगते हैं। दरअसल, जब मोतियाबिंद होता है, तो आपकी दृष्टि धीरे.धीरे पीले रंग की हो सकती है। इसके चलते नीले और बैंगनी के बीच अंतर करना अधिक चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
रोशनी के चारों ब्राइट सर्कल दिखना
लेंस के धुंधला होने के चलते आंख में प्रवेश करने वाला प्रकाश डिफरेक्ट होने लगता है। इसे हेलो इफेक्ट भी कहा जाता है। इसके चलते रोशनी के चारों ओर छल्ले बनते नज़र आते हैं। उस सर्कल के नज़र आने से ड्राइविंग काफी चुनौतीपूर्ण हो सकती है।
रोशनी की चमक बनती है समस्या का कारण
रात के वक्त आंखों में लाइट चमकना मोतियाबिंद का संकेत हैं। इसके चलते रोड क्रास करने से लेकर गाड़ी चलाने में मुश्किल बढ़ने लगती है। खासकर आने वाले वाहनों की हेडलाइट्स और सड़क पर रोशनी भी दृष्टि की स्थिरता को प्रभावित करती है। मोतियाबिंद बढ़ने से ये समस्या बढ़ने लगती है।
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