Healthshots
By Anjali Kumari
Published July 25, 2024
एक्सपर्ट के अनुसार महिलाओं को अपने लिए अंडरवियर चुनते समय बहुत सावधानी बरतनी चाहिए। कॉटन का सफेद अंडरवियर एक बेहतरीन विकल्प है। कॉटन ऐसा फैब्रिक है जिससे हवा आसानी से पास होती है और नमी नहीं बनती, जिससे बैक्टीरिया के पनपने का खतरा कम हो जाता है।
अंडरवियर को माइल्ड डिटर्जेंट से धोएं और संभव हो सके, तो अन्य कपड़ों से अलग धोएं। कई बार डिटर्जेंट के केमिकल्स आपकी त्वचा के साथ रिएक्ट कर आपकी इंटिमेट एरिया को संक्रमित कर सकते हैं। वहीं अंडरवियर में आफ्टर वॉश फ्रेगनेंस के इस्तेमाल से बचें।
व्यायाम के दौरान पहने गए अंडरवियर और गीले स्विमसूट को फौरन बदलने की आदत डालें। उतारने के बाद इंटिमेट एरिया को अच्छी तरह साफ करना न भूलें। इसके लिए शॉवर लेना सबसे अच्छा आइडिया है। इससे संक्रमण का खतरा कम हो जाता है।
बहुत टाइट अंडरवियर, पैंट्स या लैगिंग्स पहनने से बचना चाहिए। ऐसे कपड़े पहनने से हवा पास नहीं हो पाती और इंटिमेट एरिया में लगातार पसीना आता रहता है। अत्यधिक पसीना या नमी इकट्ठा होने के कारण बैक्टीरिया या यीस्ट पैदा हो सकते हैं, जिससे योनि में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
कई बार बदबू से बचने के लिए लड़कियां अपने इंटीमेट एरिया में परफ्यूम लगा लेती हैं। पर यह बेहद खतरनाक हो सकता है। डॉ. अनीता कहती हैं, “योनि के आसपास की जगह परफ्यूम या डिओंडरेंट का इस्तेमाल न करें। इससे एलर्जी या रैशेज़ हो सकते हैं। सही वेजाइनल हाइजीन आपको बदबू से बचाएगी।
महिलाओं को अपने इंटीमेट एरिया को माइल्ड साबुन व पानी या सिर्फ गुनगुने पानी से अच्छी तरह साफ करना चाहिए। फ्रेगरेंस वाले साबुन में केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे वेजाइना का पीएच असंतुलित हो सकता है। ऐसे में बैक्टीरिया या यीस्ट का ग्रोथ बढ़ जाता है और संक्रमण आसानी से आपको प्रभावित कर सकता है।
पीरियड्स में सैनिटरी पैड्स को नियमित अंतराल पर बदलती रहें। अगर लंबे समय तक सैनिटरी पैड नहीं बदला जाए, तो उससे त्वचा पर रैशेज़ हो सकते हैं और बदबू आना शुरू हो जाती है। सामान्य ब्लड फ्लो में महिलाओं को हर 4 से 6 घंटे में सैनिटरी पैड बदलना चाहिए। वहीं मेंस्ट्रुअल कप या टैंपून का इस्तेमाल भी सुरक्षित रहेगा।
मानसून में पैड की जगह अगर मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल किया जाए तो वो ज्यादा सुरक्षित माना जाता है। क्योंकि इसमें कुछ भी गीला नहीं होता है और इसे वेजाइना के अंदर लगाया जाता है, जिससे ब्लड बाहर बहता नहीं है। मेंस्ट्रुअल कप को पहनकर स्विमिंग, स्कूबा डाइविंग सब किया जा सकता है।
पर्याप्त मात्रा में फल, सब्ज़ियां व फाइबर युक्त डाइट आपके योनि स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है। डॉ. अनीता सुझाव देती हैं, “योगर्ट जैसे खाद्य पदार्थों में अच्छे बैक्टीरिया होते हैं, जो वेजाइनल फ्लोरा को बरकरार रखते हैं। अगर आपको बार-बार UTI की शिकायत रहती है, तो ढेर सारा पानी पिएं व अन्य हाइड्रेटिंग ड्रिंक्स का सेवन करें।”