Healthshots
By Smita Singh
Published Aug 6, 2023
गर्भावस्था के दौरान और डिलीवरी के बाद महिलाओं को संतुलित आहार लेना चाहिए। डिलीवरी के बाद के समय में बच्चे के पोषण और विकास का एकमात्र साधन ब्रेस्ट मिल्क होता है। इसलिए पोस्टपार्टम डाइट हेल्दी होनी चाहिए।
रोजाना एक बाउल पका पपीता, एक मध्यम आकार का सेब और कुछ ब्लूबेरी रोज खाएं। फल जरूरी विटामिन और मिनरल से भरपूर होते हैं। फाइबर के अलावा इनमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट मां और बच्चे, दोनों की सेहत के लिए जरूरी हैं।
रोजाना एक मुट्ठी भीगे हुए बादाम, 2 अंजीर या 2 खजूर को जरूर डाइट में शामिल करें। ड्राई फ्रूट्स में फ़ैटी एसिड होता है, जो शरीर में होने वाले सूजन को कम करता है। उनमें कई प्रकार के मिनरल और विटामिन भी होते हैं।
पोस्टपार्टम डाइट में लौकी, तुरई, कद्दू और मेथी जैसी आसानी से पचने वाली सब्जियों को शामिल करें। इसमें मौजूद फाइबर कब्ज नहीं होने देता है। पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं।
प्रसव के बाद अजवाइन पानी ले सकती हैं महिलाएं। सामान्य पानी की बजाय इस पानी का प्रयोग कर सकती हैं। पहले 40 दिनों तक इसका सेवन करें। यह प्रसव बाद दर्द और वजन को कम करता है। ब्रेस्ट फीड में अजवाइन की मौजूदगी से शिशुओं को पेट दर्द, मरोड़ या गैस की दिकक्त नहीं होती है।
मसूर दाल में फोलिक एसिड या फोलेट पाया जाता है। फोलेट शिशु में न्यूरल ट्यूब दोष के जोखिम को कम करता है। गर्भवती महिलाओं को प्रतिदिन 520 माइक्रोग्राम फोलेट का सेवन करना चाहिए।
8 सप्ताह तक प्रतिदिन दो गोंद के लड्डू खाएं। डिलीवरी के बाद ओमेगा 3 फैटी एसिड की कमी के कारण पोस्टपार्टम डिप्रेशन हो सकता है। लड्डू में मौजूद गोंद, अलसी, घी ओमेगा 3 फैटी एसिड देते हैं।
पाचन को आसान बनाने और स्तनपान में मदद के लिए खुद को अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रखें। डॉक्टर के निर्देशानुसार, प्रसव बाद स्तनपान के दौरान पोषण की कमी से बचने के लिए कैल्शियम, विटामिन डी, आयरन और विटामिन बी 12 सप्लीमेंट भी लें।