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By Jyoti Sohi

Published Mar 14, 2024

World  Kidney Day : ये संकेत बताते हैं कि खराब हो रहीं हैं आपकी किडनी, तुरंत देना चाहिए ध्यान

किडनी हमारे शरीर का फिल्टर हैं। ये शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकाल कर हमें स्वस्थ रहने में मदद करती हैं। पर हमारी लापरवाही और लाइफस्टाइल संबंधी खराब आदतों के चलते ये भी खराब हो सकती हैं। अगली स्लाइड्स में देखिए किडनी स्वास्थ्य में गिरावट आने के संकेत।

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नेशनल किडनी फाउंडेशन की रिपोर्ट के मुताबिक विश्वभर में 10 फीसदी लोग क्रानिक किडनी डिज़ीज़ का सामनाप कर रहे हैं। अनुवाशिंकता इस रोग के बढ़ने का मुख्य कारण साबित होती है। रिसर्च के अनुसार पेरेंटस में होने वाले इस रोग के चलते बच्चों में इस समस्या का खतरा 50 फीसदी तक बढ़ जाता है।

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कैसे बढ़ता है किडनी रोग का खतरा

वे लोग जो क्रानिक किडनी डिज़ीज़ से ग्रस्त है, उन्हें अपने खान पान को लेकर सतर्क रहने ीक आवश्यकता होती है। ऑयली और मसालेदार खाना खाने से उनके शरीर में एसिडिटी का खतरा बढ़ने लगता है और अपच व ब्लोटिंग की समस्या का सामना करना पड़ता है।

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एसिडिटी की समस्या

हेल्दी किडनी से शरीर में एरीथ्रोपोइटिन हार्मोन बनने लगता है, जिससे शरीर में ऑक्सीजऩ की उचित मात्रा बनी रहती है। मगर वे लोग जो किडनी रोग से ग्रस्त है, उनके शरीर में ऑक्सीजन का स्तर कम होने लगता है, जिससे ब्रेन और मसल्स को ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है।

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थकान महसूस होना

पेट के दांए और बाएं हिस्से में दर्द महसूस होने लगता है। अधिकतर लोग इसे पीठ कार दर्द समझने लगते हैं। मगर वास्तव में ये एक्यूट किडनी डिज़ीज़ का एक लक्षण है। समय पर इसकी पहचान होने से इलाज संभव होता है।

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पेट में दर्द

शरीर का पाचनतंत्र कमज़ोर होने से उल्टी और अपच की स्थिति बनी रहती है। इसके अलावा वेटलॉस की समस्या का भी सामना करना पड़ता है। शरीर में मौजूद विषैले पदार्थों के डिटॉक्स न होने से लो एपिटाइट की समस्या बनी रहती है।

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डाइजेशन कमज़ोर होना

विषैले पदार्थों के डिटॉकस न होने के चलते शरीर में वॉटर रिटेंशन का सामना करना पड़ता है। इससे पेट के अलावा हाथों और पैरों में भी सूजन बनी रहती है। शरीर में तरल पदार्थों का स्तर बएत्रने से पेट में सूजनकी समस्या बनी रहती है।

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पेट में सूजन का बढ़ना

किडनी रोग का प्रभाव मानसिक स्वास्थ्य पर भी नज़र आने लगता है। ब्रेन का ऑक्सीजन की प्राप्ति न होने से किसी काम में फोक्स करने और कुछ भी याद रखने में समस्या का सामना करना पड़ता है। इससे यादाश्त कम होने लगती है।

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याददाश्त का कम होना