By Jyoti Sohi
Published Apr 05, 2025
आयुर्वेद में पंचकर्म की मदद से शरीर में मौजूद दोषों को दूर करने में मदद मिलती है। पंचकर्म यानि वो पांच क्रियाएं, जिनकी मदद से शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को खत्म किया जा सकता है। जानते हैं इससे शरीर को मिलने वाले फायदे।
क्या हैं आयुर्वेद के पंच कर्म?
आयुर्वेद में पंचकर्म उन पाँच मुख्य क्रियाओं के समूह को कहते है, जिससे शरीर को डिटॉक्स करने में मदद मिलती है। इसमें वमन यानि उल्टी, विरेचन यानि शुद्धिकरण, बस्ती यानि एनिमा, नस्य मतलब नाक से दवा डालना और रक्तमोक्षण शामिल हैं। इनकी मदद से व्यक्ति के शरीर को कई रोगों से मुक्ति मिलती है और शरीर स्वस्थ हो जाता है।
गट हेल्थ को करे बूस्ट
इस दौरान विरेचन क्रिया का इस्तेमाल आंतों की सफाई के लिए किया जाता है। विषाक्त पदार्थों को दूर करने के लिए तेल लगाने और सिकाई की मदद ली जाती है। इसकी मदद से पीलिया, कोलाइटिस और सीलिएक रोग से राहत मिलती है।
नींद की समस्या होगी हल
पंचकर्मा की मदद से मस्तिष्क में बढ़ने वाले तनाव को कम किया जा सकता है। इससे मानसिक शांति प्राप्त होती है और चीजों को याद रखने की क्षमता में सुधार आने लगता है। इसे थेरेपी की मदद से नींद की गुणवत्ता में सुधार आने लगता है और शरीर दिनभर एक्टिव रहता है।
वज़न को बनाए संतुलित
इसकी मदद से शरीर में जमा अतिरिक्त फैट्स से राहत मिलती है और वॉटर रिटेंशन की समस्या भी हल होने लगती है। साथ ही कैलोरीज़ को बर्न करने में भी मदद मिल जाती है। इससे शरीर का वज़न संतुलित बना रहता है और शरीर एक्टिव व हेल्दी रहता है।
दर्द से राहत
इस प्रक्रिया के तहत अभ्यांग यानि ऑयल मसाज की मदद से शरीर में बढ़ने वाले दर्द को कम किया जा सकता है। साथ ही अर्थराइटिस व ओस्टियोपिरोसिस से भी राहत मिल जाती है। शरीर में बढ़ने वाली ऑक्सीडेटिव तनाव से राहत मिलती है और शरीर संतुलित बना रहता है।
स्किन संबधी समस्याओं से मिलेगी राहत
इससे स्किन क्लीन और क्लीयर दिखती है। त्वचा पर मौजूद अतिरिक्त ऑयल और एक्ने की समस्या हल हो जाती है। साथ ही त्वचा की रंगत में निखार आने लगता है और त्वचा का ग्लो मेंटेन रहता है। इससे त्वचा की नमी रीस्टोर होती है और स्किन का लचीलापन बना रहता है।
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